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बिहार में लॉन्च होगी ‘पतंजलि मदिरा’!

    • करुणेश कैथल
    • Updated: 02 अप्रिल, 2016 12:17 PM
  • 02 अप्रिल, 2016 12:17 PM
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इस खबर के वायरल होते ही मानो जैसे बिहार के पियक्कड़ समुदायों में खुशी की लहर दौड़ गई. उन्हें ‘पतंजलि मदिरा’ में शराब का नया विकल्प दिखने लगा और मन-ही-मन वे बाबा रामदेव की जय जयकार करने लगे

योगगुरू बाबा रामदेव के ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था पतंजलि के कई सारे प्रोडक्ट ने इस समय मार्केट में अपना वर्चस्व कायम कर लिया है. बाबा रामदेव अपने भाषणों में हमेशा यह कहते नजर आते हैं कि उन्होंने विदेशी सामग्रियों के इस्तेमाल के आदी हो चुके भारतीयों के बीच से शरीर को हानि पहुंचाने वाले विदेशी प्रोडक्टों को निकाल फेंकने की कसम खा रखी है. वे अपने इस मकसद में काफी हद तक सफल भी दिखाई पड़ते हैं. इस वक्त देश के शहरों से लेकर गांवों तक काफी घरों में लगभग पतंजलि के प्रोडक्ट ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं.

बाबा रामदेव के इन तमाम प्रयासों के बावजूद कई बार प्रोडक्ट की गुणवत्ता, उनके काम करने के तरीकों, लाइसेंस संबंधी नियमों व मर्यादाओं में कमी का हवाला देकर पतंजलि पर कई आरोप भी लगते आए हैं. अभी हाल में जिस जल्दबाजी से मैगी पर बैन लगने के बाद, समय की मांग को भांपते हुए बाबा रामदेव ने पतंजलि का नूडल्स बाजार में उतारा, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाबा रामदेव की पैनी नजर किस कदर बाजार में उपलब्ध अन्य कंपनियों के प्रोडक्टों पर है.

ये भी पढ़ें- बाबाओं का सुपर मार्केट: आध्‍यात्म से कंज्यूमर प्रोडक्‍ट तक

इन्हीं कारणों से सोशल मीडिया पर इस समय एक खबर वायरल हो चुकी है. खबर यह है कि बिहार में एक सख्त कानून पास कर 1 अप्रैल से शराब की खरीद, बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. इस खबर में और तड़का तब लग गया जब इसके पीछे बाबा रामदेव का हाथ बताया जाने लगा. कहा जा रहा है कि बहुत जल्द बिहार में शराब के टेस्ट और उसे पीने से होने वाले नशे से काफी हद तक मेल खाने वाले ‘पतंजलि मदिरा’ को बिहार के बाजारों में उतारने का प्रयास पतंजलि की तरफ से किया जा रहा...

योगगुरू बाबा रामदेव के ट्रस्ट द्वारा संचालित संस्था पतंजलि के कई सारे प्रोडक्ट ने इस समय मार्केट में अपना वर्चस्व कायम कर लिया है. बाबा रामदेव अपने भाषणों में हमेशा यह कहते नजर आते हैं कि उन्होंने विदेशी सामग्रियों के इस्तेमाल के आदी हो चुके भारतीयों के बीच से शरीर को हानि पहुंचाने वाले विदेशी प्रोडक्टों को निकाल फेंकने की कसम खा रखी है. वे अपने इस मकसद में काफी हद तक सफल भी दिखाई पड़ते हैं. इस वक्त देश के शहरों से लेकर गांवों तक काफी घरों में लगभग पतंजलि के प्रोडक्ट ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं.

