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आग लगे श्रीलंका की बस्ती में, चुम्मीजीवी से लेकर इन्फ्लुएंसर तक सब हैं अपनी मस्ती में!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 15 जुलाई, 2022 01:31 PM
  • 15 जुलाई, 2022 01:31 PM
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श्रीलंका प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों की अतरंगी तस्वीरों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. पहली तस्वीर प्रदर्शन के समय किसिंग करते एक कपल की है. जबकि दूसरी तस्वीर में एक इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर है. जो राष्ट्रपति भवन में हैं और जिसने लाइक कमेंट शेयर पाने के लिए,अलग अलग पोज में करीब 26 तस्वीरें क्लिक कराई हैं.

जंगल वंगल में रह रहा हो तो क्या ही कहना. वरना इन दिनों टेक्नोलॉजी जैसे क्रांतिकारी हो रखी है. जिस तरह हर हाथ व्हाट्सएप-फेसबुक हैं. शहरों का तो छोड़ ही दीजिए. गांव देहात में रहने वाला आदमी, भले ही ये न जानता हो कि उसके पड़ोसी के कितने बच्चे हैं. मगर श्रीलंका के विषय में उसे सब पता है.भारत के किसी भी नुक्कड़ पर चले जाइए हाथों में अख़बार के पन्ने समेटते हुए, श्रीलंका के मुश्किल हालातों पर एक के बाद दूसरी चाय पीते हुए या फिर खैनी रगड़ते हुए चर्चा का दौड़ जारी है. होने को तो करीब 22 मिलियन की आबादी वाला श्रीलंका आर्थिक उथल-पुथल की चपेट में है. मगर चाहे वो स्पेशल चुम्मीजीवी हों या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर श्रीलंका के मद्देनजर इन मुओं को इससे कोई मतलब है ही नहीं. इनका कॉन्सेप्ट किसी भी सूरत ए हाल में अटेंशन पाना है.

श्रीलंका में सरकार के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों की अतरंगी तस्वीरों के रुझान आने शुरू हो गए हैं

भले ही किसी आम श्रीलंकन को अपने देश में पिछले 7 दशकों में सबसे ख़राब हालात के चलते दवा दारु या खाना पीना न मिल पा रहा हो. लेकिन भरे मजमें में चुम्मीजीवीयों का चुम्मा लेना और अपने को इंस्टाग्राम के पुरोधा बताने वाले लोगों का 79 अदर्स को टैग करके स्टाइल मारकर फोटू खिंचवाना इस बात की तस्दीख कर देता है कि 'परलय' आने वाली है और फिर दुनिया ख़त्म हो जानी है.

असल में जो कांड वहां उधर श्रीलंका में हुआ है उसमें कुछ अतरंगी तस्वीरें भी वायरल की जा रही हैं. सवाल होगा कि अतरंगी क्यों? तो कारण हैं जहां एक तरफ देश की जनता तख्ते को पलटने के लिए एड़ी से लेकर चोटी का जोर लगा रही है एक जोड़ा भरे मजमे में चुम्मा लेने के कारण हॉट टॉपिक ऑफ डिस्कशन बना है.

जंगल वंगल में रह रहा हो तो क्या ही कहना. वरना इन दिनों टेक्नोलॉजी जैसे क्रांतिकारी हो रखी है. जिस तरह हर हाथ व्हाट्सएप-फेसबुक हैं. शहरों का तो छोड़ ही दीजिए. गांव देहात में रहने वाला आदमी, भले ही ये न जानता हो कि उसके पड़ोसी के कितने बच्चे हैं. मगर श्रीलंका के विषय में उसे सब पता है.भारत के किसी भी नुक्कड़ पर चले जाइए हाथों में अख़बार के पन्ने समेटते हुए, श्रीलंका के मुश्किल हालातों पर एक के बाद दूसरी चाय पीते हुए या फिर खैनी रगड़ते हुए चर्चा का दौड़ जारी है. होने को तो करीब 22 मिलियन की आबादी वाला श्रीलंका आर्थिक उथल-पुथल की चपेट में है. मगर चाहे वो स्पेशल चुम्मीजीवी हों या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर श्रीलंका के मद्देनजर इन मुओं को इससे कोई मतलब है ही नहीं. इनका कॉन्सेप्ट किसी भी सूरत ए हाल में अटेंशन पाना है.

