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इंडियन ऑयल का जले पर नमक, पेट्रोल को बना दिया शादी का गिफ्ट!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 नवम्बर, 2021 02:54 PM
  • 30 नवम्बर, 2021 02:54 PM
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एक दिन लोग एक दूसरे को पेट्रोल गिफ़्ट करेंगे. सिस्टम पर मजाक के रूप में कही जाने वाली ये बात सच साबित हुई है और इसका क्रेडिट इंडियन ऑइल को जाता है. लोग भी कहां कम हैं मामले पर जमकर मौज ले रहे हैं.

जैसे पेट्रोल और डीजल के दाम दिन दूनी रात चौगुनी कर रहे हैं क्या ही कहा जाए. क्रिटिक हो या समर्थक चाय संग पार्ले जी पर चर्चा में निकल ही आता है कि सारा खेल सरकार के मूड का है. मतलब जिस दिन पीएम मोदी का मूड अच्छा हुआ कुछ पैसे कम हो गए. वरना बढ़ने का क्या है? दाम तो रोज़ ही बढ़ रहे हैं. जैसे हालात है पेट्रोल डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के चलते आम आदमी की खटिया खड़ी है. वो लोग जो एक दूसरे से बेकार में कार की नवाबी झाड़ते थे वापस लाइन पर आ गए हैं. अब चूंकि महंगाई की मार है नहीं दिए जाते वो बहाने जिनमें कहा जाता था कि बस, मेट्रो और ट्रेन में पसीने की बदबू आती है. शर्त की क्रीज खराब हो जाती है. दुनिया मजबूरी का खेल है भइया ! मजबूरी में आदमी जो न कर ले वो कम है. बात बीते दिनों की है. क्या पेट्रोल. क्या डीजल. क्योंकि सरकारी रहमो करम की बदौलत इनकी कीमतें रोज बढ़ रही हैं इसलिए गुप्ता जी भी परेशान हैं. कौन हैं गुप्ता जी? पहले ये जान लीजिए. गुप्ता जी जल निगम में बाबू थे. रिटायर हैं और घर के पड़ोस में रहते हैं. उनके घर बिटिया की शादी थी. एक दिन हम सब मुहल्ले वाले उनके घर चाय पी रहे थे कि अचानक से मिसेज गुप्ता से कहने लगे - अजी सुनती हो रिंकी की मम्मी सोच रहा हूं रिंकी को कार न देकर 1 गैलन पेट्रोल दे दूं. इतना कहकर गुप्ता जी हंसने लगे और मिसेज गुप्ता उन्हें एक टक देखे जा रही थीं.

इंडियन ऑयल का वो ऐड जो लोगों की जुबान पर हैं और जिसे लेकर जितने मुंह हैं उतनी बातें हैं

गुप्ता जी ने जो कहा भले ही उसे सभ्य से लेकर भौंडे मजाक का कुछ भी संज्ञा से नवाज दिया जाए लेकिन जो मिस्टर गुप्ता की बात है वो हममें से कइयों के मन की बात है. जैसे राहु केतु से लेकर शनि तक हर कोई पेट्रोल डीजल के पीछे पड़ा है कोई शक नहीं कि कल पेट्रोल और डीजल जैसी कमोडिटी सुनार की दुकान पर तोले...

जैसे पेट्रोल और डीजल के दाम दिन दूनी रात चौगुनी कर रहे हैं क्या ही कहा जाए. क्रिटिक हो या समर्थक चाय संग पार्ले जी पर चर्चा में निकल ही आता है कि सारा खेल सरकार के मूड का है. मतलब जिस दिन पीएम मोदी का मूड अच्छा हुआ कुछ पैसे कम हो गए. वरना बढ़ने का क्या है? दाम तो रोज़ ही बढ़ रहे हैं. जैसे हालात है पेट्रोल डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के चलते आम आदमी की खटिया खड़ी है. वो लोग जो एक दूसरे से बेकार में कार की नवाबी झाड़ते थे वापस लाइन पर आ गए हैं. अब चूंकि महंगाई की मार है नहीं दिए जाते वो बहाने जिनमें कहा जाता था कि बस, मेट्रो और ट्रेन में पसीने की बदबू आती है. शर्त की क्रीज खराब हो जाती है. दुनिया मजबूरी का खेल है भइया ! मजबूरी में आदमी जो न कर ले वो कम है. बात बीते दिनों की है. क्या पेट्रोल. क्या डीजल. क्योंकि सरकारी रहमो करम की बदौलत इनकी कीमतें रोज बढ़ रही हैं इसलिए गुप्ता जी भी परेशान हैं. कौन हैं गुप्ता जी? पहले ये जान लीजिए. गुप्ता जी जल निगम में बाबू थे. रिटायर हैं और घर के पड़ोस में रहते हैं. उनके घर बिटिया की शादी थी. एक दिन हम सब मुहल्ले वाले उनके घर चाय पी रहे थे कि अचानक से मिसेज गुप्ता से कहने लगे - अजी सुनती हो रिंकी की मम्मी सोच रहा हूं रिंकी को कार न देकर 1 गैलन पेट्रोल दे दूं. इतना कहकर गुप्ता जी हंसने लगे और मिसेज गुप्ता उन्हें एक टक देखे जा रही थीं.