बाबा रामदेव के इन तमाम प्रयासों के बावजूद कई बार प्रोडक्ट की गुणवत्ता, उनके काम करने के तरीकों, लाइसेंस संबंधी नियमों व मर्यादाओं में कमी का हवाला देकर पतंजलि पर कई आरोप भी लगते आए हैं. अभी हाल में जिस जल्दबाजी से मैगी पर बैन लगने के बाद, समय की मांग को भांपते हुए बाबा रामदेव ने पतंजलि का नूडल्स बाजार में उतारा, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाबा रामदेव की पैनी नजर किस कदर बाजार में उपलब्ध अन्य कंपनियों के प्रोडक्टों पर है.

ये भी पढ़ें- बाबाओं का सुपर मार्केट: आध्‍यात्म से कंज्यूमर प्रोडक्‍ट तक

इन्हीं कारणों से सोशल मीडिया पर इस समय एक खबर वायरल हो चुकी है. खबर यह है कि बिहार में एक सख्त कानून पास कर 1 अप्रैल से शराब की खरीद, बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है. इस खबर में और तड़का तब लग गया जब इसके पीछे बाबा रामदेव का हाथ बताया जाने लगा. कहा जा रहा है कि बहुत जल्द बिहार में शराब के टेस्ट और उसे पीने से होने वाले नशे से काफी हद तक मेल खाने वाले ‘पतंजलि मदिरा’ को बिहार के बाजारों में उतारने का प्रयास पतंजलि की तरफ से किया जा रहा है.

‘पतंजलि मदिरा’ के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि इसका असर काफी हद तक शराब के असर के बराबर ही होगी. लेकिन यह शरीर को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचाएगी. क्योंकि बाबा रामदेव का दावा है कि उनके अन्य प्रोडक्ट की तरह ही ‘पतंजलि मदिरा’ को बनाने में भी प्रकृति से प्राप्त पेड़-पौधों व जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है. अतः इसका इस्तेमाल सुरक्षित ही नहीं, फायदेमंद साबित होगा.

ये भी पढ़ें- पतंजलि नहीं, यह है इंडियन ड्रैगन

 जाहिर है बाबा रामदेव के अन्य उत्पादों की तरह ये मदिरा भी प्राकृतिक तत्वों से बनी होगी

इस खबर के वायरल होते ही मानो जैसे बिहार के पियक्कड़ समुदायों में खुशी की लहर दौड़ गई. उन्हें ‘पतंजलि मदिरा’ में शराब का नया विकल्प दिखने लगा. मन-ही-मन वे बाबा रामदेव की जय जयकार करने व नीतीश सरकार को कोसने लगे. लेकिन उनकी इस खुशी को मातम में बदलते देर नहीं लगी जब इस खबर के पीछे का सच समझ में आया.

आज के दौर में किसी भी वक्त किसी व्यक्ति से हंसी-मजाक आपको महंगा पड़ सकता है. कहा यह जा रहा है कि इसी के मद्देनजर 1 अप्रैल को मुख्य रूप से अप्रैल फूल का नाम दिया गया है. इसी बहाने साल में एक दिन यानि 1 अप्रैल को किसी को भी मूर्ख बनाने की आजादी हम सभी को मिल जाती है. असल में यह खबर 1 अप्रैल को ही फैलाई गई थी और खबर के अंत में दो लाईन लिखी हुई थी, जो ‘पतंजलि मदिरा’ का नाम सुन कर खुशी में झूम रहे पियक्कड़ समुदायों पर भारी पड़ी और उनकी खुशी दोबारा मातम में बदल गई.

ये भी पढ़ें- पतंजलि नूडल्स के मामले में बाबा रामदेव आधे मैगी हैं

वह दो लाईन यह थी कि अगर आपने ‘पतंजलि मदिरा’ के बारे में पूरी जानकारी ले ली है तो समझ लीजिए आपका अप्रैल फूल मन चुका है. आप शायद आज के दिन के पहले मूर्ख व्यक्ति हैं. मूर्ख बनें और अपना बदला लेने के लिए आगे भी यह मैसेज फैलाएं. नशा करना सेहत के लिए हानिकारक है और बिहार में शराब बैन को हम सभी का पूरा सहयोग प्राप्त है. नशा छोड़ें और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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