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अल्लाह ने दुनिया बनाई, फिर अल्लाह ने कानपुर बनाया... अब दंगे को मत रोइये

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 03 जून, 2022 11:14 PM
  • 03 जून, 2022 11:13 PM
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कानपुर में आज मजमा जुटा था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ शहर में थे. आज ही जुमा भी था. और आज ही दंगा भी. जमकर पत्‍थर इधर-उधर हुए. कुछ पत्‍थरों ने सिर-पैर छुए, खून चखा. अब रात हो गई है, तो अमन चैन है.

समटाइम आई वंडर मुसलमान जुम्मे की हर नमाज़ के बाद इत्ते शांतिपिरी काइकू हो जाते हैं? कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुआ पथराव देखा. ख्याल आया कि One Fine Day अल्लाह को भी कुछ क्रिएटिव करने का सूझा होगा. उसने दुनिया बना दी और अमीबा बनाया. बेचारा अमीबा बोर न हो, अल्लाह ने इंसान बनाए, और फिर इंसान बोर न हो इसलिए कानपुर बनाया. साथ रहने के लिए, साथ झगड़ने के लिए. इंसान एक खलीफा. उसे अल्लाह को चुनौती देनी थी. एकदम सीधी. कुछ बनाने की चुल उसे थी ही, उसने कैलेंडर बनाया. जो गिरते पड़ते उड़ते लुड़कते मुसलमानों के हाथ लगा. कैलेंडर को उन्होंने देखा. बहुत बारीकी से देखा. आंखें फाड़ फाड़कर देखा. एक के हाथ से लेकर दूसरे ने देखा फिर जब उन्हें कुछ समझ में नहीं आया उन्होंने जुमा बना दिया. यानी कानपुर तो अल्लाह ने बनाया जुमा उसी अल्लाह द्वारा बनाए गए इंसानों में से मुसलमानों ने बनाया. क्यों बनाया? नमाज पढ़ने के लिए. फिर कुछ ने टाइम निकाल लिया दंगा फैलाने के लिए. खुले में आकर खुलकर पथराव करने के लिए.

कानपुर में जुमे की नमाज के बाद कुछ यूं चले पत्थर

कानपुर में जुमे की दोपहर एक बजे के बाद शुरू हुआ पथराव दो ढाई घंटे चला. बीच में पुलिस ने जमकर लट्ठ बजाए. अब स्थिति नियंत्रण में है. लाइन क्लियर हो गयी है. तो गुरु अब क्या होगा? अरे वही होगा जो मंजूर ए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होगा. अरे भइया अब बुलडोजर चलेगा. वो भी बिन हॉर्न के बिना साइड देखे.

अब चूंकि क्रिया की प्रतिक्रिया होगी. प्रशासन द्वारा एक्शन लिया जाएगा. इसलिए आएंगे दो चार बुद्धिजीवी मैदान में. डर के माहौल का हवाला दिया जाएगा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को निष्ठुर से...

समटाइम आई वंडर मुसलमान जुम्मे की हर नमाज़ के बाद इत्ते शांतिपिरी काइकू हो जाते हैं? कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हुआ पथराव देखा. ख्याल आया कि One Fine Day अल्लाह को भी कुछ क्रिएटिव करने का सूझा होगा. उसने दुनिया बना दी और अमीबा बनाया. बेचारा अमीबा बोर न हो, अल्लाह ने इंसान बनाए, और फिर इंसान बोर न हो इसलिए कानपुर बनाया. साथ रहने के लिए, साथ झगड़ने के लिए. इंसान एक खलीफा. उसे अल्लाह को चुनौती देनी थी. एकदम सीधी. कुछ बनाने की चुल उसे थी ही, उसने कैलेंडर बनाया. जो गिरते पड़ते उड़ते लुड़कते मुसलमानों के हाथ लगा. कैलेंडर को उन्होंने देखा. बहुत बारीकी से देखा. आंखें फाड़ फाड़कर देखा. एक के हाथ से लेकर दूसरे ने देखा फिर जब उन्हें कुछ समझ में नहीं आया उन्होंने जुमा बना दिया. यानी कानपुर तो अल्लाह ने बनाया जुमा उसी अल्लाह द्वारा बनाए गए इंसानों में से मुसलमानों ने बनाया. क्यों बनाया? नमाज पढ़ने के लिए. फिर कुछ ने टाइम निकाल लिया दंगा फैलाने के लिए. खुले में आकर खुलकर पथराव करने के लिए.

कानपुर में जुमे की नमाज के बाद कुछ यूं चले पत्थर

कानपुर में जुमे की दोपहर एक बजे के बाद शुरू हुआ पथराव दो ढाई घंटे चला. बीच में पुलिस ने जमकर लट्ठ बजाए. अब स्थिति नियंत्रण में है. लाइन क्लियर हो गयी है. तो गुरु अब क्या होगा? अरे वही होगा जो मंजूर ए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होगा. अरे भइया अब बुलडोजर चलेगा. वो भी बिन हॉर्न के बिना साइड देखे.

अब चूंकि क्रिया की प्रतिक्रिया होगी. प्रशासन द्वारा एक्शन लिया जाएगा. इसलिए आएंगे दो चार बुद्धिजीवी मैदान में. डर के माहौल का हवाला दिया जाएगा सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को निष्ठुर से लेकर निर्मोही तक सब कुछ बताया जाएगा. कुल मिलाकर विक्टिम कार्ड खेला जाएगा और माहौल ऐसा तैयार किया जाएगा कि मुसलमान आदमीजाए तो कहां जाए? खाए तो भला क्या खाए.

अराजक तत्वों ने जो हरकत की है उसके बाद मन यही हो रहा है कि अमीबा से लेकर इंसान तक बनाने वाला अल्लाह हमें भी 15 - 20 मिनट के लिए बुलडोज़र बना दे हम गिर पड़े इनके ऊपर हो जाए इन देशविरोधियों का काम तमाम. लेकिन चूंकि शायर पहले ही ये कहकर जा चुका है कि हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता इसलिए अपनी ये इच्छा इस जन्म में तो शायद ही कभी पूरी हो.

उम्मीद की धूपबत्ती बाबा के दर पर दिखाई दे रही है. जैसा अब तक का लॉ एंड आर्डर रहा है बिल्ली के रोएं बराबर शक नहीं. हम जानते हैं कृपा बाबा के डर से ही आएगी इसलिए बाबा को ये बता देना बहुत जरूरी है कि गेट खोल दिया है और स्वागत की फुल प्रूफ तैयारी है.

बाकी चाहे वो दुनिया और आदमी हो या फिर कानपुर बनाया सब अल्लाह ही ने है. इसलिए दंगे को होने देना है या उन्हें रोकना है पब्लिक अपना अपना देख ले.

P.S. जुम्मे की नमाज़ के बाद हाथ में पत्थर लेकर "कानपुर" की सैर को निकले उग्र पत्थरबाज, पुलिस से मार खाने के बाद बस यही कहते पाए जा रहे हैं कि 'दिल बहलता है मेरा आपके आने से!'

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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