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Lockdown: पुलिस वालों की सजा बता रही है कि ये टीचर बनना चाहते थे!

    • आईचौक
    • Updated: 25 मार्च, 2020 02:27 PM
  • 25 मार्च, 2020 02:26 PM
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कोरोना वायरस (Coronavirus)को लेकर भारत (India) की भी स्थिति बहुत गंभीर है. स्थिति बिगड़े न इसलिए लिए देश के प्रधानमंत्री ने भी 21 दिन के लॉक डाउन (Lockdown) की घोषणा कर दी है.मगर ऐसे तमाम लोग हैं जो बेवजह सड़कों पर आ रहे हैं जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी एक से बढ़कर एक तरीके अपना रही है.

जैसे ही ईश्वर किसी व्यक्ति का निर्माण करता है उसका कुछ न कुछ बनना तय हो जाता है. सब मुकद्दर का खेल है. इंसान वही बनता है जो उसके भाग्य में लिखा होता है. कोई डॉक्टर (Doctor ) बनता है. तो कोई इंजीनियर (Engineer ). ऐसे ही कुछ वो लोग होते हैं जिनकी नियति में शिक्षक होना लिखा था. मगर होनी को कुछ और मंजूर था. ये लोग कुछ और हो गए. आज इन्हें समाज पुलिस वालों (Policemen ) के नाम से जानता है. कहते हैं कि इंसान की सोच उसके कर्मों का निर्धारण करती है. तो वो पुलिसवाले, जिन्हें पुलिस नहीं बल्कि कुछ और या ये कहें कि शिक्षक बनना था. अक्सर ही अपनी सोच के मुताबिक काम करते हैं. चूंकि इन पुलिस वालों को शिक्षक (Teachers) होना था और शिक्षक (Teachers) के लिए जरूरी है कि वो अपने जीवन में मुर्गों का महत्व समझे. नियति ने इन्हें मौके के रूप में एक साथ कई मुर्गे दे दिए हैं. कारण बना है कोरोना वायरस (Coronavirus) जिसके अंतर्गत पुलिस वाले उन लोगों को सजा दे रहे हैं जो इस लॉक डाउन (Coronavirus Lockdown) का पालन नहीं कर रहे हैं. ध्यान रहे कि कोरोना वायरस को लेकर भारत (India) के कई ज़िले लॉक डाउन हैं. मगर इसके बावजूद लोग सड़कों पर आ रहे हैं जिन्हें संभालने के लिए पुलिस को भरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

लॉक डाउन तोड़ने के दौरान सड़क पर आए लोगों को सबक सिखाती पुलिस

अब जबकि हालात खराब हैं भारत से लेकर पाकिस्तान तक हर पुलिसवाले को अपनी अपनी नियति में लिखे मुर्गे मिल गए हैं. जिन्हें न सिर्फ वो घर में रहने की हिदायत दे रही है. ये वो लोग हैं जो सेल्फ डिस्टेंसिनग को ठेंगा दिखा कर सड़कों पर निकल रहे हैं और नियमों की ऐसी तैसी कर रहे हैं. बात पुलिसवालों की हुई है तो सजा को लेकर जैसा पुलिसवालों का अंदाज है इस बात की पुष्टि हो जाती है कि इन...

जैसे ही ईश्वर किसी व्यक्ति का निर्माण करता है उसका कुछ न कुछ बनना तय हो जाता है. सब मुकद्दर का खेल है. इंसान वही बनता है जो उसके भाग्य में लिखा होता है. कोई डॉक्टर (Doctor ) बनता है. तो कोई इंजीनियर (Engineer ). ऐसे ही कुछ वो लोग होते हैं जिनकी नियति में शिक्षक होना लिखा था. मगर होनी को कुछ और मंजूर था. ये लोग कुछ और हो गए. आज इन्हें समाज पुलिस वालों (Policemen ) के नाम से जानता है. कहते हैं कि इंसान की सोच उसके कर्मों का निर्धारण करती है. तो वो पुलिसवाले, जिन्हें पुलिस नहीं बल्कि कुछ और या ये कहें कि शिक्षक बनना था. अक्सर ही अपनी सोच के मुताबिक काम करते हैं. चूंकि इन पुलिस वालों को शिक्षक (Teachers) होना था और शिक्षक (Teachers) के लिए जरूरी है कि वो अपने जीवन में मुर्गों का महत्व समझे. नियति ने इन्हें मौके के रूप में एक साथ कई मुर्गे दे दिए हैं. कारण बना है कोरोना वायरस (Coronavirus) जिसके अंतर्गत पुलिस वाले उन लोगों को सजा दे रहे हैं जो इस लॉक डाउन (Coronavirus Lockdown) का पालन नहीं कर रहे हैं. ध्यान रहे कि कोरोना वायरस को लेकर भारत (India) के कई ज़िले लॉक डाउन हैं. मगर इसके बावजूद लोग सड़कों पर आ रहे हैं जिन्हें संभालने के लिए पुलिस को भरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

