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भाजपा के राज्यसभा सांसद ने मैडल जीतने के लिए दिया नस्ल सुधारने का सुझाव

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 03 अगस्त, 2022 07:28 PM
  • 03 अगस्त, 2022 07:28 PM
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भाजपा के राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डॉ. डीपी वत्स (DP Vats) ने अंतराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की मेडल टैली को बढ़ाने के लिए भारतीयों की नस्ल में सुधार (Race Reform) लाने का सुझाव दिया. उन्‍होंने गोत्र में विवाह न करने का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अंतर-जातीय विवाह को बढ़ावा देना चाहिए.

भाजपा के राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डॉ. डीपी वत्स ने अंतराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की मेडल टैली को बढ़ाने के लिए एक गंभीर बात कही है. राज्यसभा में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022 पर चर्चा के दौरान डीपी वत्स ने ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े खेल आयोजनों में हरियाणा राज्य के खिलाड़ियों द्वारा करीब 50 फीसदी मेडल लाने का जिक्र किया. इसी के साथ डीपी वत्स ने भारत की मेडल टैली बढ़ाने के लिए 'यूजेनिक्स' के इस्तेमाल पर जोर दिया. वैसे, सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ये यूजेनिक्स है क्या? तो, आइए जानते हैं क्या है यूजेनिक्स, जो बढ़ा सकता है भारत की मेडल टैली...

सांसद डीपी वत्स खेलों को लंबे समय से फॉलो करते हैं, तो उन्हें इसकी अच्छी जानकारी है.

यूजेनिक्स को लेकर भाजपा सांसद ने क्या कहा?

राज्यसभा सांसद डीपी वत्स ने कहा कि 'स्टेरॉयड कहिए, ट्रेनिंग कहिए या यूजेनिक्स कहिए. लेकिन, एक समय इनकी वजह से सोवियत संघ और ईस्टर्न यूरोपियन देशों को खेल आयोजनों में खूब मेडल मिलते थे. यूजेनिक्स की बात हुई है, तो मैं खाप पंचायत का जिक्र जरूर करूंगा. खाप पंचायत हैं तो सामाजिक संगठन, जो स्थिरता बनाए रखते हैं. लेकिन, उनका एक नियम था कि आप नजदीकी रिश्तों में शादी नही करोगे. यानी अपने परिवार के वंश या अपने नानी के वंश या अपनी दादी के वंश में शादियों पर खाप पंचायत ने रोक लगाई गई है. जिसका सीधा सा मतलब है कि क्रॉसब्रीडिंग नस्ल में सुधार लाती है. तो, यहां मैं पूरे देश से दरख्वास्त करना चाहूंगा कि हिंदुस्तान में 5000 ऐसी जातियां और उपजातियां हैं. जिनमें आपस में शादियां नही होती हैं. एक देश का मतलब होता है कि सभी से रोटी-बेटी का संबंध. जब इस तरह की अंतरजातीय शादियां होंगी, तो हमारी मेडल टैली बढ़ सकती है. और, जातिवाद से भी छुटकारा मिल जाएगा.' 

भाजपा के राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डॉ. डीपी वत्स ने अंतराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भारत की मेडल टैली को बढ़ाने के लिए एक गंभीर बात कही है. राज्यसभा में राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022 पर चर्चा के दौरान डीपी वत्स ने ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे बड़े खेल आयोजनों में हरियाणा राज्य के खिलाड़ियों द्वारा करीब 50 फीसदी मेडल लाने का जिक्र किया. इसी के साथ डीपी वत्स ने भारत की मेडल टैली बढ़ाने के लिए 'यूजेनिक्स' के इस्तेमाल पर जोर दिया. वैसे, सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ये यूजेनिक्स है क्या? तो, आइए जानते हैं क्या है यूजेनिक्स, जो बढ़ा सकता है भारत की मेडल टैली...

सांसद डीपी वत्स खेलों को लंबे समय से फॉलो करते हैं, तो उन्हें इसकी अच्छी जानकारी है.

यूजेनिक्स को लेकर भाजपा सांसद ने क्या कहा?

राज्यसभा सांसद डीपी वत्स ने कहा कि 'स्टेरॉयड कहिए, ट्रेनिंग कहिए या यूजेनिक्स कहिए. लेकिन, एक समय इनकी वजह से सोवियत संघ और ईस्टर्न यूरोपियन देशों को खेल आयोजनों में खूब मेडल मिलते थे. यूजेनिक्स की बात हुई है, तो मैं खाप पंचायत का जिक्र जरूर करूंगा. खाप पंचायत हैं तो सामाजिक संगठन, जो स्थिरता बनाए रखते हैं. लेकिन, उनका एक नियम था कि आप नजदीकी रिश्तों में शादी नही करोगे. यानी अपने परिवार के वंश या अपने नानी के वंश या अपनी दादी के वंश में शादियों पर खाप पंचायत ने रोक लगाई गई है. जिसका सीधा सा मतलब है कि क्रॉसब्रीडिंग नस्ल में सुधार लाती है. तो, यहां मैं पूरे देश से दरख्वास्त करना चाहूंगा कि हिंदुस्तान में 5000 ऐसी जातियां और उपजातियां हैं. जिनमें आपस में शादियां नही होती हैं. एक देश का मतलब होता है कि सभी से रोटी-बेटी का संबंध. जब इस तरह की अंतरजातीय शादियां होंगी, तो हमारी मेडल टैली बढ़ सकती है. और, जातिवाद से भी छुटकारा मिल जाएगा.' 

मेरी नजरिया

भाजपा सांसद डीपी वत्स की कही बात बहुत हद तक सही भी नजर आती है. वर्तमान समय में भारत में अंतरजातीय विवाह काफी बढ़ गए हैं. क्योंकि, अब जातियों के बीच भेदभाव का स्तर सदियों पुराना जैसा नही रहा है. वैसे, तो डीपी वत्स ने मेडल टैली बढ़ाने के लिए अंतरजातीय शादियों को बढ़ावा देने का तरीका सुझाया है. लेकिन, ये सुझाव ऐसा है, जिससे देश में जातिवाद की समस्या को काफी हद तक खत्म करने में सहायता मिल सकती है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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