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अमित शाह और योगी की मुलाकात जैसा सीरियस टॉपिक हास्य का विषय कैसे बन गया!

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 12 जून, 2021 07:10 PM
  • 12 जून, 2021 07:10 PM
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माना जाता है कि एक चित्र एक हजार शब्दों के बराबर होता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और की इस तस्वीर (CM Yogi meets Amit Shah in Delhi) को देखने के बाद तो लोग ऐसा ही कुछ बोल रहे हैं.

वो कहते हैं ना कि तस्वीरें बोलेती हैं. माना जाता है कि एक चित्र एक हजार शब्दों के बराबर होता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और की इस तस्वीर (CM Yogi meets Amit Shah in Delhi) को देखने के बाद तो लोग ऐसा ही कुछ बोल रहे हैं.

लोगों को भले यह पता न चला हो कि दोनों के बीच बात क्या हुई और उसका निष्कर्ष क्या निकला लेकिन अनबन के कयास लगाने शुरू कर दिए. शायद अब लोग भी राजनीति की चालों को बखूबी समझने लगे हैं.

अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की मीटिंग में ऐसा क्या हुआ?

नेताओं के बीच मुलाकातें पहले भी होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी लेकिन इस वक्त यूपी की सियासत में सीएम योगी सबसे हॉट टॉपिक बने हुए हैं. अब यह चर्चा जान बूझकर करवाया जा रहा है या फिर इसके पीछे सच में कोई बात है यह तो आने वाले कुछ दिनों में साफ हो ही जाएगा.

दरअसल, इन दिनों सीएम योगी की बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के साथ खटपट की खबरें खूब सामने आ रही हैं. हालांकि एक इंटर्व्यू में खुद सीएम योगी इन चर्चाओं पर विराम लगा चुके हैं लेकिन जनता से बड़ा होशियार कौन हैं, वो भी इस सोशल मीडिया के जमाने में.

असल में जब से सीएम योगी ने अमित शाह से उनके घर पर मुलाकात की है और उन दोनों के मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं राजनीतिक गलियारें में होने वाली चर्चा को और हवा मिल गई है. कई लोग इस तस्वीर को शेयर करते हुए मजाक बना रहे हैं.

अब अमित शाह और सीएम योगी जैसे नेताओं का मजाक बनाने के पीछे लोगों की वजह क्या है ये भी बताते हैं. आखिर कैसे अमित शाह और योगी की मुलाकात जैसे रानीजिती का एक सीरियस टॉपिक हास्य का विषय बन गया.

दोनों की मुलाकात की यह तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. राजनीती में विपक्ष का टोकना और कमी...

वो कहते हैं ना कि तस्वीरें बोलेती हैं. माना जाता है कि एक चित्र एक हजार शब्दों के बराबर होता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और की इस तस्वीर (CM Yogi meets Amit Shah in Delhi) को देखने के बाद तो लोग ऐसा ही कुछ बोल रहे हैं.

लोगों को भले यह पता न चला हो कि दोनों के बीच बात क्या हुई और उसका निष्कर्ष क्या निकला लेकिन अनबन के कयास लगाने शुरू कर दिए. शायद अब लोग भी राजनीति की चालों को बखूबी समझने लगे हैं.

अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की मीटिंग में ऐसा क्या हुआ?

नेताओं के बीच मुलाकातें पहले भी होती रही हैं और आगे भी होती रहेंगी लेकिन इस वक्त यूपी की सियासत में सीएम योगी सबसे हॉट टॉपिक बने हुए हैं. अब यह चर्चा जान बूझकर करवाया जा रहा है या फिर इसके पीछे सच में कोई बात है यह तो आने वाले कुछ दिनों में साफ हो ही जाएगा.

दरअसल, इन दिनों सीएम योगी की बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के साथ खटपट की खबरें खूब सामने आ रही हैं. हालांकि एक इंटर्व्यू में खुद सीएम योगी इन चर्चाओं पर विराम लगा चुके हैं लेकिन जनता से बड़ा होशियार कौन हैं, वो भी इस सोशल मीडिया के जमाने में.

असल में जब से सीएम योगी ने अमित शाह से उनके घर पर मुलाकात की है और उन दोनों के मुलाकात की तस्वीरें सामने आई हैं राजनीतिक गलियारें में होने वाली चर्चा को और हवा मिल गई है. कई लोग इस तस्वीर को शेयर करते हुए मजाक बना रहे हैं.

अब अमित शाह और सीएम योगी जैसे नेताओं का मजाक बनाने के पीछे लोगों की वजह क्या है ये भी बताते हैं. आखिर कैसे अमित शाह और योगी की मुलाकात जैसे रानीजिती का एक सीरियस टॉपिक हास्य का विषय बन गया.

दोनों की मुलाकात की यह तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. राजनीती में विपक्ष का टोकना और कमी निकालना समझ आता है लेकिन इस तरह हास्य का विषय बनाने की वजह क्या है.

इस तस्वीर को देखने के बाद लोगों का कहना है कि अगर अमित शाह राजनीति के चाणक्य कहे जाते हैं तो सीएम योगी की भी धाक कहीं से कम नहीं है. लोगों को लग रहा है कि कहीं ना कहीं सीएम योगी मजबूर हैं. उन्हें देखकर ऐसा लग रहा है कि कोई शिक्षण स्टूडेंट से होमवर्क के बारे में पूछ रहा है.

