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प्रियंका गांधी के बाद अमिताभ बच्चन के रूप में नये धमाके की तैयारी में कांग्रेस?

    • गिरिजेश वशिष्ठ
    • Updated: 24 जनवरी, 2019 05:57 PM
  • 24 जनवरी, 2019 05:55 PM
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हाल ही में प्रियंका गांधी ने आधिकारिक तौर पर राजनीति में कदम रखा है. इसके बाद अटकलें तेज़ हो गई हैं कि कांग्रेस का अगला ब्रह्मास्त्र क्या होगा? ऐसे में अमिताभ बच्चन का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर समझ आ रहा है.

प्रियंका गांधी के सक्रीय राजनीति में आने के बाद कांग्रेस पार्टी एक और धमाका कर सकती है. खबर है कि पार्टी बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के संपर्क में है और हो सकता है वो कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले लें. सूत्रों के मुताबिक, अमिताभ बच्चन को पार्टी में लाने के लिए आखिरी दौर की बातचीत चल रही है और हो सकता है कि इसका एलान एक नये धमाके के रूप में समाने आए. खबर ये भी है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनने के बाद प्रियंका गांधी ने अमिताभ बच्चन से मुलाकात की है. अमिताभ बच्चन का पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा असर है. वो कायस्थ जाति में बेहद लोकप्रिय हैं और गोरखपुर से इलाहाबाद (प्रयागराज) और लखनऊ से कानपुर तक कायस्थों की संख्या काफी ज्यादा है. अमिताभ का इस इलाके में असर ऐसे समझा जा सकता है कि बड़ी संख्या में कायस्थों ने अपने बच्चों का नाम अमिताभ रखा है.

प्रियंका गांधी से मिलने से पहले अमिताभ बच्चन लगातार कांग्रेस नेताओं को ट्विटर पर फॉलो कर रहे हैं. माना जा रहा है कि वो पार्टी के साथ जुडे रहना चाहते हैं.

अटकलें तेज़ हो गई हैं कि कांग्रेस ज्वाइन करने वालों में अगला नाम अमिताभ बच्चन का होगा.

राहुल गांधी को किया फॉलो-

अमिताभ बच्चन ने 2 फरवरी 2018 को अचानक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया. इसके बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को भी फॉलो किया. बिग बी यहीं नहीं रुके, एक हफ्ते बाद 9 फरवरी को कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल को भी अमिताभ बच्चन ने फॉलो कर लिया. राहुल गांधी ने तो अब तक बिग बी को ट्विटर पर फॉलो नहीं किया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने ऑफिसियल हैंडल पर सीनियर बच्चन को धन्यवाद देकर फॉलो कर लिया.

बिग बी का अचानक उमड़ा कांग्रेस प्रेम था...

प्रियंका गांधी के सक्रीय राजनीति में आने के बाद कांग्रेस पार्टी एक और धमाका कर सकती है. खबर है कि पार्टी बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के संपर्क में है और हो सकता है वो कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ले लें. सूत्रों के मुताबिक, अमिताभ बच्चन को पार्टी में लाने के लिए आखिरी दौर की बातचीत चल रही है और हो सकता है कि इसका एलान एक नये धमाके के रूप में समाने आए. खबर ये भी है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनने के बाद प्रियंका गांधी ने अमिताभ बच्चन से मुलाकात की है. अमिताभ बच्चन का पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा असर है. वो कायस्थ जाति में बेहद लोकप्रिय हैं और गोरखपुर से इलाहाबाद (प्रयागराज) और लखनऊ से कानपुर तक कायस्थों की संख्या काफी ज्यादा है. अमिताभ का इस इलाके में असर ऐसे समझा जा सकता है कि बड़ी संख्या में कायस्थों ने अपने बच्चों का नाम अमिताभ रखा है.

प्रियंका गांधी से मिलने से पहले अमिताभ बच्चन लगातार कांग्रेस नेताओं को ट्विटर पर फॉलो कर रहे हैं. माना जा रहा है कि वो पार्टी के साथ जुडे रहना चाहते हैं.

अटकलें तेज़ हो गई हैं कि कांग्रेस ज्वाइन करने वालों में अगला नाम अमिताभ बच्चन का होगा.

राहुल गांधी को किया फॉलो-

अमिताभ बच्चन ने 2 फरवरी 2018 को अचानक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया. इसके बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को भी फॉलो किया. बिग बी यहीं नहीं रुके, एक हफ्ते बाद 9 फरवरी को कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल को भी अमिताभ बच्चन ने फॉलो कर लिया. राहुल गांधी ने तो अब तक बिग बी को ट्विटर पर फॉलो नहीं किया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने ऑफिसियल हैंडल पर सीनियर बच्चन को धन्यवाद देकर फॉलो कर लिया.

