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प्यार पर ज्ञान की 5 बातें सिखा रहा है Brexit

    • आईचौक
    • Updated: 17 जनवरी, 2019 12:57 PM
  • 17 जनवरी, 2019 12:56 PM
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Brexit डील की ये पूरी गाथा हमें एक छोटी सी चीज के बारे में सिखाती है, जिसे प्यार कहते हैं. और क्या होता है जब ये प्यार खत्म होता है. यानी प्यार और ब्रिकअप का थोड़ा ज्ञान ब्रिक्जिट से लिया जा सकता है.

कहते हैं कठिन समय में ही जीवन हमें बहुत कुछ सिखाता है. अब ब्रिटेन को ही ले लीजिए. इस वक्त जो स्थिति ब्रिटेन की है उससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है. Brexit (ब्रेक्जिट) डील यानी यूरोपीय संघ (European nion) से ब्रिटेन के अलग होने का प्रस्ताव. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के इस प्रस्ताव को संसद ने भारी बहुमत से ख़ारिज कर दिया. 432 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया जबकि सिर्फ 202 सांसदों ने ही इसका समर्थन किया. किसी बिल या मसौदे पर ये किसी भी मौजूदा सरकार के लिए सबसे बड़ी हार है.

ब्रेक्जिट डील की ये पूरी गाथा हमें एक छोटी सी चीज के बारे में सिखाती है, जिसे प्यार कहते हैं. और क्या होता है जब ये प्यार खत्म होता है. यानी प्यार और ब्रिकअप का थोड़ा ज्ञान ब्रिक्सिट से लिया जा सकता है-

1. 'ब्रेकअप' के लिए जल्दबाजी न करें

ब्रेक्जिट का समर्थन करती तस्वीर

क्या आप और वो अब भी साथ घूमते हैं? हर जगह साथ जाइए क्योंकि आप 'अब भी दोस्त तो हैं ही न'. वो किसी अजनबी को देखे तो कितना गुस्सा आता है न?? ब्रेकअप काफी मुश्किल होते हैं. लंबे भी हो सकते हैं. और हां, दर्द भी होता है. ब्रिटेन की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है.

2016 में जनमत संग्रह हुआ जिसमें ब्रिटेन के 52% लोगों ने यूके को ईयू से बाहर आ जाने के पक्ष में वोट किया. लेकिन 29 मार्च के लिए कुछ ही महीने बचे हैं. इस दिन ब्रिटेन बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा. देश एक राजनीतिक संकट का सामना करेगा. यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जुनकर ने कहा है कि "नो-डील" ब्रेक्जिट के लिए तैयारी तेज होगी. विपक्षी लेबर पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से 29 मार्च की तारीख आगे बढ़ाने पर बात...

कहते हैं कठिन समय में ही जीवन हमें बहुत कुछ सिखाता है. अब ब्रिटेन को ही ले लीजिए. इस वक्त जो स्थिति ब्रिटेन की है उससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है. Brexit (ब्रेक्जिट) डील यानी यूरोपीय संघ (European nion) से ब्रिटेन के अलग होने का प्रस्ताव. ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के इस प्रस्ताव को संसद ने भारी बहुमत से ख़ारिज कर दिया. 432 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट किया जबकि सिर्फ 202 सांसदों ने ही इसका समर्थन किया. किसी बिल या मसौदे पर ये किसी भी मौजूदा सरकार के लिए सबसे बड़ी हार है.

ब्रेक्जिट डील की ये पूरी गाथा हमें एक छोटी सी चीज के बारे में सिखाती है, जिसे प्यार कहते हैं. और क्या होता है जब ये प्यार खत्म होता है. यानी प्यार और ब्रिकअप का थोड़ा ज्ञान ब्रिक्सिट से लिया जा सकता है-

1. 'ब्रेकअप' के लिए जल्दबाजी न करें

ब्रेक्जिट का समर्थन करती तस्वीर

क्या आप और वो अब भी साथ घूमते हैं? हर जगह साथ जाइए क्योंकि आप 'अब भी दोस्त तो हैं ही न'. वो किसी अजनबी को देखे तो कितना गुस्सा आता है न?? ब्रेकअप काफी मुश्किल होते हैं. लंबे भी हो सकते हैं. और हां, दर्द भी होता है. ब्रिटेन की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है.

2016 में जनमत संग्रह हुआ जिसमें ब्रिटेन के 52% लोगों ने यूके को ईयू से बाहर आ जाने के पक्ष में वोट किया. लेकिन 29 मार्च के लिए कुछ ही महीने बचे हैं. इस दिन ब्रिटेन बिना किसी समझौते के यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा. देश एक राजनीतिक संकट का सामना करेगा. यूरोपीय संघ आयोग के अध्यक्ष जीन-क्लाउड जुनकर ने कहा है कि "नो-डील" ब्रेक्जिट के लिए तैयारी तेज होगी. विपक्षी लेबर पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से 29 मार्च की तारीख आगे बढ़ाने पर बात करे.

2. अाप किसी को छोड़ना नहीं चाहते तो धमकी भी मत दीजिए

ब्रेक्जिट का विरोध करती तस्वीर

'तुम्हारे और मेरे बीच अब सबकुछ खत्म.' ये मैसेज सिर्फ इसलिए लिख रहे हो कि तुम्हें सिर्फ उसका अटेंशन चाहिए तो रुक जाओ. अगर उसने इस बात का जवाब दे दिया कि- 'ठीक है' और तुम्हारा सारा सामान फैंक दिया तो?

