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कौन मारेगा ? मरे मोदी के दुश्‍मन

    • आईचौक
    • Updated: 15 नवम्बर, 2016 06:08 PM
  • 15 नवम्बर, 2016 06:08 PM
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शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस बार संपादकीय में एक व्यंग्य लिखा है जिसका शीर्षक है,मरे मोदी के दुश्मन.

शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस बार नोटबंदी के फैसले और उसके बाद मोदी के उस बयान पर व्यंग्य किया है जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें सजा दें अगर इससे देश का हित ना हो तो. सामना के इस संपादकीय का शीर्षक दिया गया है मरे मोदी के दुश्मन.

सामना संपादकीय...  

मरे मोदी के दुश्मन,

शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के ज़रिये प्रधानमंत्री पर तंज़ कसते हुए कहा है कि जिस तरीके से मोदी ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि  देश से भ्रष्ट्राचार साफ़ करने के लिए 50 दिन दें, सारी सफाई नहीं हुयी तो मुझे चौराहे पर खड़ा कर के मुझे सजा दें ! प्रधानमंत्री को ऐसा कुछ करने की बिलकुल ज़रूरत नहीं.  

ये भी पढ़ें- 500 और 1000 की नोट के बाद 2000 रुपये की नोट में आएगा कालाधन?

प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय की सजा देश की सवा सौ करोड़ जनता भुगत रही है वही प्रयाप्त है.  राष्ट्रभक्ति की सजा सिर्फ जनता ही भोगती है और देश के लिए त्याग भी सिर्फ जनता ही करती है. शिवसेना ने मोदी के द्वारा इसपर बोले गए बयान पर लिखा कि "पीएम मोदी बेख़ौफ़ और निडर हैं फिर भी उन्होंने कहा कि कालेधन और भ्रष्ट्राचार को लेकर सख्त निर्णय लेने से विरोधी मारने लगेंगे" इसपर शिवसेना ने कहा कि ना-ना ऐसा कुछ घटित नहीं होगा "मरे मोदी के दुश्मन".

 फाइल फोटो- नरेंद्र मोदी

मोदी को सौ सालों का हृष्ट पुष्ट स्वस्थ...

शिवसेना ने मुखपत्र 'सामना' में फिर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस बार नोटबंदी के फैसले और उसके बाद मोदी के उस बयान पर व्यंग्य किया है जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्हें सजा दें अगर इससे देश का हित ना हो तो. सामना के इस संपादकीय का शीर्षक दिया गया है मरे मोदी के दुश्मन.

सामना संपादकीय...  

मरे मोदी के दुश्मन,

शिवसेना ने अपने मुख्यपत्र सामना के ज़रिये प्रधानमंत्री पर तंज़ कसते हुए कहा है कि जिस तरीके से मोदी ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि  देश से भ्रष्ट्राचार साफ़ करने के लिए 50 दिन दें, सारी सफाई नहीं हुयी तो मुझे चौराहे पर खड़ा कर के मुझे सजा दें ! प्रधानमंत्री को ऐसा कुछ करने की बिलकुल ज़रूरत नहीं.  

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प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय की सजा देश की सवा सौ करोड़ जनता भुगत रही है वही प्रयाप्त है.  राष्ट्रभक्ति की सजा सिर्फ जनता ही भोगती है और देश के लिए त्याग भी सिर्फ जनता ही करती है. शिवसेना ने मोदी के द्वारा इसपर बोले गए बयान पर लिखा कि "पीएम मोदी बेख़ौफ़ और निडर हैं फिर भी उन्होंने कहा कि कालेधन और भ्रष्ट्राचार को लेकर सख्त निर्णय लेने से विरोधी मारने लगेंगे" इसपर शिवसेना ने कहा कि ना-ना ऐसा कुछ घटित नहीं होगा "मरे मोदी के दुश्मन".

 फाइल फोटो- नरेंद्र मोदी

मोदी को सौ सालों का हृष्ट पुष्ट स्वस्थ मिले ऐसी हम माँ जगदम्बे से प्राथना करते हैं.

पीएम मोदी जी दुनिया की ऐसी अभेध सुरक्षा व्यवस्था में हैं जिसे भेदकर मच्छर भी उन्हें नहीं काट सकता.  ये क्या देशवासियों को पता नहीं.  शिवसेना ने आज देश के लिए इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी का बलिदान दिया उन स्वतंत्रता योद्धाओं ने. खालिस्तान का खात्मा करने के लिए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर में सीधे-सीधे फ़ौज घुसाकर देशद्रोहियों से युद्ध किया था उसकी कीमत जान का मोल देकर इंदिरा गांधी को चुकानी पड़ी.

मोदी ने सिर्फ नोट बदले हैं-

नोट बदलना यानि पाकिस्तान पर हमला नहीं या हाफिज सईद को घसीटते हुए दिल्ली के इंडिया गेट के सामने लाकर फांसी पर लटकाना नहीं. देश की कीमत अदा कर रहे हैं सीमा पर खड़े जवान और बैंक की कतार में खड़े हो रहे आम लोग. पीएम मोदी को खुद को सजा देने की ज़रूरत नहीं और लोगों को जो परेशानियां हो रही हैं उसे भी सरकार को ज़्यादा दिल पर लेने की ज़रूरत नहीं है.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट : ऐलान के एक हफ्ते बाद कैसा है भारत का हाल

कहीं अस्पताल में मरीज मर गए , कहीं महिलायें, बुजुर्ग कतार में खड़े खड़े बेहोश हो गए.  ये सब सहन करने हमारी जनता शांत, संयमी होने के कारण पीएम मोदी खुद के जीवन की चिंता ना करें. हज़ारों देशभक्तों ने बिना शोर-शराब करते हुए हँसते हँसते फांसी लगा ली उसी के चलते आज ये देश टिक हुआ है.

देश के लिए बलिदान देने की नौबत आयी तो आज भी लाखों युवा कफ़न बांधकर सड़क पर उतर आएंगे और देश के दुश्मनो का गाला चीरने में आगे पीछे नहीं सोचेंगे. बाबरी गिरने के बाद मुम्बई के कट्टर राष्ट्रविरोधी पर टूट पड़े शिवसैनिकों ने इसे दिखा भी दिया है. देश और धर्म को संकट आते ही आज भी आम आदमी 50 दिन कतार में खड़ा हो जायेगा अन्यथा देश के दुश्मनो से लड़ते हुए शहीद हो जायेगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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