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Saving account के ब्‍याज से तो बेहतर ही होंगे ये 4 deposits

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 08 दिसम्बर, 2017 05:59 PM
  • 08 दिसम्बर, 2017 05:59 PM
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यदि FRDI bill 2017 से जुड़ी खबरों में सच्‍चाई है तो आने वाले समय में सेविंग्स अकाउंट का पैसा भी सुरक्षित नहीं रहेगा.. ऐसे में क्या करना चाहिए? कहां करें इन्वेस्टमेंट?

नोटबंदी और जीएसटी के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि सरकार आम लोगों के पैसे से जुड़ा कोई भी बड़ा फैसला आसानी से ले सकती है. अब मतलब की बात ये है कि जनाब चाहें घर में पड़ा हुआ कैश हो या अकाउंट में जमा पैसा.. कुछ भी इतना सुरक्षित नहीं. अगर सेविंग्स अकाउंट में पैसा रखने के आदी हैं तो आपको FRDI बिल के बारे में पता होना चाहिए ...

सेविंग्स बैंक अकाउंट का पैसा भी नहीं है सुरक्षित...

सरकार 'फाइनेंशियल रिसॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017' (FRDI Bill) ला रही है, जो आपके पैसों पर ताला लगाने का काम करेगा. जून में ही सरकार ने इस बिल की मंजूरी दे दी है, जिससे सेविंग बैंक खाताधारकों में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है. इस नियम के तहत अगर किसी बैंक के डूबने की स्थिति हो जाती है तो उसे कर्ज से निपटने के लिए खाताधारकों के पैसों को इस्तेमाल करने की इजाजत भी दी जा सकती है. इसका मतलब हुआ कि बैंक आपके द्वारा जमा किए पैसों का एक हिस्सा या पूरा पैसा लॉक कर सकते हैं और उससे आपना कर्ज चुका सकते हैं.

अक्सर नई-नई नौकरी लगने के बाद लोग इन्वेस्टमेंट के बारे में नहीं सोचते हैं और पैसा सेविंग्स बैंक अकाउंट में ही रखा रहता है. मिड ट्वेंटीज में जो लोग हैं उनके लिए इन्वेस्टमेंट करने का समय भी सही है और ये एक जरूरत भी बनती जा रही है. अगर FRDI लागू हो गया तो वैसे भी आपका पैसा लॉक हो सकता है.. ऐसे में इस समय सबसे बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन क्या हो सकते हैं....

1. SIP..

किसी भी नए इन्वेस्टर के लिए SIP लेना ज्यादा फायदेमंद है. म्यूचुअल फंड्स के बारे में अगर कुछ नहीं जानते हैं तो सीधे अपने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के साथ मिलकर इस बारे में बात कर सकते हैं. बिजनेस वालों के लिए अलग, लेकिन अगर आप सैलरी वाले हैं तो मंथली SIP करवाना बेहतर होगा. म्यूचुअल फंड...

नोटबंदी और जीएसटी के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि सरकार आम लोगों के पैसे से जुड़ा कोई भी बड़ा फैसला आसानी से ले सकती है. अब मतलब की बात ये है कि जनाब चाहें घर में पड़ा हुआ कैश हो या अकाउंट में जमा पैसा.. कुछ भी इतना सुरक्षित नहीं. अगर सेविंग्स अकाउंट में पैसा रखने के आदी हैं तो आपको FRDI बिल के बारे में पता होना चाहिए ...

सेविंग्स बैंक अकाउंट का पैसा भी नहीं है सुरक्षित...

सरकार 'फाइनेंशियल रिसॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल 2017' (FRDI Bill) ला रही है, जो आपके पैसों पर ताला लगाने का काम करेगा. जून में ही सरकार ने इस बिल की मंजूरी दे दी है, जिससे सेविंग बैंक खाताधारकों में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है. इस नियम के तहत अगर किसी बैंक के डूबने की स्थिति हो जाती है तो उसे कर्ज से निपटने के लिए खाताधारकों के पैसों को इस्तेमाल करने की इजाजत भी दी जा सकती है. इसका मतलब हुआ कि बैंक आपके द्वारा जमा किए पैसों का एक हिस्सा या पूरा पैसा लॉक कर सकते हैं और उससे आपना कर्ज चुका सकते हैं.

अक्सर नई-नई नौकरी लगने के बाद लोग इन्वेस्टमेंट के बारे में नहीं सोचते हैं और पैसा सेविंग्स बैंक अकाउंट में ही रखा रहता है. मिड ट्वेंटीज में जो लोग हैं उनके लिए इन्वेस्टमेंट करने का समय भी सही है और ये एक जरूरत भी बनती जा रही है. अगर FRDI लागू हो गया तो वैसे भी आपका पैसा लॉक हो सकता है.. ऐसे में इस समय सबसे बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन क्या हो सकते हैं....

