अपने एक हाथ में दूरबीन और दूसरे में लैंस लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत का विकास खोजने निकले हैं. हरीश रावत ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी में कहा कि वो केदारनाथ की ऊंची-ऊंची चोटियों से मोदी और त्रिवेंद्र सरकार का विकास खोजेंगे.
उन्होंने कहा कि दूरबीन से विकास को दूर तक खोजूंगा, और नहीं दिखा तो लैंस का सहारा लूंगा.
पूर्व सीएम हरीश रावत 5 मई से केदारनाथ घाटी के दौरे पर निकल चुके हैं. दिलचस्प बात ये है कि वो अपने साथ लेंस और दूरबीन भी लेकर जाएंगे ताकि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की गहन पड़ताल कर सकें. वे भाजपा सरकार पर हमले की तैयारी में हैं. चार दिन के अपने कार्यक्रम में हरीश रावत अपनी सरकार और भाजपा की सरकार के दौरान हुए कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगें. इस यात्रा के दौरान उत्तराखंड में कितना विकास हुआ है. यह दूरबीन और सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखेंगे.
हरीश रावत ने पहले केदारनाथ के कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ जाने का मन बनाया था पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा शासित राज्यों के सीएम के आने की घोषणा के बाद इसे बदल दिया था. अब वह 8 मई को केदारनाथ धाम पहुचेंगे. इससे पहले शनिवार से वह केदार घाटी के विभिन्न स्थानों पर पैदल भ्रमण करके पुनर्निर्माण कार्यों की अपने हिसाब से समीक्षा करेंगे.
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में यदि सरकार ने अच्छा काम किया होगा तो सराहना...
अपने एक हाथ में दूरबीन और दूसरे में लैंस लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत का विकास खोजने निकले हैं. हरीश रावत ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी में कहा कि वो केदारनाथ की ऊंची-ऊंची चोटियों से मोदी और त्रिवेंद्र सरकार का विकास खोजेंगे.
उन्होंने कहा कि दूरबीन से विकास को दूर तक खोजूंगा, और नहीं दिखा तो लैंस का सहारा लूंगा.
पूर्व सीएम हरीश रावत 5 मई से केदारनाथ घाटी के दौरे पर निकल चुके हैं. दिलचस्प बात ये है कि वो अपने साथ लेंस और दूरबीन भी लेकर जाएंगे ताकि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की गहन पड़ताल कर सकें. वे भाजपा सरकार पर हमले की तैयारी में हैं. चार दिन के अपने कार्यक्रम में हरीश रावत अपनी सरकार और भाजपा की सरकार के दौरान हुए कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगें. इस यात्रा के दौरान उत्तराखंड में कितना विकास हुआ है. यह दूरबीन और सूक्ष्मदर्शी यंत्र से देखेंगे.
हरीश रावत ने पहले केदारनाथ के कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ जाने का मन बनाया था पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा शासित राज्यों के सीएम के आने की घोषणा के बाद इसे बदल दिया था. अब वह 8 मई को केदारनाथ धाम पहुचेंगे. इससे पहले शनिवार से वह केदार घाटी के विभिन्न स्थानों पर पैदल भ्रमण करके पुनर्निर्माण कार्यों की अपने हिसाब से समीक्षा करेंगे.
उन्होंने कहा कि केदारनाथ में यदि सरकार ने अच्छा काम किया होगा तो सराहना करूंगा और काम नहीं किया तो ट्वीट कर जनता को बताऊंगा. रावत ने कहा कि भाजपा ने केदारनाथ धाम जैसी पवित्र जगह में लेज़र शो से शिव महिमा दिखाने का ढोंग किया, जहां शिव जीवंत रूप में मौजूद हैं. यही कारण रहा कि भाजपा का लेज़र शो फ्लॉप हो गया. (यहां बता दें कि 20 मिनट के लेज़र शो में 5 मिनट मोदी सरकार का गुणगान था जिसका केदारनाथ के पुरोहितों ने विरोध किया जिसके बाद लेजर शो रोक दिया गया).
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