लॉक डाउन तोड़ने के दौरान सड़क पर आए लोगों को सबक सिखाती पुलिस

अब जबकि हालात खराब हैं भारत से लेकर पाकिस्तान तक हर पुलिसवाले को अपनी अपनी नियति में लिखे मुर्गे मिल गए हैं. जिन्हें न सिर्फ वो घर में रहने की हिदायत दे रही है. ये वो लोग हैं जो सेल्फ डिस्टेंसिनग को ठेंगा दिखा कर सड़कों पर निकल रहे हैं और नियमों की ऐसी तैसी कर रहे हैं. बात पुलिसवालों की हुई है तो सजा को लेकर जैसा पुलिसवालों का अंदाज है इस बात की पुष्टि हो जाती है कि इन पुलिसवालों को बनना शिक्षक था मगर सख्त पेरेंटिंग ने इन्हें पुलिस वाला बना दिया. 

एक ऐसे वक़्त में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस को लेकर आतंकित हो बड़ी संख्या में लोग बीमार हों और उनके मारने की खबरें आ रही हों भारत में लोग फितरतन इस चीज को हल्के में ले रहे हैं और लॉक डाउन के बावजूद जमकर सड़कों पर मौज मस्ती कर रहे हैं.

बता दें कि चाहे वो उत्तर प्रदेश हो या फिर पंजाब और हरियाणा. राजधानी दिल्ली से लेकर कर्नाटक और महाराष्ट्र तक सभी राज्यों में सरकारें लगातार कोरोना वायरस के प्रति गंभीर हैं. खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक लोगों से कह चुके हैं कि वो सेल्फ डिस्टेंसिंग को तरजीह दें और अपने अपने घरों में रहें.

मास्टर बने पुलिस वाले कितने सख्त हैं इसे हम उस वीडियो से समझ सकते हैं जिसमें महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिसवाले लोगों से स्क्वाट करवाते नजर आ रहे हैं.

भारत की तरह पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस ने सरकार के साथ साथ लोगों को दहशत में डाल रखा है. अब चूंकि पाकिस्तान भी भारत की ही तरह है इसलिए वहां भी लोग लॉक डाउन के दौरान सड़कों पर मौज मस्ती करते नजर आ रहे हैं. ऐसे लोगों से निपटने के लिए कराची पुलिस ने उन्हें मुर्गा बनाने का फैसला किया है. पुलिस को उम्मीद है कि शायद इसी शर्मिंदगी के बाद लोग अपने घरों में रहें.

बता दें कि लॉकडाउन के बाद भी सड़क पर मौज मस्ती करने वालों को ऐसे ही मुर्ग़ा बनना पड़ेगा. शुरूआत यूपी पुलिस ने की है. उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ इस मामले को लेकर बहुत सख्त हैं और लगातार इसी बात को दोहरा रहे हैं कि जो नियमों का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ केस दर्ज होगा और सख्त से सख्त सजा दी जाएगी.

अब पुलिस वाले तो पुलिसवाले हैं जानते हैं कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते हैं इसलिए लोग घर पर रहें इसके लिए लाठियों का सहारा भी लिया जा रहा है.

बहरहाल अब जबकि देश के प्रधानमंत्री भी अपने सम्बोधन में 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा कर चुके हैं. देखना दिलचस्प रहेगा कि लोग इस लॉक डाउन को मानते हैं या नहीं बगैर इतना तो है कि चाहे भारत हो या फिर पाकिस्तान लोगों को अभी इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा नहीं है. जब तक लोगों को इस बात का एहसास होगा बस डर इस बात का है कि कहीं बहुत देर न हो जाए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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