जल्दबाजी में लिए गए फैसलों के क्या परिणाम हो सकते हैं ये ब्रेक्जिट हमें बताता है. 2017 में जाइए. द गार्जियन ने रिपोर्ट किया था कि ब्रेक्जिट के खिलाफ और इसके पक्ष में वोट देने वाले लोग अपना मन बदल रहे हैं. YouGov के फाउंडर जो टायमैन ने कहा था ऐसे 'कुछ ही' लोग हैं.

उस व्यक्ति की तरह मत बनो जिसने ईयू छोड़ने के लिए वोट किया. और गार्जियन को कहा कि- 'सच कहूं तो मुझे नहीं लगता ऐसा होगा, मुझ तो बस लगा कि मुझे इसके विरेध में वोट डालना है बस !'

3. ब्रेकअप की बातें करने के बाद फिर से एक जाना अटपटा लगता है

ब्रेक्जिट के खिलाफ 432 सांसदों ने वोट किया जबकि सिर्फ 202 सांसदों ने समर्थन किया

आपका और उसका झगड़ा हो गया. उसने सोचा आप दोनों का ब्रेकअप हो गया. अफवाह फैली कि अपने टूटे दिल पर मरहम रखने के लिए वो गोवा चला गया. लेकिन उसने इस सब बातों को खारिज किया. और तभी आपने सोचा कि वो उसी रात नाक रगड़ते हुए आपके पास वापस आएगा और माफी मांगेगा. फेसबुक पर स्टेटस अब भी complicated है. सुलह की कोशिशें जारी हैं, लेकिन क्या सबकुछ पहले जैसा हो पाएगा?

वोटिंग से पहले थेरेसा मे ने ब्रेक्जिट के पक्ष में कानून बनाने वालों से कहा था कि अगर ये प्रस्ताव ठुकरा दिया गया तो सबसे ज्यादा संभावना इस बात की होगी कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ को बिल्कुल भी नहीं छोड़ेगा, क्योंकि वह बिना किसी समझौते के ही अलग हो जाएगा. यूरोपीय संघ की सदस्यता के समर्थकों ने ब्रेक्जिट को एक बड़ी गलती बताया जिससे पश्चिम कमजोर होगा, निवेश के लिए एक सही जगह के रूप में ब्रिटेन की प्रतिष्ठा खराब होगी और ग्लोबल कैपिटल के रूप में धीरे-धीरे लंदन कमजोर हो जाएगा. ब्रेक्जिट के कई विरोधियों को उम्मीद है कि मे की हार के बाद यूरोपीय संघ की सदस्यता पर फिर एक बार जमनत संग्रह होगा.

4. ब्रेकअप के वक्त ये उम्मीद न करो कि आपके दोस्त आपकी तरफ होंगे

इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बुरी हार कहा जा रहा है.

आपने उससे कहा कि आप उसका चेहरा अब कभी नहीं देखेंगे. फिर आपके एक पुराने दोस्त का फोन आता है जो हमेशा आपका ही साथ दिया करता था. लेकिन इस बार उसकी बातें बहुत हैरान करने वाली थीं- 'यार तू उसके साथ ऐसा कैसे कर सकता है??'

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के लिए बुरा लग रहा है. इस डील को 432 सासदों ने खारिज किया और उन्हें केवल 202 सांसदों का समर्थन मिला. और सबसे ज्यादा दुखद तो ये था कि खुद थेरेसा मे की कंज़र्वेटिव पार्टी के 118 सांसदों ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर इस डील के खिलाफ वोट दिया. इसे ब्रिटेन के इतिहास की सबसे बुरी हार कहा जा रहा है.

5. 'सब खत्म हो गया' ये कहने से पहले ये सोचो कि आगे क्या?

थेरेसा मे के प्लान को मिली ऐतिहासिक हार के बाद विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार के खिलाफ अविश्वास मत का प्रस्ताव दिया है

इतनी जल्दी अपना फोन मत उठाओ. सोचो. खुद को आजाद महसूस करने के एक दिन बाद तुम्हें उसका स्वेटर अपने कपड़ों में मिलता है. आप उसे अपने दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए और आगे बढ़ते देख रही हैं जैसे कि कुछ हुआ ही न हो. (असल में वो दुखी तो है लेकिन क्या वो सबके सामने अपने दुख को बयां करेगा?).

कभी-कभी, ऐसे मौके आते हैं जब कोई महत्वपूर्ण निर्णय करते वक्त आप उसपर गंभीरता से विचार करने के बारे में सोचते ही नहीं. जैसे कि जनमत संग्रह. आपको उसकी अच्छाई और बुराई दोनों को तोलना होगा और इसपर लोगों के क्या विचार हैं उन्हें सुनना होगा.

अगस्त 2017 में एक आखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार- 'एक पोल से पता चलता है कि ब्रेक्जिट पर वोट डालने वाले एक चौथाई से भी ज्यादा मतदाताओं ने कहा कि उन्हें कैंपेन के दौरान किए गए वादों के जरिए गुमराह किया गया था.' पोल से ये पता चला कि वोट डालने के करीब एक साल बाद आधे लोगों ने पाया कि लीव कैंपेन (कैंपेन जो ईयू को छोड़ने के पक्ष में था) ज्यादातर या पीरू तरह से भ्रमित करने वाला था. और केवल 19 प्रतिशत लोगों ने ही इसे सच्चा कहा था.

तो इस पूरी कहानी से आपको ब्रिटेन के मौजूदा हाल भी पता चल गए और प्यार को लेकर थोड़ा ज्ञान भी मिल गया.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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