• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

तो क्या अमेठी और सुल्तानपुर सीट पर 'गांधी बनाम गांधी' का मुकाबला होगा?

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 07 अप्रिल, 2019 08:39 PM
  • 07 अप्रिल, 2019 08:39 PM
offline
मेनका गांधी अब सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं, जो बगल के अमेठी जाकर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव प्रचार कर सकती हैं. वहीं अमेठी से राहुल गांधी मैदान में हैं, जो अब सुल्तानपुर जाकर मेनका गांधी के खिलाफ चुनाव प्रचार कर सकते हैं.

इधर राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, उधर चाची मेनका गांधी ने अमेठी से राहुल का पत्ता साफ करने की योजना बना ली है. इस बार मेनका गांधी की लोकसभा सीट को बेटे वरुण गांधी की सीट से बदल दिया गया है. 2019 का लोकसभा चुनाव वरुण गांधी पीलीभीत से लड़ेंगे, जबकि उनके संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर की जिम्मेदारी मेनका गांधी को दे दी गई है. सुल्तानपुर अमेठी के बिल्कुल बगल में है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि मेनका गांधी अमेठी जाकर राहुल गांधी के खिलाफ भी चुनाव करने से नहीं चूकेंगी. वैसे ही वह कह चुकी हैं कि जो भी पार्टी कहेगी, वह करेंगी. यानी 'गांधी बनाम गांधी.'

वहीं दूसरी ओर, अब तक सुल्तानपुर से वरुण गांधी चुनाव लड़ते थे. राहुल-प्रियंका और सोनिया गांधी के भले ही मेनका गांधी के साथ अच्छे रिश्ते ना हों, लेकिन वरुण गांधी के साथ उनके अच्छे सबंध हैं. यही वजह है कि गांधी परिवार ने 2014 में पूरे यूपी में घूम-घूमकर चुनाव प्रचार किया, लेकिन सुल्तानपुर नहीं गए, क्योंकि वहां से वरुण गांधी चुनाव लड़ रहे थे. इस बार यहां से मेनका गांधी चुनाव मैदान में हैं तो उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार गांधी परिवार उनके खिलाफ चुनाव प्रचार करने सुल्तानपुर भी आए. यानी यहां भी 'गांधी बनाम गांधी.'

मेनका गांधी अब अमेठी के बगल में सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं.

मां-बेटे की सीट की क्यों हुई अदला बदली?

गांधी बनाम गांधी का मुकाबला होने पर सबसे पहला सवाल यही उठता है कि आखिर वरुण गांधी और मेनका गांधी की सीटों की अदला बदली क्यों की गई. जब ये सवाल मेनका गांधी से पूछा गया तो उन्होंने ये कहकर बात को टाल दिया कि पार्टी का यही आदेश है. लेकिन अगर थोड़ा गौर करें तो तस्वीर कुछ अलग ही दिखती है.

कुछ दिन पहले ही सुल्तानपुर क्षेत्र के कुछ...

इधर राहुल गांधी ने केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, उधर चाची मेनका गांधी ने अमेठी से राहुल का पत्ता साफ करने की योजना बना ली है. इस बार मेनका गांधी की लोकसभा सीट को बेटे वरुण गांधी की सीट से बदल दिया गया है. 2019 का लोकसभा चुनाव वरुण गांधी पीलीभीत से लड़ेंगे, जबकि उनके संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर की जिम्मेदारी मेनका गांधी को दे दी गई है. सुल्तानपुर अमेठी के बिल्कुल बगल में है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि मेनका गांधी अमेठी जाकर राहुल गांधी के खिलाफ भी चुनाव करने से नहीं चूकेंगी. वैसे ही वह कह चुकी हैं कि जो भी पार्टी कहेगी, वह करेंगी. यानी 'गांधी बनाम गांधी.'

