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5 मुद्दे जिनपर अमित शाह ने अपना और सरकार का रुख साफ कर दिया

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 14 अक्टूबर, 2019 11:37 PM
  • 14 अक्टूबर, 2019 11:37 PM
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आजतक/ इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में जो बातें देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कहीं हैं उससे न सिर्फ तमाम अहम मुद्दों पर सरकार का रुख स्पष्ट हो गया है. बल्कि ये भी पता चल गया है कि सरकार के तमाम प्रयास ठीक दिशा में हैं.

चाहे वो जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का फैसला हो. या फिर NRC, आर्थिक मंदी, दागी नेता, आगामी विधान सभा चुनाव और सौरव गांगुली को BCCI चीफ बनाए जाने का फैसला हो केंद्र सरकार चौतरफा आलोचना का शिकार हो रही है. स्थिति जब ऐसी हो जवाबदेही लाजमी है. इन तमाम मुद्दों पर सरकार ने अपना पक्ष रखा है और इसे रखने के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह खुद सामने आए हैं. आजतक/ इंडिया टुडे को दिए अपने इंटरव्यू में अमित शाह ने तमाम मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा है और बताया है कि तमाम मुख्य मुद्दों को लेकर सरकार जो कुछ भी कर रही है वो सही दिशा में है.

अमित शाह मानते हैं कि कश्मीर के मद्देनजर सरकार ने जो भी किया है उससे स्थिति में सुधार हुआ है

आइये जानें कि टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात करते हुए अमित शाह ने किस अंदाज में सरकार का पक्ष रखा और अलग अलग मुद्दों को लेकर क्या क्या बातें कहीं.

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को लेकर अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मानना है कि वर्तमान में कश्मीर की हालत बेहतर है. शाह मानते हैं कि जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर परिस्थितियां शांतिपूर्ण हैं. कहीं भी शूट ऐट साईट के निर्देश नहीं हैं. 6 थानों को यदि छोड़ दिया जाए तो कहीं भी कर्फ्यू नहीं है. 6 थाना क्षेत्रों पर बात करते हुए शाह ने कहा कि यहां भी केवल धारा 144 लगी है. इसके अलावा अमित शाह ने इस बात पर भी बल दिया कि यदि जम्मू या कश्मीर यदि इन दोनों ही जगहों पर कोई बड़ा पॉलिटिकल कार्यक्रम होता है तो उसकी परमिशन लेनी पड़ेगी.

इसके अलावा शाह ने फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं की गिरफ़्तारी पर भी बात की. शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 ख़त्म किये जाने...

चाहे वो जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने का फैसला हो. या फिर NRC, आर्थिक मंदी, दागी नेता, आगामी विधान सभा चुनाव और सौरव गांगुली को BCCI चीफ बनाए जाने का फैसला हो केंद्र सरकार चौतरफा आलोचना का शिकार हो रही है. स्थिति जब ऐसी हो जवाबदेही लाजमी है. इन तमाम मुद्दों पर सरकार ने अपना पक्ष रखा है और इसे रखने के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह खुद सामने आए हैं. आजतक/ इंडिया टुडे को दिए अपने इंटरव्यू में अमित शाह ने तमाम मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा है और बताया है कि तमाम मुख्य मुद्दों को लेकर सरकार जो कुछ भी कर रही है वो सही दिशा में है.

अमित शाह मानते हैं कि कश्मीर के मद्देनजर सरकार ने जो भी किया है उससे स्थिति में सुधार हुआ है

आइये जानें कि टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात करते हुए अमित शाह ने किस अंदाज में सरकार का पक्ष रखा और अलग अलग मुद्दों को लेकर क्या क्या बातें कहीं.

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को लेकर अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मानना है कि वर्तमान में कश्मीर की हालत बेहतर है. शाह मानते हैं कि जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर परिस्थितियां शांतिपूर्ण हैं. कहीं भी शूट ऐट साईट के निर्देश नहीं हैं. 6 थानों को यदि छोड़ दिया जाए तो कहीं भी कर्फ्यू नहीं है. 6 थाना क्षेत्रों पर बात करते हुए शाह ने कहा कि यहां भी केवल धारा 144 लगी है. इसके अलावा अमित शाह ने इस बात पर भी बल दिया कि यदि जम्मू या कश्मीर यदि इन दोनों ही जगहों पर कोई बड़ा पॉलिटिकल कार्यक्रम होता है तो उसकी परमिशन लेनी पड़ेगी.

