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15 लाख के सवाल पर भरी सभा में दिग्विजय पर 'सर्जिकल स्ट्राइक'

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 22 अप्रिल, 2019 10:25 PM
  • 22 अप्रिल, 2019 10:25 PM
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भोपाल में अपनी ही सभा में अपनी किरकिरी कराने वाले दिग्विजय सिंह समझ गए होंगे कि देश की जनता के लिए 15 लाख का मतलब सर्जिकल स्ट्राइक है. जनता को लग गया है कि सर्जिकल स्ट्राइक हो गई है मतलब खाते में 15 लाख आ गए हैं.

भाजपा द्वारा साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने के बाद से ही दिग्विजय सिंह के तारे गर्दिश में हैं. भोपाल में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह अपनी ही एक जनसभा में बुरे फंसे हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा है. वीडियो देखने पर साफ पता चल रहा है कि जनसभा के दौरान दिग्विजय सिंह को अपने बड़बोलेपन का खामियाजा एक बार फिर भुगतना पड़ा है और उन्होंने अपनी किरकिरी खुद करवाई है.

दरअसल हुआ कुछ यूं था कि चुनावों में अपने प्रचार के सिलसिले में दिग्विजय सिंह मंच पर थे और 15 लाख रुपयों को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार को घेर रहे थे.

दिग्विजय ने उपस्थित लोगों से पूछा कि, जिसके खाते में पंद्रह लाख रुपए आ गए हैं वो हाथ उठा दे. दिग्विजय के इस सवाल पर सभा में मौजूद एक लड़के ने हाथ उठा दिया. लड़के से संबोधित होते हुए दिग्विजय सिंह ने पूछा कि तुम्हारे खाते में आ गए? आ जाओ इधर आ जाओ. अकाउंट नंबर ले आओ. तुम्हारा हम तुम्हारा नागरिक अभिनंदन करेंगे. तुम्हारे खाते में 15 लाख रुपए आ गए हैं - आ जाओ बेटे इधर आ जाओ - लड़के के मंच पर आने के बाद दिग्विजय ने फिर से सवाल करते हुए कहा कि, तेरे खाते में मोदी जी ने 15 लाख रुपए भिजवा दिए? बोलो ?

भोपाल में हुई ताजी घटना के बाद साफ हो गया है कि दिग्विजय सिंह के तारे गर्दिश में हैं और जब तक समय सही नहीं हो जाता उन्हें विवादों से दूर रहना चाहिए.

लड़के ने कहा कि, 'सर्जिकल स्ट्राइक करके मोदी जी ने आतंकवादियों को मारा.' लड़के की ये बात दिग्विजय सिंह को आहत कर गयी और उन्होंने ये कहते हुए लड़के को धक्का दे दिया कि...

भाजपा द्वारा साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिए जाने के बाद से ही दिग्विजय सिंह के तारे गर्दिश में हैं. भोपाल में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह अपनी ही एक जनसभा में बुरे फंसे हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा है. वीडियो देखने पर साफ पता चल रहा है कि जनसभा के दौरान दिग्विजय सिंह को अपने बड़बोलेपन का खामियाजा एक बार फिर भुगतना पड़ा है और उन्होंने अपनी किरकिरी खुद करवाई है.

दरअसल हुआ कुछ यूं था कि चुनावों में अपने प्रचार के सिलसिले में दिग्विजय सिंह मंच पर थे और 15 लाख रुपयों को मुद्दा बनाकर मोदी सरकार को घेर रहे थे.

दिग्विजय ने उपस्थित लोगों से पूछा कि, जिसके खाते में पंद्रह लाख रुपए आ गए हैं वो हाथ उठा दे. दिग्विजय के इस सवाल पर सभा में मौजूद एक लड़के ने हाथ उठा दिया. लड़के से संबोधित होते हुए दिग्विजय सिंह ने पूछा कि तुम्हारे खाते में आ गए? आ जाओ इधर आ जाओ. अकाउंट नंबर ले आओ. तुम्हारा हम तुम्हारा नागरिक अभिनंदन करेंगे. तुम्हारे खाते में 15 लाख रुपए आ गए हैं - आ जाओ बेटे इधर आ जाओ - लड़के के मंच पर आने के बाद दिग्विजय ने फिर से सवाल करते हुए कहा कि, तेरे खाते में मोदी जी ने 15 लाख रुपए भिजवा दिए? बोलो ?

भोपाल में हुई ताजी घटना के बाद साफ हो गया है कि दिग्विजय सिंह के तारे गर्दिश में हैं और जब तक समय सही नहीं हो जाता उन्हें विवादों से दूर रहना चाहिए.

लड़के ने कहा कि, 'सर्जिकल स्ट्राइक करके मोदी जी ने आतंकवादियों को मारा.' लड़के की ये बात दिग्विजय सिंह को आहत कर गयी और उन्होंने ये कहते हुए लड़के को धक्का दे दिया कि अरे 15 लाख रुपए आए कि नहीं आए? इसके बाद दिग्विजय सिंह ने लड़के पर तंज कसते हुए कहा कि, 'सर्जिकल स्ट्राइक में मारा- तेरे खाते में 15 लाख रुपए आए कि नहीं आए - अरे क्या बात करते हो? तेरे को रोजगार मिला क्या भाई गुलाबी शर्ट? 15 लाख रुपए तेरे खाते में आ गए. तेरे को नौकरी भी मिल गई.'

कुल मिलाकर कहा जाए तो जिस अंदाज में दिग्विजय सिंह की 15 लाख की ईंट का जवाब लड़के ने अपने सर्जिकल स्ट्राइक वाले पत्थर से दिया साफ कर देता है कि देश की जनता अपने आपको सुरक्षित देखना चाहती है. कह सकते हैं 2014 के बाद 2019 के इस चुनाव में देश की आंतरिक सुरक्षा और पाकिस्तान एक बड़ा मुद्दा है. जिसके चलते देश की जनता यही महसूस कर रही है कि देश और देश का नेतृत्व सुरक्षित हाथों में है.

बहरहाल, भोपाल में जिस तरह अपनी ही सभा में दिग्विजय का पासा उलटा पड़ा कहा जा सकता है कि देश की जनता के लिए 15 लाख का मतलब सर्जिकल स्ट्राइक है जो उसे मिल चुकी है और जिसके बाद वो अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहा है.

बाक़ी बात की शुरुआत में दिग्विजय सिंह की बदकिस्मती का जिक्र हुआ है. तो हम उनको इतना कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि, अभी भी उनके पास वक़्त है या तो वो किसी अच्छे पंडित को अपनी कुंडली दिखाएं. या फिर चुनाव परिणामों तक अपने मुंह पर ताला जड़ते हुए बेवजह के विवादों से दूर रहें. ऐसा इसलिए क्योंकि कहावत यही है कि जब व्यक्ति का समय खराब रहता है तो यदि वो हाथी पर भी बैठ जाए तो कुत्ता काट लेता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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