वहीं दूसरी ओर, अब तक सुल्तानपुर से वरुण गांधी चुनाव लड़ते थे. राहुल-प्रियंका और सोनिया गांधी के भले ही मेनका गांधी के साथ अच्छे रिश्ते ना हों, लेकिन वरुण गांधी के साथ उनके अच्छे सबंध हैं. यही वजह है कि गांधी परिवार ने 2014 में पूरे यूपी में घूम-घूमकर चुनाव प्रचार किया, लेकिन सुल्तानपुर नहीं गए, क्योंकि वहां से वरुण गांधी चुनाव लड़ रहे थे. इस बार यहां से मेनका गांधी चुनाव मैदान में हैं तो उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार गांधी परिवार उनके खिलाफ चुनाव प्रचार करने सुल्तानपुर भी आए. यानी यहां भी 'गांधी बनाम गांधी.'

मेनका गांधी अब अमेठी के बगल में सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं.

मां-बेटे की सीट की क्यों हुई अदला बदली?

गांधी बनाम गांधी का मुकाबला होने पर सबसे पहला सवाल यही उठता है कि आखिर वरुण गांधी और मेनका गांधी की सीटों की अदला बदली क्यों की गई. जब ये सवाल मेनका गांधी से पूछा गया तो उन्होंने ये कहकर बात को टाल दिया कि पार्टी का यही आदेश है. लेकिन अगर थोड़ा गौर करें तो तस्वीर कुछ अलग ही दिखती है.

कुछ दिन पहले ही सुल्तानपुर क्षेत्र के कुछ लोगों ने थाने में वरुण गांधी के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई थी. दरअसल, लोगों का कहना था कि कई महीनों से वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र नहीं आए हैं. ऐसे में ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वरुण गांधी से लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी ने मेनका गांधी को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं दूसरी ओर पीलीभीत से वरुण गांधी को भले ही चुनाव लड़ा रहे हों, लेकिन चेहरा मेनका गांधी का ही रहेगा.

दूसरा पहलू भाजपा की रणनीति लगता है!

इसका एक दूसरा पहलू भी हो सकता है. राहुल गांधी की अमेठी पर पकड़ काफी कमजोर हो गई है, जिसे भांपते हुए उन्होंने केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जो उनके लिए बिल्कुल सुरक्षित सीट है. भाजपा इस बार हर हाल में अमेठी को जीतना चाहती है. भाजपा की योजना है कि मेनका गांधी को अमेठी के बगल वाली सीट सुल्तानपुर लाकर अमेठी में भी राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव प्रचार कराया जाए, ताकि यहां से राहुल गांधी के जीतने की कोई संभावना ही ना रहे. आपको बता दें कि अगर सुल्तानपुर से वरुण गांधी चुनाव लड़ते तो वह राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव प्रचार नहीं करते, क्योंकि राहुल से उनके काफी अच्छे संबंध हैं और प्रियंका को तो वह अपनी बड़ी बहन जैसा आदर देते हैं. यूं लग रहा है कि भाजपा ने कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी को छीनने का पूरा प्लान बना लिया है.

सुल्तानपुर सीट शुरुआत में तो कांग्रेस का गढ़ रही थी, लेकिन 1984 के बाद अब तक सिर्फ एक बार कांग्रेस यहां से जीत पाई है. 2009 में कांग्रेस के संजय सिंह यहां से जीते थे, जो इस बार भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से मैदान में हैं. इस सीट का जातीय समीकरण देखा जाए तो अनुसूचित जाति के 20 फीसदी से अधिक मतदाता हैं, जबकि सवर्ण और मुस्लिम करीब 18-18 फीसदी हैं. इस सीट से कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होने की वजह से मुस्लिम वोटर यहां पर निर्णायक साबित होते हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उनका वोट भाजपा को जाता है या कांग्रेस को.

ये भी पढ़ें-

दिल्ली में आप-कांग्रेस के 'मिलन' की बेकरारी बस खत्म!

कांग्रेस के पाले में बीजेपी के शत्रु से ये गलती तो होती ही रहेगी

आडवाणी जिसे चुनाव बता रहे - मोदी-शाह के लिए जंग है जिसमें सब जायज है!


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