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Coronavirus outbreak: प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी खबर बिहार की मुसीबत बन रही है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 23 मई, 2020 06:29 PM
  • 23 मई, 2020 06:26 PM
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आने वाले वक़्त में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर सबसे ख़राब स्थिति बिहार (Bihar) की होने वाली है. कारण है प्रवासी मजदूर (Migrant Workers) जिन्हें अपनी खुशियां तो मिल गयीं मगर उन खुशियों का खामियाजा एक राज्य के रूप में बिहार को भुगतना पड़ेगा.

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते हुए लॉक डाउन (Lockdown) को 4 चरण हो गए हैं लेकिन जैसी स्थिति वर्तमान में है हालात चिंताजनक है. ऐसे में अगर हम बात बिहार (Bihar) की करें तो बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है. बिहार को लेकर विशेषज्ञों की यही राय है कि आने वाले वक्त में बिहार कोरोना के मद्देनजर दिल्ली (Delhi), गुजरात (Gujarat) और महाराष्ट्र (Maharashtra) जैसे राज्यों को मात देकर कोरोना वायरस का नया गढ़ या ये कहें कि हॉट स्पॉट होगा. भले ही ये बातें विचलित कर दें मगर ये एक ऐसा सच है जिसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता. बिहार के रहने वाले और रोजगार की तलाश में देश भर में फैले प्रवासी मजदूर बिहार लौट चुके हैं और उनके लौटने के साथ ही बढ़ गया है कोरोना का खौफ.

बता दें कि बीते कुछ दिनों से बिहार में कोरोना के मामलों को काफ़ी इजाफा देखने को मिला है. गुरुवार को ही बिहार में कोरोना के 380 मामले हुए हैं और इसके बाद बिहार में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 2000 के आस पास हो चुकी है. जिस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं माना यही जा रहा है कि बिहार अगला वो राज्य है जहां कोरोना को लेकर मुसीबत आने वाली है.

ध्यान रहे कि बिहार वो राज्य जा जहां सिर्फ मई महीने में कोरोना के 450 केस सामने आए हैं. 4 मई के बाद जैसे लॉक डाउन खुला बिहार में कोरोना मामलों की जैसे बाढ़ आ गई. बताया जा रहा है कि बिहार में मामले सिर्फ इसलिए बढ़े क्यों कि मजदूर वापस अपने घरों की तरफ लौटे थे. बात अगर अप्रैल की हो तो बिहार में कोरोना का बूम 20 अप्रैल के बाद आया था.

आने वाले वक़्त में कोरोना के मद्देनजर बिहार की स्थिति बहुत ख़राब होने वाली है

अप्रैल से लेकर मई तक जैसे आंकड़े हैं स्थिति बद से बदतर हुई है और वर्तमान में कोरोना...

कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते हुए लॉक डाउन (Lockdown) को 4 चरण हो गए हैं लेकिन जैसी स्थिति वर्तमान में है हालात चिंताजनक है. ऐसे में अगर हम बात बिहार (Bihar) की करें तो बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है. बिहार को लेकर विशेषज्ञों की यही राय है कि आने वाले वक्त में बिहार कोरोना के मद्देनजर दिल्ली (Delhi), गुजरात (Gujarat) और महाराष्ट्र (Maharashtra) जैसे राज्यों को मात देकर कोरोना वायरस का नया गढ़ या ये कहें कि हॉट स्पॉट होगा. भले ही ये बातें विचलित कर दें मगर ये एक ऐसा सच है जिसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता. बिहार के रहने वाले और रोजगार की तलाश में देश भर में फैले प्रवासी मजदूर बिहार लौट चुके हैं और उनके लौटने के साथ ही बढ़ गया है कोरोना का खौफ.

बता दें कि बीते कुछ दिनों से बिहार में कोरोना के मामलों को काफ़ी इजाफा देखने को मिला है. गुरुवार को ही बिहार में कोरोना के 380 मामले हुए हैं और इसके बाद बिहार में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 2000 के आस पास हो चुकी है. जिस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं माना यही जा रहा है कि बिहार अगला वो राज्य है जहां कोरोना को लेकर मुसीबत आने वाली है.

ध्यान रहे कि बिहार वो राज्य जा जहां सिर्फ मई महीने में कोरोना के 450 केस सामने आए हैं. 4 मई के बाद जैसे लॉक डाउन खुला बिहार में कोरोना मामलों की जैसे बाढ़ आ गई. बताया जा रहा है कि बिहार में मामले सिर्फ इसलिए बढ़े क्यों कि मजदूर वापस अपने घरों की तरफ लौटे थे. बात अगर अप्रैल की हो तो बिहार में कोरोना का बूम 20 अप्रैल के बाद आया था.

आने वाले वक़्त में कोरोना के मद्देनजर बिहार की स्थिति बहुत ख़राब होने वाली है

अप्रैल से लेकर मई तक जैसे आंकड़े हैं स्थिति बद से बदतर हुई है और वर्तमान में कोरोना का डबलिंग रेट 13.45 दिन है.गौरतलब है कि बीते हुए दिन यानी गुरुवार ने देश की सरकार को सकते में डाल दिया है. एक ही दिन में 6000 से ऊपर मामले दर्ज होना इस बात की तस्दीख कर रहा है कि आगे जैसे जैसे दिन बीतेंगे हम ऐसा बहुत कुछ देखने वाले हैं जिसकी कल्पना शायद ही हमने की हो.

एक्सपर्ट्स की बातों पर यदि विश्वास करें तो कहा तो यहां तक जा रहा है कि जैसी स्थिति हाल के दिनों में महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में देखने को मिली है वैसा ही कुछ हम आने वाले वक्त में बिहार में देख सकते हैं.बिहार की ताजा स्थिति पर न सिर्फ़ राज्य सरकार और मुख्यंमत्री नीतीश कुमार चिंतित हैं बल्कि केंद्र सरकार तक सकते में है.

कोरोना को लेकर बिहार की स्थिति क्या होगी फैसला आने वाला वक़्त करेगा मगर जो वर्तमान है वो इसलिये भी डराने वाला है क्योंकि मजदूरों को उनकी ख़ुशी तो मिल गई है मगर राज्य खतरे के निशान से कहीं ऊपर आ गया है. जैसी स्थिति है ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि प्रवासी मज़दूरों के लिए अच्छी खबर एक राज्य के रूप में बिहार की मुसीबत बन रही है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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