जिस तरह सीएम योगी एक बच्चे की तरह सिमट कर चुपचाप मासूमियत से बैठे हैं जबकि उनके पुराने भाषण सुनकर आप उनकी छवि का अंदाजा लगा सकते हैं. वहीं अमित शाह के बैठने का अंजाद लोगों को सभ्य नहीं लगा. बड़प्पन झुकने में होती है किसी को झुकाने में नहीं.

घंटों हुई मीटिंग के बाद दोनों ने अपने-अपने ट्विटर हैंडल से मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं. लोगों का मानना है कि ये तस्वीरें बहुत कुछ बोल रही हैं. एक तो पहले से ही अनबन की खबरें थीं उपर से सीएम योगी यूं आचानक से दिल्ली के लिए रवाना हुए. इन्हीं बातों की वजह से जनता में बेचैनी हैं. कुछ बीजेपी के समर्थक ऐसे हैं जो पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी और अमित शाह तीनों को मानते हैं.

वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सिर्फ पीएम मोदी की वजह से योगी का सपोर्ट करते हैं. तो ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो कुछ भी हो जाए सीएम योगी का साथ नहीं छोड़ेंगे.

ऐसे में सूत्रों का कहना है कि मीटिंग में शाह ने योगी को 'सबका साथ, सबका विश्वास' के मंत्र की घुट्टी पिलाई. एक बात और मीटिंग के बाद जहां सीएम योगी ने अमित शाह का आभार जताया वहीं अमित शाह ने सिर्फ इस मुलाकात की जानकारी दी.

लोगों ने इस मुलाकात के बाद एक यूजर ने लिखा है कि ढकोसला तब तक चलता है, जब तक आप अपने से कमजोर लोगों के सामने होते हैं. ये बाबाजी बिना भगवा कपड़ा डाले कुर्सी पर बैठना पसंद नहीं करते हैं, लेकिन यहां न भगवा है और न ही उनके लिए अलग वाली कुर्सी. बाकी आप समझदार हैं.

वहीं एक दूसरे मजाक बनाते हुए लिखा है कि बहुत बेइज्जती है भाई. बाबा गोरखनाथ धाम के महंत के सामने ऐसे बैठना. कोई नहीं बैठता. महंत को भी अपने पद का सम्मान करना चाहिए. नेताओं को भी हिंदुओं के धर्मगुरु का सम्मान करना चाहिए. ऐसा लग रहा जैसे कोई शिक्षक अपने छात्र से होमवर्क के बारे में पूछ रहा. दिलचस्प यह है कि इस तस्वीर में दिखने वाले हनुमान जी की मूर्ति भी योगी जी को ही घूर रही है.

वहीं एक यूजर का सवाल तो सबसे अलग ही है, वह लिखती हैं कि गृह मंत्री महोदय किस समुद्र मंथन से निकले हैं जो कभी मास्क नहीं लगाते? बिना मास्क वालों पर बेंत बरसाने वाली पुलिस किधर है? दुरुस्त करें इस विभूति को. यानी इस तस्वीर से लोगों को काफी कुछ समझ आ गया है. जिस तरह अमित शाह ने अपने ट्वीटर पर योगी की मुलाकात के बारे में पोस्ट किया है, उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि यह दिल्ली दरबार में सीएम योगी से उनकी पहली मुलाकात है.

इतने करीबी नेता को इतने दूर का संबोधन क्यों. राजनीती में तोे इतने प्रोफेशलन होने का रिवाीज नहीं है. यहां तो लोग चापलूसी करके और पीछे भाग-बाग कर ही आगे बढ़ते हैं. बिना इसके नेता बनना आसान कहां है. सूत्रों का यह भी कहना है कि योगी के साथ डेढ़ घंटे चली बैठक में शाह ने विधानसभा चुनाव और प्रदेश की मौजूदा राजनीति पर कई सवाल-जवाब किए. जिसका सीएम ने जवाब भी दिया.

सीएम योगी ने आश्वस्त करते हुए कि उत्तर प्रदेश में सबकुछ ठीक है. साथ ही शाह से चुनाव के मद्देनजर केंद्र कुछ योजनाओं के घोषणा की मांग की. वहीं इस बैठक में यूपी कैबिनेट में बदलाव पर भी चर्चा हुई. खटपट की खबरें तबसे सामने आ रही हैं जब उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष के लखनऊ में मीटिंग हुई.

इस मीटिंग में सीएम योगी शामिल नहीं थे. इसके बाद ही राजनीती गुरुओं ने दावा किया था कि योगी की मोदी-शाह की टीम से नहीं पट रही है. इस खबर को तब और हवा मिली जब 5 जून को जब सीए योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर पीएम मोदी, शाह और नड्डा में से किसी ने भी बधाई नहीं दी.

अब देखना होगा कि केंद्र और यूपी सरकार के बीच की राजनीति आगे क्या मोड़ लेती है लेकिन इस तस्वीर ने सीएम योगी के लिए लोगों के दिलों में सहानुभूति जरूर जोड़ दी है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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