इसके अलावा शाह ने फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं की गिरफ़्तारी पर भी बात की. शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 ख़त्म किये जाने के बाद लोगों को शॉक लगना लाजमी था. सरकार ने इसके लिए कदम उठाए और 4000 लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें 1000 लोग अब भी जेल में सलाखों के पीछे हैं और इनमें भी 800 के लगभग पत्थरबाज हैं.

फारूक अब्दुल्ला पर उन्होंने कहा कि उन पर किसी तरह की रोक नहीं है. न तो चीफ सेक्रेटरी, थानेदार और न ही किसी और की ओर से. उन्हें नजरबंद नहीं किया गया था. जब पूछा गया कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर भी रोक है तो अमित शाह ने माना कि वह फिलहाल पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हाउस अरेस्ट में हैं.

कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए शाह ने कहा कि, कांग्रेस जो ढाई महीने में हो-हल्ला कर रही है, उसने शेख अब्दुल्ला को 11 साल कैद में रखा. कश्मीर पर विकास के आगे के रोड मैप पर बात करते हुए अमित शाह ने कहा कि, 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में विकास नहीं हो पाया था, भ्रष्टाचार काफी हुआ. इसकी जिम्मेदारी किसी की भी तय नहीं थी. 370 हटने के बाद अब वहां नीचे तक विकास पहुंचेगा.

अमित शाह से इस बात का भी जिक्र हुआ कि जिस वक्त 370 हटाई गई तो कहा गया था कि पत्थरबाजी होगी, जबरदस्त विरोध होगा और आतंकी हमला भी लेकिन ज्यादा विरोध नहीं हुआ. इस पर बात करते हुए शाह ने कहा कि, संसद में कहा गया था कि दंगे नहीं रक्तपात होगा. 370 से जम्मू-कश्मीर की जनता का कोई लेना-देना नहीं था. कुछ नेताओं का ही स्वार्थ इससे जुड़ा था.

कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को शाह ने मोदी सरकार की एक बड़ी कुटनीतिक जीत करार दिया है और कहा है कि इतने बड़े फैसले के लिए एक भी गोली का न चलना सरकार की एक बड़ी जीत है.

हरियाणा, महाराष्ट्र चुनावों पर अमित शाह

इंटरव्यू में जब अमित शाह से तीन राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों को लेकर बात हुई तो उसपर उन्होंने ये कहा कि हम चुनावों के लिए खासे गंभीर हैं और हमारी तैयारी पूरी है. शाह के अनुसार हरियाणा और महाराष्ट्र में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बना रही है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर बात करते हुए शाह ने कहा कि दोनों ही सरकारें अच्छे से अपना काम कर रही हैं.

लोगों के हवाले से देश के गृह मंत्री ने कहा है कि अब इन दोनों ही राज्यों के लोगों को भी लगता है कि उन्होंने एक परिवार की नहीं बल्कि एक लोकतान्त्रिक सरकार चुनी है जो बेहतर ढंग से अपना काम कर रही है. महाराष्ट्र चुनावों के अंतर्गत जब शाह से राहुल गांधी के उस बयान पर बात की गई जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा चंद्रयान की बात तो कर रही है मगर मूल मुद्दों पर चुनाव नहीं लड़ रही है. इसपर शाह ने कहा कि राहुल गांधी को शायद भाजपा के चुनाव अभियान का अंदाजा नहीं है.

शाह ने कहा कि भाजपा तीन तरह से अपना प्रचार करती है जिसमें बड़ी बड़ी रैलियां, ग्रुप मीटिंग और डोर टू डोर कैम्पेन शामिल है. शाह ने बताया कि ग्रुप मीटिंग के अन्दर केवल और केवल स्थानीय मुद्दों पर चर्चा होती है. जब शाह से सवाल हुआ कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर बिना किसी पुनर्विचार के शाह ने देवेंद्र फडणवीस का नाम लिया और कहा कि राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में ही महाराष्ट्र का चुनाव लड़ा जा रहा है और चुनाव के बाद भी वही मुख्यमंत्री बनेंगे.