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भले ही किसी आम श्रीलंकन को अपने देश में पिछले 7 दशकों में सबसे ख़राब हालात के चलते दवा दारु या खाना पीना न मिल पा रहा हो. लेकिन भरे मजमें में चुम्मीजीवीयों का चुम्मा लेना और अपने को इंस्टाग्राम के पुरोधा बताने वाले लोगों का 79 अदर्स को टैग करके स्टाइल मारकर फोटू खिंचवाना इस बात की तस्दीख कर देता है कि 'परलय' आने वाली है और फिर दुनिया ख़त्म हो जानी है.

असल में जो कांड वहां उधर श्रीलंका में हुआ है उसमें कुछ अतरंगी तस्वीरें भी वायरल की जा रही हैं. सवाल होगा कि अतरंगी क्यों? तो कारण हैं जहां एक तरफ देश की जनता तख्ते को पलटने के लिए एड़ी से लेकर चोटी का जोर लगा रही है एक जोड़ा भरे मजमे में चुम्मा लेने के कारण हॉट टॉपिक ऑफ डिस्कशन बना है.

देश भले ही हिंसक गतिविधियों और अराजकता की भेंट चढ़ गया हो. लेकिन कोलंबो में चुम्मी के नाम पर प्यार में बौराए चुम्मी जीवियों का पीडीए (पब्लिक डिस्पले ऑफ अफेक्शन) ऐसा कि पत्थरदिल और कठोर व्यक्ति भी जार जार रोने को मजबूर हो जाए.

सवाल ये है कि भरे मजमें या ये कहें कि अच्छे खासे एन्टी गवर्नमेंट प्रोटेस्ट में जो इन्होंने किया. खुद सोचिए कि क्या इन्हें देखने के बाद प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन करने का, पुलिस पर पथराव करने और वाहन जलाने का फील आया होगा?

इस सवाल के मद्देनजर जनता अपनी क्या सोच रखती है हमें बिल्कुल नहीं पता लेकिन हमें डाउट है. नहीं मतलब सच में. जब एक तरफ पूरे देश में सरकार की नीयत को लेकर उबाल हो. हमको सच में समझ में नहीं आ रहा है कि कोई कैसे किसी को इतना टूटकर और बिना लोक लाज की परवाह के प्यार कर सकता है. अगर किसी के पास जवाब हो तो हमें भी बताए क्या पता हमें भी वर्चुअल ख़ुशी मिल ही जाए.

अच्छा चलो मुहब्बत तो फिर भी ठीक है लेकिन क्यों कि दुनिया में किस्म किस्म के इंसान हैं. कुछ लोग हमारे बीच ऐसे भी हैं कि सिर्फ इंस्टाग्राम वाली फ़ोटो पर लाइक कमेंट आ जाएं उसपर शेयर पड़ जाएं ये लोग ज़िंदा मछली तक निगल सकते हैं. तेजाब भरे कप को एक ही घूंट में खत्म कर सकते हैं.

जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं. श्रीलंका में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोगों की अतरंगी तस्वीरें आने का सिलसिला थम नहीं रहा है. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर और वायरल हुई है.तस्वीर एक युवती की है और जिसकी तस्वीर है उस युवती को सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बताया जा रहा है.

फोटो में कद्दू में तीर मरने वाली युवती कोलंबो स्थित राष्ट्रपति भवन में हैं और उसने हाथों में बैग पकड़े बड़े ही स्टाइल से एक के बाद एक 26 फोटो क्लिक कराई हैं. तस्वीरों में जैसी ख़ुशी युवती की है ऐसा लग रहा है बरसों के चटोरे को किसी ने थिन क्रस्ट पिज्जा खिला दिया है.

सवाल ये है कि आखिर कौन हैं ये लोग? कहां से आते हैं? क्या ही सोचकर ये इतनी और इस हद तक चिरांद कर लेते हैं. जवाब हमें नहीं पता. यदि कोई ज्ञानी महापुरुष हो तो हमें प्लीज बताए. बाकी जैसे इन लोगों के हाल हैं कहावत सही है कि आग लगे बस्ती में. मस्तराम अपनी मस्ती में. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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