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कोविड मैनेजमेंट के लिए योगी आदित्यनाथ को 'उधार' मांग शर्मिंदा न करे आस्ट्रेलिया!

    • सर्वेश त्रिपाठी
    • Updated: 16 जुलाई, 2021 02:54 PM
  • 16 जुलाई, 2021 02:52 PM
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Coronavirus Management के तहत ऑस्ट्रेलिया के सांसद क्रेग केली ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी की कोरोना प्रबंधन शैली और भारत के इस सबसे बड़े राज्य को कम नुकसान के साथ महामारी से बचाए रखने में उनके प्रयासों को देखते हुए भारत से उन्हें लोन में मांगा है.

घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध यही बात अपने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आज सटीक बैठ रही है. ऑस्ट्रेलिया के सांसद क्रेग केली ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी की कोरोना प्रबंधन शैली और भारत के इस सबसे बड़े राज्य को कम नुकसान के साथ महामारी से बचाए रखने में उनके प्रयासों को देखते हुए भारत से उन्हें लोन में मांगा है. प्रथम दृष्टया तो यही लगा की केली कहीं मौज तो नहीं ले रहे हैं. जैसा कि उनके ट्वीट पर किसी ट्विटर यूजर ने जवाब भी दिया है कि 'सांसद केली और भारतीय मीडिया दोनों कितने मजाकिया हैं.' हालांकि सांसद केली ने अपने ट्वीट को 'जे चैमी' के उस ट्वीट के साथ किया है जिसमें जे चैमी ने यह आंकड़ा प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार भारत की कुल जनसंख्या में 17% की हिस्सेदारी रखने वाला उत्तर प्रदेश भारत के कुल कोविड केस में सिर्फ 2.5 % की हिस्सेदारी और कुल मृत्यु में मात्र 1% की हिस्सेदारी रखता है.

कोविड मैनेजमेंट के तहत ऑस्ट्रेलियाई सांसद की बातें योगी आदित्यनाथ को इमोशनल कर देंगी

इन आंकड़ों को महाराष्ट्र राज्य के आंकड़ों के साथ दिखाया गया है जिसमें यह दर्शाया गया है कि महाराष्ट्र जिसकी भारत की कुल जनसंख्या में हिस्सेदारी महज 9% है वहां वहां केस की संख्या कुल भारत का 18% और मृत्यु 50% के लगभग है. mज़ाहिर सी बात इन दोनों आंकड़ों के आधार पर तो मुख्यमंत्री योगी की तारीफ तो बनती ही है. लेकिन ट्वीटर पर सांसद केली के ट्वीट पर लोग आलोचना भी खूब कर रहे.

लोगों ने इसी ट्वीट की हंसी उड़ाते हुए कहा कि लगता है सांसद महोदय ने जलती चिताओं और नदियों में बहती लाशों को नहीं देखा. इसी प्रकार शुरुआती दौर में अस्पतालों में बेड के लिए भटकते मरीजों और उनके परिजनों की बेबस तस्वीरें और खबरों को भी देखा जाना...

घर का जोगी जोगड़ा, आन गांव का सिद्ध यही बात अपने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आज सटीक बैठ रही है. ऑस्ट्रेलिया के सांसद क्रेग केली ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी की कोरोना प्रबंधन शैली और भारत के इस सबसे बड़े राज्य को कम नुकसान के साथ महामारी से बचाए रखने में उनके प्रयासों को देखते हुए भारत से उन्हें लोन में मांगा है. प्रथम दृष्टया तो यही लगा की केली कहीं मौज तो नहीं ले रहे हैं. जैसा कि उनके ट्वीट पर किसी ट्विटर यूजर ने जवाब भी दिया है कि 'सांसद केली और भारतीय मीडिया दोनों कितने मजाकिया हैं.' हालांकि सांसद केली ने अपने ट्वीट को 'जे चैमी' के उस ट्वीट के साथ किया है जिसमें जे चैमी ने यह आंकड़ा प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार भारत की कुल जनसंख्या में 17% की हिस्सेदारी रखने वाला उत्तर प्रदेश भारत के कुल कोविड केस में सिर्फ 2.5 % की हिस्सेदारी और कुल मृत्यु में मात्र 1% की हिस्सेदारी रखता है.

कोविड मैनेजमेंट के तहत ऑस्ट्रेलियाई सांसद की बातें योगी आदित्यनाथ को इमोशनल कर देंगी

इन आंकड़ों को महाराष्ट्र राज्य के आंकड़ों के साथ दिखाया गया है जिसमें यह दर्शाया गया है कि महाराष्ट्र जिसकी भारत की कुल जनसंख्या में हिस्सेदारी महज 9% है वहां वहां केस की संख्या कुल भारत का 18% और मृत्यु 50% के लगभग है. mज़ाहिर सी बात इन दोनों आंकड़ों के आधार पर तो मुख्यमंत्री योगी की तारीफ तो बनती ही है. लेकिन ट्वीटर पर सांसद केली के ट्वीट पर लोग आलोचना भी खूब कर रहे.

लोगों ने इसी ट्वीट की हंसी उड़ाते हुए कहा कि लगता है सांसद महोदय ने जलती चिताओं और नदियों में बहती लाशों को नहीं देखा. इसी प्रकार शुरुआती दौर में अस्पतालों में बेड के लिए भटकते मरीजों और उनके परिजनों की बेबस तस्वीरें और खबरों को भी देखा जाना चाहिए.

फिलहाल इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोरोना की दूसरी लहर ने न केवल योगी के प्रशासन बल्कि देशभर में कोरोना के द्वितीय चरण के पूर्व हमारी सरकारों की तैयारी की पोल खोल कर रख दी. पंचायत चुनावों में कोविड प्रोटोकाल के प्रति प्रशासन और जनता की लापरवाही, लॉक डाउन जैसे कदमों को उठाने में की गई देरी के अतिरिक्त ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक दवाइयों की कालाबाजारी, सही समय पर जांच रिपोर्ट न आने के कारण जो अफरा तफरी का माहौल था उसे हर व्यक्ति ने महसूस किया.

इसमें कतई संदेह नहीं है कि कईयों के लिए यह सब कुछ जीवन भर न भूलने वाला सदमा बन गया है. लेकिन इन सबके बीच मुख्यमंत्री योगी की यह तारीफ तो बनती ही है कि शुरुआती लापरवाही के बाद जिस तरह से विभिन्न जिलों का दौरा उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर इंतजाम किए वो बहुतों की जान बचाने में मददगार साबित हुआ.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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