• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
ह्यूमर

Swami Vivekananda Birthday : स्वामी विवेकानंद भी हैं सोशल मीडिया के सताए हुए!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 जनवरी, 2021 09:59 PM
  • 12 जनवरी, 2021 09:55 PM
offline
Swami Vivekananda Birthday : कुछ बातें स्वामी जी ने कहीं. कुछ नहीं कहीं. जो कहा ठीक, जो नहीं कहा उन बातों में उनका नाम जोड़कर और कुछ नहीं बस स्वामी जी की आत्मा को कष्ट पहुंचा रही है सोशल मीडिया वाली इंटेलेक्चुअल जनता.

बेचारे महापुरुष! क्योंकि सबको इस महाठगनी और मायावी दुनिया को छोड़कर दूसरी दुनिया में जाना होता है ये भी चले गए मगर नाश हो इस सोशल मीडिया का जब जब इन लोगों का बर्थडे या पुण्यतिथि होती है इनकी आत्मा जार जार बार बार और बिल्कुल लाचार होकर रोती है. ये रोना धोना क्यों होता है? वजह होती हैं 'बातें.' कुछ बातें इन लोगों ने कही होती हैं. उन बातों को शेयर होना चाहिए. शेयर करते रहना चाहिए. वहीं कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जिनसे इनका कोई ताल्लुख नहीं होता लेकिन फिर भी उन मनगढंत बातों को इनके नाम के साथ यहीं इसी फेसबुक या फिर ट्विटर पर शेयर किया जाता है. सीधी बात है वो बातें जो इन महापुरुषों ने कही नहीं होती हैं उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करना गुनाह है. दो गुना है. तीन गुना है. ऐसा व्यक्ति जो झूठ को प्रचारित और प्रसारित कर रहा है वो भले ही इंटेलेक्चुअल बन जाए लेकिन अच्छा इंसान शायद ही कहला पाए. 12 जनवरी एक ऐतिहासिक तारीख है इस दिन विश्व गुरु स्वामी विवेकानंद का बर्थडे होता है. तमाम महापुरुषों की तरह स्वामी विवेकानंद की भी समस्या यही है कि आज बर्थडे के दिन वो बातें फैल रही हैं जो उन्होंने और किसी से तो छोड़िए अपनी रफ कॉपी में भी नहीं लिखी थीं.

सोशल मीडिया से स्वामी विवेकानंद को भी वही दिक्कत है जो अन्य महापुरुषों को है

जी हां सही सुना आपने चूंकि आज स्वामी विवेकानंद जी का हैप्पी बर्थडे है तो उनके स्वघोषित चाहने वालों की फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर के ट्वीट्स और तो और इंस्टाग्राम की तस्वीरों तक पर स्वामी जी कुछ न कुछ कह रहे हैं. मजेदार बात ये है कि वो तमाम बुद्धिजीवी जो स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर अपनी होशियारी का डंका बजाने को आतुर हैं, ये बिल्कुल भी नहीं जानते कि अपने जमाने में स्वामी जी ने किन बातों को कहा था. तब की बातें गर जो छोड़ भी...

बेचारे महापुरुष! क्योंकि सबको इस महाठगनी और मायावी दुनिया को छोड़कर दूसरी दुनिया में जाना होता है ये भी चले गए मगर नाश हो इस सोशल मीडिया का जब जब इन लोगों का बर्थडे या पुण्यतिथि होती है इनकी आत्मा जार जार बार बार और बिल्कुल लाचार होकर रोती है. ये रोना धोना क्यों होता है? वजह होती हैं 'बातें.' कुछ बातें इन लोगों ने कही होती हैं. उन बातों को शेयर होना चाहिए. शेयर करते रहना चाहिए. वहीं कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जिनसे इनका कोई ताल्लुख नहीं होता लेकिन फिर भी उन मनगढंत बातों को इनके नाम के साथ यहीं इसी फेसबुक या फिर ट्विटर पर शेयर किया जाता है. सीधी बात है वो बातें जो इन महापुरुषों ने कही नहीं होती हैं उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करना गुनाह है. दो गुना है. तीन गुना है. ऐसा व्यक्ति जो झूठ को प्रचारित और प्रसारित कर रहा है वो भले ही इंटेलेक्चुअल बन जाए लेकिन अच्छा इंसान शायद ही कहला पाए. 12 जनवरी एक ऐतिहासिक तारीख है इस दिन विश्व गुरु स्वामी विवेकानंद का बर्थडे होता है. तमाम महापुरुषों की तरह स्वामी विवेकानंद की भी समस्या यही है कि आज बर्थडे के दिन वो बातें फैल रही हैं जो उन्होंने और किसी से तो छोड़िए अपनी रफ कॉपी में भी नहीं लिखी थीं.

