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अजमेर शरीफ दरगाह के ये खादिम तो कम से कम 'शरीफ' नही हैं!

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 08 जुलाई, 2022 10:30 PM
  • 08 जुलाई, 2022 10:30 PM
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पैगंबर टिप्पणी विवाद (Prophet Remark Row) और उदयपुर हत्याकांड (Udaipur Murder Case) के बाद अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के इन खादिमों का जो रूप सामने आया है. उसे देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा. हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की बात करने वाले इन खादिमों के जहरीले और नफरती बोल सुन कहा जा सकता है कि कम से कम ये खादिम तो शरीफ नही हैं.

वैसे तो अजमेर शरीफ दरगाह हमेशा से ही बॉलीवुड के फिल्मी सितारों से लेकर कई राजनेताओं के चादर चढ़ाने को लेकर सुर्खियों में बनी रहती थी. लेकिन, बीते कुछ दिनों में अजमेर शरीफ दरगाह के नाम के साथ कई विवाद जुड़ गए हैं. दरअसल, नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के बाद से ही देशभर में मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ 'सिर तन से जुदा' करने की धमकी जारी कर दी थी. कोई नूपुर शर्मा की जीभ काटने पर करोड़ों दे रहा था. तो, कोई गर्दन काटने पर पैसों की बरसात का लालच दे रहा था. इन तमाम धमकियों के बीच उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की इस्लामिक जिहादियों ने गला रेतकर हत्या कर दी. जिसमें पहली बार अजमेर शरीफ दरगाह का नाम सामने आया था. इसके बाद तो जैसे अजमेर शरीफ दरगाह के कुछ खादिमों की शराफत कपूर की तरह काफूर हो गई. आइए जानते हैं अजमेर शरीफ दरगाह के उन खादिमों के बारे में जो कम से कम 'शरीफ' तो नही हैं.

 नूपुर शर्मा की कथित विवादित टिप्पणी और उदयपुर हत्याकांड के बाद अजमेर शरीफ दरगाह के इन खादिमों की शराफत धुंआ हो गई.

उदयपुर हत्याकांड से जुड़े गौहर चिश्ती के तार

उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की गला रेतकर हत्या करने वाले इस्लामिक जिहादियों के तार अजमेर शरीफ दरगाह से भी जुड़े थे. इंडिया टीवी की एक खबर के अनुसार, अजमेर शरीफ के 'खादिम' गौहर चिश्ती ने दरगाह के गेट पर नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी करवाते हुए 'सिर तन से जुदा' के नारे लगवाए थे. जिसके बाद वह 17 जून को उदयपुर गया था. दावा किया गया कि गौहर चिश्ती ने इस दौरान कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज मोहम्मद से मुलाकात भी की थी. रियाज को हत्या के बाद वीडियो बनाने के लिए भी गौहर चिश्ती ने ही समझाइश दी थी. जी न्यूज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है...

वैसे तो अजमेर शरीफ दरगाह हमेशा से ही बॉलीवुड के फिल्मी सितारों से लेकर कई राजनेताओं के चादर चढ़ाने को लेकर सुर्खियों में बनी रहती थी. लेकिन, बीते कुछ दिनों में अजमेर शरीफ दरगाह के नाम के साथ कई विवाद जुड़ गए हैं. दरअसल, नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी के बाद से ही देशभर में मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ 'सिर तन से जुदा' करने की धमकी जारी कर दी थी. कोई नूपुर शर्मा की जीभ काटने पर करोड़ों दे रहा था. तो, कोई गर्दन काटने पर पैसों की बरसात का लालच दे रहा था. इन तमाम धमकियों के बीच उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की इस्लामिक जिहादियों ने गला रेतकर हत्या कर दी. जिसमें पहली बार अजमेर शरीफ दरगाह का नाम सामने आया था. इसके बाद तो जैसे अजमेर शरीफ दरगाह के कुछ खादिमों की शराफत कपूर की तरह काफूर हो गई. आइए जानते हैं अजमेर शरीफ दरगाह के उन खादिमों के बारे में जो कम से कम 'शरीफ' तो नही हैं.

 नूपुर शर्मा की कथित विवादित टिप्पणी और उदयपुर हत्याकांड के बाद अजमेर शरीफ दरगाह के इन खादिमों की शराफत धुंआ हो गई.