दागी नेताओं पर अमित शाह

जब शाह से इधर उधर से भाजपा में आए नेताओं पर जिनपर खुद शाह  या फिर भाजपा नेताओं ने कभी गंभीर आरोप लगे थे सवाल हुआ तो शाह ने कहा कि यदि चुनाव से पहले कोई नेता दल बदलता है तो मैं इसे बुरा मानता हूं. शाह के अनुसार उन्हें अपना पक्ष जनता के सामने रखना होता है और जब जनता संतुष्ट होती है तभी वो दोबारा चुनकर आते हैं.

इसपर शाह से सवाल हुआ कि जैसे ही कोई पुराना दागी नेता भाजपा में आता है जांच एजेंसियां उसको लेकर चुप्पी साध लेती हैं. इसपर शाह का कहना था कि पार्टी में आने के बाद भी ऐसे दोषी नेताओं से जांच एजेंसी सवाल पूछती है. शाह का मानना है कि उनकी पार्टी में कई नेता ऐसे हैं जिनपर जांच उनकी पार्टी की सरकार बनने के बाद शुरू हुई.

सौरव गांगुली की नियुक्ति पर अमित शाह

जैसा कि हम बता चुके हैं देश के गृह मंत्री ने कई अहम मुद्दों पर बात की है. ऐसा ही एक सवाल उनसे सौरव गांगुली को बतौर बीसीसीआई का चीफ नियुक्त किये जाने पर हुआ. अमित शाह से सवाल हुआ कि तमाम जगहों की तरह अब BCCI का चीफ भी बैक डोर से बनाया जा रहा है.

इसके लिए 2021 में बंगाल में होने वाले चुनावों का हवाला दिया गया. इसपर अमित शाह ने तर्क दिया कि BCCI की अपनी एक चुनाव् प्रक्रिया है. सब अपना अपना  पर्चा डालते हैं और तय करते हैं कि अगला अध्यक्ष कौन होगा. सौरव चुनाव जीते हैं और अपनी मेहनत के दम पर जीते हैं इसमें सरकार या फिर उनका कोई लेना देना नहीं है.

इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने उस बात को भी खारिज किया कि जिसमें कहा गया था कि शाह और गांगुली में डील हुई है. इस डील में यदि सौरव BCCI के अध्यक्ष बनते हैं तो वो 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से एक बड़ा चेहरा बनकर ममता बनर्जी के खिलाफ आएंगे. इस बात को शाह ने झूठ बताया.

शाह के इस जवाब के बाद जब उनसे अगला सवाल ये हुआ कि भाजपा को बंगाल में एक बड़ा चेहरा चाहिए. इसपर चाह का कहना था कि बंगाल में हमें किसी चेहरे की ज़रुरत नहीं है. बिना किसी चेहरे के हम 18 सीटें जीतकर आए हैं और 3 सीटें 4000 या 5000 वोटों के अंतर से हारे हैं. शाह ने उत्तर प्रदेश, मनिपुर, त्रिपुरा का उदाहरण दिया और कहा कि यहां हमारे पास कोई चेहरा नहीं था मगर तब भी हमनें इन राज्यों में एक भारी अंतर से चुनाव जीता और सरकार बनाई. बंगाल के मद्देनजर शाह ने कहा कि हम यहां भी दो तिहाई के अंतर से सरकार बनाएंगे.

NRC पर क्या बोले अमित शाह

इंटरव्यू के दौरान जब NRC कि कार्यप्रणाली को लेकर सवाल हुए तो शाह ने कहा कि अभी जो भी एक्शन लिया गया है वो सुप्रीम कोर्ट के एक आर्डर के बाद लिया गया है. शाह ने कहा कि अब जब भी आगे NRC होना इन अनुभवों से प्रेरणा लेकर तमाम कमियों को दूर करा जाएगा और एक ऐसी प्रक्रिया बनाएंगे जिसमें खामियां न हों. इंटरव्यू में शाह ने इस बात को लेकर भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में NRC अभी की अपेक्षा कहीं अधिक मजबूत होगा.

इंटरव्यू में शाह से सिटिजन बिल को लेकर भी बात हुई जिसपर अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का एक चरित्र है कि हम जो कहते हैं वो हम जरूर करते हैं, उचित समय आने पर हम देशभर में एनआरसी लागू करेंगे और देश में सिटीजन बिल भी लाएंगे.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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