सोशल मीडिया से स्वामी विवेकानंद को भी वही दिक्कत है जो अन्य महापुरुषों को है

जी हां सही सुना आपने चूंकि आज स्वामी विवेकानंद जी का हैप्पी बर्थडे है तो उनके स्वघोषित चाहने वालों की फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर के ट्वीट्स और तो और इंस्टाग्राम की तस्वीरों तक पर स्वामी जी कुछ न कुछ कह रहे हैं. मजेदार बात ये है कि वो तमाम बुद्धिजीवी जो स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर अपनी होशियारी का डंका बजाने को आतुर हैं, ये बिल्कुल भी नहीं जानते कि अपने जमाने में स्वामी जी ने किन बातों को कहा था. तब की बातें गर जो छोड़ भी दें तो ये आज भी नहीं जानते कि स्वामी जी की असली शिक्षाएं क्या थीं.

सोशल मीडिया जितनी काम की चीज है उतनी ही दिलफरेब भी हैं. चूंकि यहां सदैव मुद्दा ट्रेंड रहा है तो आज जो लोग स्वामी जी के नाम पर कोटेशन का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं कल उन सबकी प्रोफाइलों से स्वामी जी चुप हो जाएंगे. पुनः इनके अंदर का चाणक्य, अरस्तु, सुकरात, रूमी, कबीर, पाणिनि, चरक जाग जाएगा और पब्लिक को फेसबुक ट्विटर पर वो ज्ञान मिलेगा जिसे वो व्हाट्सएप पर शेयर कर सोते हुए 'शेरों' को जगाएंगे. 12 जनवरी फिर अगले साल आएगा. फिर ये लीग जागेंगे फिर कुछ काम की बातें तो कुछ फर्जीवाड़ा होगा. ध्यान रहे ये सब क्यों हो रहा है इसका सबसे बड़ा कारण अपने को ज्ञानी दिखाना तो है ही साथ ही ये भी कि हम अपडेटेड हैं. न हमसे कुछ छूटा है और न ही हम कुछ छोड़ेंगे.

इस बुराई या ये कहें कि अनाप शनाप बातों को किसी महापुरुष के नाम के साथ जोड़कर उन वाहियात बातों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले लोगों के लिए लिखने को तो हजारों पन्नों की किताब लिखी जा सकती है लेकिन मौक़े के हिसाब से हमें भी स्वामी जी की एक बात याद आ गयी . बरसों पहले किसी स्थान पर स्वामी जी ने कहा था कि 'हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं, शब्द गौण हैं, विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं"...

इन बातों को दोबारा पढ़िये, कई बार पढ़िये, बार बार पढ़िये वो तमाम बुद्धिजीवी जो ज्ञानी होने का फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. ये उनकी सोच की बदौलत तो है ही साथ ही इसके पीछे एक बहुत बड़ा फैक्टर औरों से अलग दिखना है. ध्यान रहे सोशल मीडिया के इस कमोड काल में जो जितना दिख रहा है वो उतना अधिक बिक रहा है.

अब जबकि स्वामी विवेकानंद के बर्थडे पर हम फर्जी ज्ञानियों पर इतना ज्ञान बांच ही चुके हैं तो हम बस इतना और कहेंगे कि ये तमाम बातें व्यर्थ की बातें हैं. व्यक्ति इन्हें पूरी तलीनता से सुनता है थोड़ी देर इनपर विचार करता है फिर इन्हें अपने दिमाग के रीसायकल बिन में वैसे ही डालता है जैसे हम लोग कूड़े को डस्टबिन में डालते हैं. आदमी को लगता है कि  यदि वो ट्रेंड की बहती गंगा में हाथ नहीं धोएगा तो ये निर्मम जमाना उसे पिछड़ा हुआ कहेगा.

अंत में बस इतना ही कि वो चाहे स्वामी विवेकानंद हों या कोई और उन्हें बक्श दीजिये. मत कीजिये उनके नाम के साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा. पता नहीं आप जानते हैं भी या नहीं. आपके इस फर्जीवाड़े से वहां ऊपर स्वर्ग में उस महापुरुष की आत्मा रोती है, जिसका नाम लेकर आप वो बातें अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट कर रहे हैं, जिसका उनसे दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है. फ़िलहाल मामला स्वामी विवेकानंद का है हम तो खुद ये सोच सोचकर बेहाल हो रहे हैं कि वहां ऊपर बेचारे स्वामी जी की आत्मा का क्या हाल हो रहा होगा.

ये भी पढ़ें -

Ranbir Kapoor, क्या हर आशिक आशावादी होता है, जिसे Get Lost में भी उम्मीद दिखती है!

Pakistan blackout: पाकिस्तान में बिजली गई, साथ नेताओं के दिमाग की बत्ती भी गुल

त्वाडा कुत्ता टॉमी, साडा कुत्ता कुत्ता: 2021 में कुत्तों को उचित सम्मान मिल ही गया! 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    टमाटर को गायब कर छुट्टी पर भेज देना बर्गर किंग का ग्राहकों को धोखा है!
  • offline
    फेसबुक और PubG से न घर बसा और न ज़िंदगी गुलज़ार हुई, दोष हमारा है
  • offline
    टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
  • offline
    अंबानी ने दोस्त को 1500 करोड़ का घर दे दिया, अपने साथी पहनने को शर्ट तक नहीं देते
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