• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

ये तो बस वर्चुअल स्कूल है, केजरीवाल के सभी दावों का फैक्ट चेक किया जाए, तो क्या ही होगा?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 01 सितम्बर, 2022 07:14 PM
  • 01 सितम्बर, 2022 07:14 PM
offline
इंडिया टुडे की फैक्ट चेकिंग टीम AFWA की जांच में दिल्ली (Delhi) के पहले वर्चुअल स्कूल (Virtual School) के जरिये शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति करने का अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का ये दावा झूठा साबित हुआ है. वैसे, आम आदमी पार्टी शायद ही इसे मानने को तैयार होगी. क्योंकि, दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर तो न्यूयॉर्क टाइम्स ने फ्रंट पेज पर खबर छापी थी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 31 अगस्त, 2022 को दावा किया कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत कर दी है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वर्चुअल स्कूल को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत बताया था. सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा था कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने एक साल पहले वर्चुअल स्कूल की इस योजना का ऐलान किया था. 

वहीं, इंडिया टुडे की फैक्ट चेकिंग टीम AFWA की जांच में दिल्ली के पहले वर्चुअल स्कूल के जरिये शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति करने का अरविंद केजरीवाल का ये दावा झूठा साबित हुआ है. दिल्ली में पहले वर्चुअल स्कूल का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी से पहले ही यह स्कूल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन लर्निंग (NIOS) ने अगस्त 2021 में ही शुरू कर दिया था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अरविंद केजरीवाल ने जब दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) की योजना का ऐलान किया था. उससे पहले ही केंद्र सरकार ने वर्चुअल स्कूल खोल चुकी थी.  

वैसे, अक्टूबर 2020 में ही उत्तराखंड में देश के पहले वर्चुअल स्कूल का उद्घाटन कर दिया गया था. उस दौरान मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस वर्चुअल स्कूल की शुरुआत की थी. लेकिन, यह प्राइवेट वर्चुअल स्कूल था. तो, माना जा सकता है कि इसे खोलने में सरकार का कोई सहयोग नहीं था. लेकिन, यह अरविंद केजरीवाल के उस दावे को धता बताने के लिए काफी है कि आम आदमी पार्टी ने देश का पहला वर्चुअल स्कूल खोला है. इस स्थिति में कहना गलत नहीं होगा कि अरविंद केजरीवाल के सभी दावों का फैक्ट चेक किया जाए, तो पता नहीं क्या होगा?

 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 31 अगस्त, 2022 को दावा किया कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत कर दी है. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वर्चुअल स्कूल को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत बताया था. सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा था कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने एक साल पहले वर्चुअल स्कूल की इस योजना का ऐलान किया था. 

वहीं, इंडिया टुडे की फैक्ट चेकिंग टीम AFWA की जांच में दिल्ली के पहले वर्चुअल स्कूल के जरिये शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति करने का अरविंद केजरीवाल का ये दावा झूठा साबित हुआ है. दिल्ली में पहले वर्चुअल स्कूल का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी से पहले ही यह स्कूल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन लर्निंग (NIOS) ने अगस्त 2021 में ही शुरू कर दिया था. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अरविंद केजरीवाल ने जब दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल (DMVS) की योजना का ऐलान किया था. उससे पहले ही केंद्र सरकार ने वर्चुअल स्कूल खोल चुकी थी.  

वैसे, अक्टूबर 2020 में ही उत्तराखंड में देश के पहले वर्चुअल स्कूल का उद्घाटन कर दिया गया था. उस दौरान मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस वर्चुअल स्कूल की शुरुआत की थी. लेकिन, यह प्राइवेट वर्चुअल स्कूल था. तो, माना जा सकता है कि इसे खोलने में सरकार का कोई सहयोग नहीं था. लेकिन, यह अरविंद केजरीवाल के उस दावे को धता बताने के लिए काफी है कि आम आदमी पार्टी ने देश का पहला वर्चुअल स्कूल खोला है. इस स्थिति में कहना गलत नहीं होगा कि अरविंद केजरीवाल के सभी दावों का फैक्ट चेक किया जाए, तो पता नहीं क्या होगा?

 अरविंद केजरीवाल के दावों पर भाजपा हमेशा से ही हमलावर रही है.

दिल्ली में AAP ने कितने स्कूल बनाए, जवाब नहीं मिला

आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच दिल्ली के सरकारी स्कूलों को लेकर खींचतान चलती ही रहती है. बीते दिनों भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया और आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज के बीच एक टीवी डिबेट के दौरान बहस हो गई. जिसमें सौरभ भारद्वाज ने गौरव भाटिया को दिल्ली के स्कूलों का निरीक्षण करने की चुनौती दे दी. बता दें कि आम आदमी पार्टी हमेशा से ही दावा करती रही है कि दिल्ली में उसने स्कूलों का कायाकल्प कर दिया है. और, दिल्ली के शिक्षा मॉडल को बेहतरीन तरीके से पूरा करने के लिए नए स्कूल बनाए जा रहे हैं. 

हालांकि, जब भाजपा नेता गौरव भाटिया जब स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंचे. और, आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज से साढ़े 8 साल में बनाए गए 500 नए स्कूलों की लिस्ट मांगी. तो, नए बनाए गए स्कूलों की लिस्ट की जगह सौरभ भारद्वाज एक-एक कर सभी स्कूलों में ले चलने की बात करते दिखे. वैसे, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार के शासनकाल के दौरान एक भी नए स्कूल का निर्माण नहीं किया गया है. इसका खुलासा कई आरटीआई से हो चुका है. हाल ही में मनीष सिसोदिया ने शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेस प्रिपेटरी स्कूल की शुरुआत की है. वो भी एक पुराने स्कूल में ही अलग बिल्डिंग बनाकर शुरू किया गया है.

बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा, लेकिन दिल्ली में नहीं दे रहे

बीते साल भाजपा ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल जिस राज्य में चुनाव लड़ने जाते हैं. वहां बेरोजगारों को भत्ता देने की गारंटी का ऐलान कर देते हैं. लेकिन, दिल्ली सरकार के पोर्टल के अनुसार राज्य में 14 लाख लोग बेरोजगार हैं. लेकिन, इन बेरोजगारों को लेकर केजरीवाल सरकार किसी बेरोजगारी भत्ता का ऐलान नहीं करती है. इतना ही नहीं, भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने एक आरटीआई से मिली जानकारी के तहत खुलासा किया था कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने शासनकाल के कुल साढ़े छह साल में केवल 406 सरकारी नौकरियां दी हैं. जबकि, इसी साल अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की एक सभा में दिल्ली में 12 लाख नौकरियां देने की बात कही थी.

शराब नीति पर पहले से ही कठघरे में हैं सिसोदिया

अरविंद केजरीवाल इस देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनके पास एक भी विभाग नहीं है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अगर किसी भी मंत्रालय में कोई गड़बड़ी होती है. तो, इसे अरविंद केजरीवाल से नहीं जोड़ा जा सकता है. और, इसी वजह से दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर चल रही जांच में अरविंद केजरीवाल की जगह मनीष सिसोदिया फंसे हुए हैं. खैर, अरविंद केजरीवाल के सभी दावों का फैक्ट चेक किया जाएगा. तो, पता नहीं क्या ही निकलेगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