1. SIP..

किसी भी नए इन्वेस्टर के लिए SIP लेना ज्यादा फायदेमंद है. म्यूचुअल फंड्स के बारे में अगर कुछ नहीं जानते हैं तो सीधे अपने बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के साथ मिलकर इस बारे में बात कर सकते हैं. बिजनेस वालों के लिए अलग, लेकिन अगर आप सैलरी वाले हैं तो मंथली SIP करवाना बेहतर होगा. म्यूचुअल फंड में जाने से पहले थोड़ी रिसर्च कर लें, फंड का एसेट (कुल पूंजी) कितनी है, फंड में 3 महीने में कितना रिटर्न मिलेगा, फंड में 1 साल में कितना रिफंड मिलेगा, 5 साल का इन्वेस्टमेंट कितना होगा और इन्वेस्टमेंट दुगना कितने साल में होगा. सीधा सा उदाहरण की अगर किसी की सैलरी 60 हजार है और उसने 10% के हिसाब से इन्वेस्टमेंट किया है तो हर महीने 6 हजार अकाउंट से सीधे कट जाएंगे और मार्केट में लग जाएंगे.

अगर कोई मार्केट का एक्सपर्ट नहीं है और उसे ये भी नहीं पता की मार्केट कब खुलता और बंद होता है तो भी अपने द्वारा इन्वेस्ट किए एक अकेले म्यूचुअल फंड की डिटेल आसानी से रख सकते हैं. टैक्स में बचत के साथ-साथ इससे इन्वेस्टमेंट और फायदा दोनों होगा.

2. क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल...

इसे भी एक तरह की इन्वेस्टमेंट ही कहें तो अच्छा होगा. क्रेडिट कार्ड का हर जगह इस्तेमाल गलत है, लेकिन अगर थोड़ा सा स्मार्ट इन्वेस्टमेंट करें तो ये सही हो सकता है. ऐसे रेस्त्रां में खाना जहां क्रेडिट कार्ड पर प्वाइंट्स मिलते हों, या ऐसी फ्लाइट बुक करवाना जहां फ्लायर माइल्स मिलते हों क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.

3. इमर्जेंसी अकाउंट...

जहां बहुत ज्यादा बैंक अकाउंट खोलना सही नहीं है, वहीं दो या तीन बैंक अकाउंट्स रखना एक अच्छी फाइनेंशियल आदत हो सकती है. एक ही अकाउंट में बहुत सारा पैसा जमा करना सही नहीं. एक इमर्जेंसी अकाउंट बनाया जा सकता है जिसमें RD खोल ली जाए. इससे साल के अंत तक आपके पास ज्यादा पैसा भी होगा और साथ ही साथ एक इमर्जेंसी फंड भी बन जाएगा. इस तरह से अगर सेविंग्स अकाउंट का पैसा खत्म हो जाता है, या फिर FRDI बिल लागू भी हो जाता है तो भी आपके पास खर्च करने के लिए पैसा होगा.

4. सेविंग्स अकाउंट को बदलवा सकते हैं एफडी में-

सेविंग्स बैंक अकाउंट को स्वीप इन/आउट अकाउंट में बदलवा सकते हैं. ये एक ऐसा अकाउंट होता है जिसमें अगर अकाउंट यूजर चाहे तो एक निश्चित रकम को सेविंग्स बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट में बदलवा सकता है. अगर आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट का ज्यादा बैलेंस रहता है और आप कोई इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहते क्योंकि कभी भी पैसे निकालने की जरूरत पड़ सकती है तो स्वीप इन अकाउंट की सुविधा लें.

कैसे काम करता है स्वीप अकाउंट-

- स्वीप इन अकाउंट में आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट का पैसा एक एफडी की शक्ल ले लेता है. इसमें फर्क ये होता है कि इसे आप कभी भी निकाल सकते हैं.

- आपको इंट्रेस्ट मिलेगा और जब भी आप पैसे निकालेंगे तब उतनी रकम एफडी से कम हो जाएगी. बाकी बची रकम में भी एफडी जितना ही इंट्रेस्ट मिलेगा. ऐसे में आपका पैसा लिक्विफाई भी रहेगा और आपके पास एफडी जितना इंट्रेस्ट भी आएगा.

क्या है नियम-

सेविंग्स बैंक अकाउंट को अगर आप स्वीप इन अकाउंट में तब्दील करवा रहे हैं तो अलग-अलग बैंकों के नियम अलग हैं हालांकि, लगभग सभी बैंक्स मल्टी ऑप्शन डिपॉजिट अकाउंट की सुविधा देते हैं. आपको सभी बैंकों में एक ब्रेथ थ्रू अमाउंट (वो रकम जिसके बाद एफडी बन जाएगी) देना होगा. - कम से कम 25000 रुपए आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट में होने चाहिए तभी आप इसे स्वीप इन अकाउंट में तब्दील करवा सकते हैं. कम से कम 10 हजार की लिमिट सेट करनी होगी जो फिक्स्ड डिपॉजिट में जाए. ये सुविधा लगभग सभी बैंकों में होती है. एसबीआई इसे सेविंग्स प्लस अकाउंट कहता है.

इसके अलावा भी पोस्ट ऑफिस स्कीम, पीपीएफ आदि कई ऑप्शन उपलब्ध हैं, लेकिन ये सभी ऑप्शन एक दशक पहले तक तो सही थे, लेकिन मौजूदा मार्केट की बात की जाए तो इससे बेहतर रिटर्न वाले ऑप्शन मिल सकते हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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