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हाफिज सईद पर एक्शन लेकर पाकिस्तान ने भारत को सिर्फ बेवकूफ बनाया है...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 23 फरवरी, 2019 08:54 PM
  • 23 फरवरी, 2019 08:54 PM
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आतंकवाद के नियंत्रण के नाम पर जो एक्शन पाकिस्तान ने हाफिज सईद पर लिया, उसने ये साफ बता दिया है कि पाकिस्तान न सिर्फ भारत को बल्कि पूरी दुनिया को बेवकूफ बना रहा है.

14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला और उस हमले में 46 जवानों की मौत. घटना से सारा देश दंग रह गया. जैसे जैसे इस हमले से जुड़ी जानकारियां सामने आईं और आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली साफ हो गया था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. घटना के बाद से अब तक यही मांग की जा रही है कि इस मामले का यूएन सिक्योरिटी काउंसिल गंभीरता से संज्ञान ले और जैश ए मोहमम्द को वैश्विक आतंकी संगठन और संगठन के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करे.

लम्बे समय से मांग की जा रही है कि मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए

भारत में हुए इस हमले के बाद एक बार फिर से पूरे विश्व में पाकिस्तान की तीखी आलोचना हो रही है. मौलाना मसूद अजहर पर कार्रवाई की मांग तेज है. दबाव बनाया जा रहा है कि पाकिस्तान मौलाना मसूद अजहर और उसके आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर अपना रुख साफ करे. चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहे पाकिस्तान ने आतंकवाद पर सख्त होने का स्वांग तो खूब रचा मगर उसकी चोरी पकड़ी गई . मौलाना मसूद अजहर पर कार्रवाई के बजाए पाकिस्तान ने हाफिज सईद और उसके संगठनों पर बैन लगा दिया. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से बौखलाए हाफिज सईद ने कहा है कि  वह इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगा.

आपको बताते चलें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया था. बताया जाता है कि हाफिज सईद अपने इन संगठनों के जरिए 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान, स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है. ज्ञात हो कि ये कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में हाफिज सईद का संगठन बैन हुआ है....

14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला और उस हमले में 46 जवानों की मौत. घटना से सारा देश दंग रह गया. जैसे जैसे इस हमले से जुड़ी जानकारियां सामने आईं और आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली साफ हो गया था कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. घटना के बाद से अब तक यही मांग की जा रही है कि इस मामले का यूएन सिक्योरिटी काउंसिल गंभीरता से संज्ञान ले और जैश ए मोहमम्द को वैश्विक आतंकी संगठन और संगठन के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करे.

लम्बे समय से मांग की जा रही है कि मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए

भारत में हुए इस हमले के बाद एक बार फिर से पूरे विश्व में पाकिस्तान की तीखी आलोचना हो रही है. मौलाना मसूद अजहर पर कार्रवाई की मांग तेज है. दबाव बनाया जा रहा है कि पाकिस्तान मौलाना मसूद अजहर और उसके आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद पर अपना रुख साफ करे. चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहे पाकिस्तान ने आतंकवाद पर सख्त होने का स्वांग तो खूब रचा मगर उसकी चोरी पकड़ी गई . मौलाना मसूद अजहर पर कार्रवाई के बजाए पाकिस्तान ने हाफिज सईद और उसके संगठनों पर बैन लगा दिया. सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से बौखलाए हाफिज सईद ने कहा है कि  वह इस फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगा.

आपको बताते चलें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया था. बताया जाता है कि हाफिज सईद अपने इन संगठनों के जरिए 300 धार्मिक शिक्षण संस्थान, स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विस चलाता है. ज्ञात हो कि ये कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में हाफिज सईद का संगठन बैन हुआ है. इससे पहले भी ऐसे तमाम मौके आए हैं जब इसका संगठन बैन हुआ है और उसपर से बैन हटा भी है.

हाफिज सईद के संगठनों को बैन करके पाकिस्तान ने दुनिया को धोखा दिया है

आनन फानन में पाकिस्तान को क्यों करना पड़ा हाफिज सईद के संगठन को बैन

हाफिज के संगठनों को बैन करने की एक बड़ी वजह FAFT (Financial Action Task Force) को माना जा रहा है. इमरान सरकार को उम्मीद थी कि इस फैसले से वो FAFT की नजरों में थोड़ी इज्जत पा लेगा, मगर हुआ इसका उल्टा. पेरिस में हुई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में फैसला लिया गया है कि पाकिस्तान अभी ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रहेगा. यानी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर बैन लगाने के बावजूद पाकिस्तान जो इस ग्रे लिस्ट से बाहर आने की कोशिश कर रहा था उसमें उसके हाथ असफलता लगी है.

गौरतलब है कि FATF ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि, वह आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेने की टाइमलाइन पर कोताही न बरते. वरना उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. इसके अलावा FATF की ओर से पाकिस्तान को नसीहत भी दी गई थी कि जितना समय उसे मिला है उसी समय में वो अपना टारगेट पूरा करे. ज्ञात हो कि FAFT आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे देशों को आर्थिक मदद मुहैया कराती है.

बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की रेटिंग का रिव्यू एक बार फिर जून और अक्टूबर में किया जाएगा. FATF पाकिस्तान के लिए कितना जरूरी है इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि इस संस्था की तरफ से दी जाने वाली रेटिंग का असर वर्ल्ड बैंक, IMF समेत कई अन्य संस्थाओं पर बढ़ता है. ये संस्थाएं रेटिंग के अनुसार ही किसी देश को कर्ज देती हैं. बात भारत की हो तो भारत लगातार दबाव बना रहा था कि पाकिस्तान को FATF में ब्लैकलिस्टेड किया जाए. इसके लिए भारत की वार्ता कई देशों के साथ लगातार जारी है.

भारत के अलावा दुनिया को बेवकूफ बना रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान भारत समेत पूरी दुनिया को बेवकूफ बना रहा है. कैसे ? तो जवाब बस इतना है कि उसे जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर पर एक्शन लेना था. बजाए इसके उसने हाफिज सईद पर एक्शन लिया और खुद ब खुद साबित कर दिया कि वहां  न तो सरकार की चलती है और न सेना की पूरे देश का निजाम आतंकियों के हाथ में है.

भले ही हाफिज सईद मुंबई हमले का जिम्मेदार हो. भले ही अमेरिका ने इसके सिर पर इनाम रखा हो मगर अभी वक़्त की ज़रुरत मौलाना मसूद अजहर है जो खुले में घूम रहा है और पाकिस्तान में रैली पर रैली कर पूरी दुनिया को ठेंगा दिखा रहा है.

अंत में बस इतना ही कि यदि पाकिस्तान वाकई आतंकवाद पर गंभीर है तो उसे मौलाना मसूद अजहर को सामने लाना होगा और उसे सख्त से सख्त सजा देनी होगी.अगर ऐसा हो गया तो बहुत अच्छी बात है वरना यूं भी पूरी दुनिया ने तो पाकिस्तान को मक्कार मां ही लिया है. दुनिया जानती है कि गिरना, उठाना फिर गिरना पाकिस्तान को खूब आता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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