उदयपुर हत्याकांड से जुड़े गौहर चिश्ती के तार

उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की गला रेतकर हत्या करने वाले इस्लामिक जिहादियों के तार अजमेर शरीफ दरगाह से भी जुड़े थे. इंडिया टीवी की एक खबर के अनुसार, अजमेर शरीफ के 'खादिम' गौहर चिश्ती ने दरगाह के गेट पर नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी करवाते हुए 'सिर तन से जुदा' के नारे लगवाए थे. जिसके बाद वह 17 जून को उदयपुर गया था. दावा किया गया कि गौहर चिश्ती ने इस दौरान कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज मोहम्मद से मुलाकात भी की थी. रियाज को हत्या के बाद वीडियो बनाने के लिए भी गौहर चिश्ती ने ही समझाइश दी थी. जी न्यूज की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उदयपुर हत्याकांड में गिरफ्तार किये गए अनवर हुसैन ने ही गौहर चिश्ती और रियाज मोहम्मद की मुलाकात कराई थी. सूत्रों के हवाले से ये भी दावा किया गया है कि रियाज मोहम्मद और गौस की फरारी का इंतजाम भी गौहर चिश्ती को ही करना था. हालांकि, उदयपुर हत्याकांड में नाम सामने आने के बाद से ही गौहर चिश्ती फरार चल रहा है. 

नफरत का आंदोलन चलाने वाला सरवर चिश्ती

नूपुर शर्मा के खिलाफ नफरती भाषण देने में अजमेर शरीफ दरगाह की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का नाम भी शामिल है. सरवर चिश्ती अपनी विवादास्पद तकरीरों के लिए लंबे समय से मशहूर हैं. इन्हीं सरवर चिश्ती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें अंजुमन कमेट की सचिव चुने जाने के बाद सरवर चिश्ती मुस्लिम समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए नूपुर शर्मा द्वारा की गई ईशनिंदा का हवाला देते हुए भड़काऊ बयान दे रहे थे. इस वीडियो में सरवर चिश्ती कहते नजर आ रहे हैं कि 'नबी की शान में गुस्ताखी हो रही है. ऐसा माहौल बना दिया गया है. अब ऐसा आंदोलन किया जाएगा जिससे पूरा हिंदुस्तान हिल जाएगा.' अजमेर शरीफ दरगाह के ये 'खादिम' सरवर चिश्ती कौन से आंदोलन से पूरे हिंदुस्तान को हिलाने की बात कर रहे थे, ये तो वो ही बता सकते हैं. लेकिन, एक बात तो तय है कि 'सिर तन से जुदा' करने वाली कट्टरपंथी सोच को सरवर चिश्ती पोषित ही कर रहे हैं. क्योंकि, इससे पहले वह 26 जून को हिंदू समाज द्वारा निकाले गए जुलूस के बाद दरगाह के आस-पास के इलाकों के हिंदू दुकानदारों के आर्थिक बहिष्कार का भी इशारा कर चुके थे. 

नूपुर का 'सिर तन से जुदा' करने पर मकान देने वाला सलमान चिश्ती

अजमेर शरीफ दरगाह का एक और 'खादिम' सलमान चिश्ती भी अपनी शराफत को छोड़कर लोगों के सामने जहर उगलता पकड़ा गया था. सोशल मीडिया पर सलमान चिश्ती का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें 'खादिम' सलमान चिश्ती रो-रोकर पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी का बदला लेने की बात कर रहा था. वीडियो में सलमान चिश्ती कहता नजर आता है कि 'वक्त पहले जैसा नहीं रहा, वरना वह बोलता नहीं, कसम है मुझे पैदा करने वाली मेरी मां की, मैं उसे सरेआम गोली मार देता, मुझे मेरे बच्चों की कसम, मैं उसे गोली मार देता और आज भी सीना ठोक कर कहता हूं, जो भी नुपुर शर्मा की गर्दन लाएगा, मैं उसे अपना घर दे दूंगा और रास्ते पर निकल जाऊंगा, ये वादा करता है सलमान.' हालांकि, पुलिस ने इस 'खादिम' सलमान चिश्ती को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन, राजस्थान पुलिस के ही एक अधिकारी सलमान चिश्ती को 'नशे में सब बोल गया' की सलाह देते हुए बचने का तरीका भी बताते नजर आए थे. बताना जरूरी है कि अजमेर शरीफ दरगाह का खादिम सलमान चिश्ती हिस्ट्रीशीटर है. उस पर करीब 13 मामले दर्ज हैं. 

मेरी राय

अजमेर शरीफ दरगाह में मुस्लिमों के साथ ही बड़ी संख्या में हिंदुओं की भी आस्था है. देशभर के हिंदू बड़ी संख्या में अजमेर शरीफ दरगाह में जाकर चादर चढ़ाते हैं. और, खुले हाथों से भारी-भरकम रकम भी दान के तौर पर देते हैं. प्रोफेसर आनंद रंगनाथन एक ट्वीट में लिखा है कि अजमेर शरीफ दरगाह की सालाना कमाई करीब 200 करोड़ रुपये की है. लेकिन, इसके इन खादिमों की करतूतों को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि अधिकांश पैसा किन मदों में इस्तेमाल किया जा रहा है? देश के खिलाफ भड़काऊ बयान देने से लेकर हिंदू धर्म को कोसने तक में ये खादिम पीछे नहीं रहते हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अजमेर शरीफ दरगाह के ये खादिम तो कम से कम 'शरीफ' नही हैं! 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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