इंडियन ऑयल का वो ऐड जो लोगों की जुबान पर हैं और जिसे लेकर जितने मुंह हैं उतनी बातें हैं

गुप्ता जी ने जो कहा भले ही उसे सभ्य से लेकर भौंडे मजाक का कुछ भी संज्ञा से नवाज दिया जाए लेकिन जो मिस्टर गुप्ता की बात है वो हममें से कइयों के मन की बात है. जैसे राहु केतु से लेकर शनि तक हर कोई पेट्रोल डीजल के पीछे पड़ा है कोई शक नहीं कि कल पेट्रोल और डीजल जैसी कमोडिटी सुनार की दुकान पर तोले में मिलें.

आलोचना करनी हो करिये. लेकिन सही है गुप्ता जी की बात. सरकार बहादुर की जैसी मेहरबानी हम आम आदमियों पर है वो दिन दूर नहीं जब आने वाले वक्त में हम घर आए दामाद को ससुर द्वारा 2 लीटर की बोतल में पेट्रोल देते देखेंगे. दामाद को पेट्रोल देते हुए ससुर शायद कह दे रख ले बेटा शायद किसी दिन मुसीबत में काम ही आ जाए. या फिर शायद हम ये देखें कि किसी शादी में दूल्हे के दोस्त भाभी को मुंह दिखाई में 5 लीटर का केन दे रहे हैं ये सोचकर कि वो लोग किसी पेट्रोल पंप पर इसका फिक्स डिपॉजिट करवा लेंगे अपने उज्जवल भविष्य के लिए.

बढ़ी हुई महंगाई के इस दौर में इस तरह की असंख्य कोरी कल्पनाएं थीं जो हमने पेट्रोल और डीजल की कीमतों के मद्देनजर अपने दिमाग में रची हुईं थीं . पेट्रोल को गिफ्ट में दिए जाने की बात अब तक मजाक ही थी मगर हाए वक़्त की मार ये मजाक सच साबित हुआ है. इसपर भी तुर्रा ये कि ये सब इंडियन ऑयल ने किया है. जो जानते हैं ठीक है. जो नहीं जानते जान लें कि अपने एक विज्ञापन के कारण इंडियन ऑयल लोगों के निशाने पर है.

कंपनी पर आरोप है कि बड़ी ही निर्ममता के साथ इसके द्वारा न केवल आम आदमी को ठेंगा दिखाया गया है बल्कि भावना को भी आहत किया गया है. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि इंडियन ऑयल की तरफ से एक ऑनलाइन फ्यूल वाउचर जिसे कंपनी ने वन4यू नाम दिया है लांच किया है. वाउचर को ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और दिलचस्प ये की इस ई वाउचर को कंपनी ने शादियों का जश्न मनाने के लिए एकदम सही गिफ्ट बताया है.

इस ई वाउचर के मद्देनजर इंडियन ऑयल ने जो ट्वीट किया है यदि उसपर नजर डालें और उसका अवलोकन करें तो साफ है कि अपनी बातों से तेल निर्माता कंपनी ने देश के आम आदमियों के साथ मजाक किया है. ट्वीट में इस ई वाउचर की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कंपनी ने लिखा है कि अपने प्रियजनों की नई शुरुआत को और भी खास बनाएं. शादियों का जश्न मनाने के लिए एक खास उपहार, आज ही इंडियन ऑयल का वन4यू ई फ्यूल वाउचर प्राप्त करें और उन्हें अपने प्यार और आशीर्वाद की बौछार करें.

इसके अलावा कंपनी ने अपने ऐड में कुछ तस्वीरें भी शेयर की हाएं जिसमें लोग काफी खुश हैं. साथ ही इसी तस्वीर में एक राइनो भी दिखाया गया है जिसके हाथ में पेट्रोल भरने वाला मीटर दिखाई दे रहा है. साथ ही इस तस्वीर में वो वाउचर भी है जिसे आने वाले समय में लोग एक दूसरे को गिफ्ट करेंगे.

चूंकि इंडियन ऑयल ने अपने कारनामे से इतिहास रच दिया है देश का आम आदमी मौज ले रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके अलावा वो और कुछ कर भी नहीं सकता.

 

जैसी लोगों की प्रतिक्रिआएं हैं साफ़ है कि इस विज्ञापन के जरिये उन्हें सरकार और देश के प्रधानमंत्री की आलोचना का मौका मिल गया है.

लोग आहत हैं और शायद यदि वो कारण है जिसके चलते एक से एक दिलचस्प प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही है.

लोगों का तर्क है कि ऐसे ई वाउचर से सीधा फायदा तेल निर्माता कंपनी को मिलेगा।

हालात का मारा आम आदमी अपने पर हंसने के सिवा कर भी क्या सकता है लेकिन जो बात वाक़ई विचलित करती है वो ये कि जो चीजें सिर्फ हमने हंसी मजाक में कभी कही थीं आज वो सच हो रही हैं जो शायद कई मायनों में शर्मनाक भी है. बहरहाल इंडियन ऑयल के इस ई वाउचर ने ये साबित कर दिया कि आगे आने वाले वक़्त में हमें उन चीजों के लिए खुले हाथों से तैयार रहना चाहिए जो हमारी कल्पनाओं में थीं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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