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गुजरात और हिमाचल चुनाव : क्या मोदी फिर देंगे सरप्राइज मुख्यमंत्री !

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 20 दिसम्बर, 2017 01:34 PM
  • 20 दिसम्बर, 2017 01:34 PM
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मोदी शाह की जोड़ी ने देश को भगवा रंग में रंगने के साथ साथ सीएम पद के मिथकों को भी तोड़ने का काम लगातार किया है. अब गुजरात और हिमाचल के चुनावों में वो क्या नया लाते हैं ये देखने की बात होगी.

मोदी और शाह की जोड़ी ने एक बार फिर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में भाजपा को जीत दिलाई. लेकिन अब दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर संशय बना हुआ है. और ये संशय इसलिए क्योंकि हिमाचल में बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार चुके हैं. जबकि गुजरात में विजय रुपानी के जीतने के बावजूद मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं कुछ स्पष्ट नहीं है.

वैसे भी जब से मोदी शाह की जोड़ी आई है तब से भाजपा जिस भी राज्य में चुनाव जीतती है, वहां ऐसा चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में सामने लाया जाता है जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं करता. ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों राज्यों में भी भाजपा सरप्राइज दे सकती है. वैसे तो राष्ट्रपति के चुनाव में भी भाजपा ने सारे कयासों को दरकिनार करते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन राज्यों के चुनाव के बाद हमेशा ही नए चेहरों पर भरोसा किया.

जानते हैं ऐसे ही कुछ सरप्राइज़ मुख्यमंत्रियों के बारे में...

उत्तर प्रदेश: इसी साल मार्च में जब भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त वापसी की तो सारे दिग्गज नेताओं को नज़रअंदाज़ करते हुए भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री के रेस में राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा इत्यादि के नाम थे.

योगी आदित्यनाथ को भी नहीं पता था कि वो यूपी के सीएम बनने वाले हैं!

उत्तराखंड: उत्तर प्रदेश के तर्ज़ पर यहां भी त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री का ओहदा दिया गया. रावत भी भाजपा के द्वारा सरप्राइज़ मुख्यमंत्री थे. इनसे पहले विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत इत्यादि के नामों पर चर्चा हो रही थी.

मोदी और शाह की जोड़ी ने एक बार फिर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में भाजपा को जीत दिलाई. लेकिन अब दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर संशय बना हुआ है. और ये संशय इसलिए क्योंकि हिमाचल में बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार चुके हैं. जबकि गुजरात में विजय रुपानी के जीतने के बावजूद मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं कुछ स्पष्ट नहीं है.

वैसे भी जब से मोदी शाह की जोड़ी आई है तब से भाजपा जिस भी राज्य में चुनाव जीतती है, वहां ऐसा चेहरा मुख्यमंत्री के रूप में सामने लाया जाता है जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं करता. ऐसे में कयास ये लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों राज्यों में भी भाजपा सरप्राइज दे सकती है. वैसे तो राष्ट्रपति के चुनाव में भी भाजपा ने सारे कयासों को दरकिनार करते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन राज्यों के चुनाव के बाद हमेशा ही नए चेहरों पर भरोसा किया.

जानते हैं ऐसे ही कुछ सरप्राइज़ मुख्यमंत्रियों के बारे में...

उत्तर प्रदेश: इसी साल मार्च में जब भाजपा ने उत्तर प्रदेश में जबरदस्त वापसी की तो सारे दिग्गज नेताओं को नज़रअंदाज़ करते हुए भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री के रेस में राजनाथ सिंह, कलराज मिश्रा इत्यादि के नाम थे.

योगी आदित्यनाथ को भी नहीं पता था कि वो यूपी के सीएम बनने वाले हैं!

उत्तराखंड: उत्तर प्रदेश के तर्ज़ पर यहां भी त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री का ओहदा दिया गया. रावत भी भाजपा के द्वारा सरप्राइज़ मुख्यमंत्री थे. इनसे पहले विजय बहुगुणा, सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत इत्यादि के नामों पर चर्चा हो रही थी.

रावत का जैकपॉट

महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस को चुना, क्योंकि वो पार्टी का युवा चेहरा थे. हालांकि उनका प्रभाव सिर्फ नागपुर में था, लेकिन फिर भी भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री के लिए चुना. यहां केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे का नाम ज़ोर शोर से चल रहा था. 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा ने 122 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था.

देवेंद्र फड़नवीस- महाराष्ट्र में भाजपा का युवा चेहरा

हरियाणा: 2014 के विधान सभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला तो मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया. मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बनाए गए जो गैर जाट समुदाय से आते हैं. भाजपा ने 18 वर्ष बाद इस पद पर पहले गैर जाट नेता बनाने का श्रेय लिया. खट्टर मूल रूप से पंजाबी हैं. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

मनोहर लाल खट्टर- हरियाणा के पहले गैर जाट मुख्यमंत्री

झारखण्ड: भाजपा ने रघुबर दास को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंकाया था. वे झारखंड के राज्य बनने के 14 सालों बाद पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे.

रघुवर दास- झारखंड के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री

इन सारे उदाहरणों को देखने के बाद इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मोदी-शाह की जोड़ी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी नए प्रयोग के साथ सरप्राइज मुख्यमंत्रियों को सामने लाना जारी रख सकती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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