बिग बी का अचानक उमड़ा कांग्रेस प्रेम था कि, थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इसके बाद हाल में बिग बी ने पी. चिदंबरम, कपिल सिब्बल, सीपी जोशी, अजय माकन, प्रियंका चतुर्वेदी, संजय झा सरीखे नेताओं को भी अपने ट्विटर हैंडल पर फॉलो कर डाला. सिब्बल, चिदंबरम, जोशी जैसे ज़्यादातर वरिष्ठ नेताओं ने तो इस पर ज़्यादा तवज्जो नहीं दी, बाक़ी नेताओं ने बिग बी को अपने हैंडल पर फॉलो कर लिया.

मंगलवार का दिन सबसे दिलचस्प रहा, जब बिग बी ने कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी को ट्विटर पर फॉलो किया. मनीष ने फौरन बिग बी के हैंडल पर जाकर धन्यवाद किया और अविश्वसनीय कहते लिखा कि वो एक ज़माने में अमिताभ की फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने के लिए 3 रुपये खर्च करते थे.

इस घटनाक्रम पर मनीष तिवारी का कहना है कि आज देश के जो हालात हैं, उससे हर कोई वाकिफ है. ऐसे में देश को बेहतरी के रास्ते पर लाने के लिए हम सबको एकजुट होना होगा. हालांकि, दबी जुबान से कुछ कांग्रेस नेताओं ने बताया कि ये कुछ और नहीं बदलती सियासी फिजा का नज़ारा है वरना चुनावी साल में ही क्यों बिग बी ये करते.

मौसम विज्ञानी हैं अमिताभ बच्चन-

जानकारों का कहना है कि अमिताभ बच्चन वक्त की नब्ज को अच्छी तरह समझते हैं, एक जमाना था जब सुब्रत राय सहारा के साथ अमिताभ बच्चन अक्सर नज़र आते थे. जब उनके बुरे दिन आने शुरू हुए तो अमिताभ बच्चन सबसे पहले साथ छोड़ गए. उन्होंने अमरसिंह से संबंध बनाए और एक दिन ऐसा भी आया कि उन्होंने अमरसिंह से दूरियां बना दीं. खिसियाये अमर सिंह बच्चन के खिलाफ मीडिया में भड़कते हुए भी देखे गए. जब मोदी की लहर चली तो अमिताभ बच्चन ने मुफ्त में वाइब्रेंट गुजरात के विज्ञापन किया. कहते रहे कि कुछ दिन तो गुजारिये गुजरात में.

अब चूकिं हालात बदल रहे हैं और 2019 में मोदी के दोबारा आने की संभावना लगातार कम होती जा रही है तो अमिताभ बच्चन कांग्रेस के नज़दीक आ गए हैं. इसकी वजह ये भी मानी जा रही है कि पनामा पेपर्स हों या पैराडाइस, दोनों में बिग बी का नाम उछल चुका है, बिटकाइन को लेकर भी वो कमज़ोर हालत में हैं, तब तो नाम लिए बगैर कभी अमिताभ को बड़े भइया बोलने वाले अमर सिंह ने राज्यसभा में बिटकॉइन का मामला उठा दिया था.

आपको याद होगा मौका मुलायम सिंह के साथ भी अमिताभ बच्चन अपनी नज़दीकियां दिखा चुके हैं. उनके समय में उत्तर प्रदेश विकास परिषद में अमिताभ बच्चन को बड़ा पद और पैसे दिए गए.

दरअसल, अमिताभ बच्चन और कांग्रेस के बीच 80 के दशक में रिश्ते काफी मजबूत हुआ करते थे. बिग बी ने कांग्रेस के माध्यम से ही राजनीति में कदम रखा था. उन्होंने 1984 में कांग्रेस की टिकट पर इलाहाबाद से 8वां लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी. उनकी राजीव गांधी से काफी गहरी दोस्ती थी, लेकिन बोफोर्स कांड के बाद अमिताभ बच्चन ने कांग्रेस से दूरियां बना लीं थीं. 1987 में दोनों के रास्ते अगल होने के बाद भी बिग बी ने राजीव गांधी से दोस्ती खत्म नहीं की थी. लगभग एक दशक तक दोनों परिवारों के बीच अच्छे रिश्ते थे, हालांकि 1996 में बिग बी ने गांधी परिवार से पूरी तरह से दूरियां बना ली थीं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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