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करंसी बैन को लेकर वो जवाब जो शायद आसानी से नहीं मिलेंगे!

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 11 नवम्बर, 2016 04:34 PM
  • 11 नवम्बर, 2016 04:34 PM
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नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 की करंसी पर रोक जैसे ही लगाई वैसे ही आम इंसान से लेकर बड़े व्यापारी तक ने अपना इंतजाम करना शुरू कर दिया, लेकिन लोगों को अभी भी इससे जुड़ी कई बातें नहीं पता हैं. कौन सी हो सकती है वो बातें चलिए देखते हैं...

नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 की करंसी पर रोक जैसे ही लगाई वैसे ही ये खबर जंगल की आग की तरह फैल गई. महज एक घंटे के अंदर मेट्रो में, ऑफिस में, पेट्रोल पंप में, मार्केट में यही बात कर रहे थे. एक गली से गुजरने पर स्कूल जाती हुई लड़कियों से लेकर रिक्शे वाले तक सभी को पता है कि मोदी ने काला धन वापस लाने के लिए ये काम किया है, लेकिन क्या वाकई ये काला धन वापस लाने की स्कीम है? कुछ आम सवालों के जवाब तो आपको मिल ही गए होंगे, जैसे आपके नोटों का क्या होगा? आखिर कैसे एक्सचेंज करवाएंगे और क्या करना होगा आदि. लेकिन कुछ सवाल ऐसे भी हैं जिनके बारे में अभी तक या तो बात हुई नहीं है, या हुई भी है तो सही जवाब नहीं मिला. चलिए कोशिश करते हैं कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब देने की.

ये भी पढ़ें- जो किसी भी मौके का फायदा उठा ले बाजार उसे ही कहते हैं

1.क्या इससे सारा काला धन निकल पाएगा?

इसका जवाब है नहीं. शायद आपको और कई लोगों को ये जवाब निराश कर दे, लेकिन इससे काला धन पूरी तरह से निकाल पाना मुश्किल है. ऐसा क्यों? इसका जवाब पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने 2014 में ही दे दिया था. जब पुराने 500 रुपए के नोटों को वापस लेकर आरबीआई नए नोट दे रही थी. अगस्त 2014 में 20वें ललित दोषी मेमोरियल लेक्चर के दौरान राजन ने दे दिया था. उन्होंने अपने लेक्चर में डीमॉनिटाइजेशन को लेकर कहा था कि डीमॉनिटाइजेशन से ज्यादा बेहतर तरीके हो सकते हैं काले धन का पता लगाने के. डीमॉनिटाइजेशन का ज्यादा फर्क इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि आधे से ज्यादा ब्लैक मनी पहले ही सोने के रूप में बदल चुका होगा. काला धन कई छोटे-छोटे रूपों में बदल चुका होगा.

नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 की करंसी पर रोक जैसे ही लगाई वैसे ही ये खबर जंगल की आग की तरह फैल गई. महज एक घंटे के अंदर मेट्रो में, ऑफिस में, पेट्रोल पंप में, मार्केट में यही बात कर रहे थे. एक गली से गुजरने पर स्कूल जाती हुई लड़कियों से लेकर रिक्शे वाले तक सभी को पता है कि मोदी ने काला धन वापस लाने के लिए ये काम किया है, लेकिन क्या वाकई ये काला धन वापस लाने की स्कीम है? कुछ आम सवालों के जवाब तो आपको मिल ही गए होंगे, जैसे आपके नोटों का क्या होगा? आखिर कैसे एक्सचेंज करवाएंगे और क्या करना होगा आदि. लेकिन कुछ सवाल ऐसे भी हैं जिनके बारे में अभी तक या तो बात हुई नहीं है, या हुई भी है तो सही जवाब नहीं मिला. चलिए कोशिश करते हैं कुछ ऐसे ही सवालों के जवाब देने की.

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1.क्या इससे सारा काला धन निकल पाएगा?

इसका जवाब है नहीं. शायद आपको और कई लोगों को ये जवाब निराश कर दे, लेकिन इससे काला धन पूरी तरह से निकाल पाना मुश्किल है. ऐसा क्यों? इसका जवाब पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने 2014 में ही दे दिया था. जब पुराने 500 रुपए के नोटों को वापस लेकर आरबीआई नए नोट दे रही थी. अगस्त 2014 में 20वें ललित दोषी मेमोरियल लेक्चर के दौरान राजन ने दे दिया था. उन्होंने अपने लेक्चर में डीमॉनिटाइजेशन को लेकर कहा था कि डीमॉनिटाइजेशन से ज्यादा बेहतर तरीके हो सकते हैं काले धन का पता लगाने के. डीमॉनिटाइजेशन का ज्यादा फर्क इसलिए नहीं पड़ेगा क्योंकि आधे से ज्यादा ब्लैक मनी पहले ही सोने के रूप में बदल चुका होगा. काला धन कई छोटे-छोटे रूपों में बदल चुका होगा.

 सांकेतिक फोटो

2.क्या सभी एक्सपर्ट मानते हैं कि काले धन पर रोक लगेगी?

नहीं, इस सवाल का जवाब भी ना ही है. राजन के अलावा, भी कई एक्सपर्ट इससे सहमत नहीं हैं. उनका कहना है कि कई तरह के नियमों के बाद भी काले धन को छुपाने का काम किया जा सकता है. जैसे इस खबर के बाद कुछ इलाकों में सोने के दाम 30000 रुपए 10 ग्राम से बढ़कर 48000 रुपए 10 ग्राम तक हो गए थे. ये एक किफायती तरीका था काले धन को महंगे दामों में खरीदकर उसे सफेद करने का.

दूसरा तरीका हो सकता है पुरानी तारीख के बिल पर कोई बड़ी खरीददारी दिखा देना. ये करना उन लोगों के लिए बड़ा आसान है जो लोग कम काला धन रखते हैं जैसे 1 से लेकर 5 लाख रुपए तक वो अपने परिवार वालों के नाम से भी अकाउंट में जमा करवा सकते हैं. बैंकों में नए अकाउंट खुलवाने की भीड़ भी है.

3.क्या खुदरा व्यापारियों को वाकई इससे घाटा हुआ है?

अगर हम फेरी वालों को, रिक्शे वालों को, ठेले वालों को छोड़ दें तो खुदरा व्यापारियों को एक तरह से फायदा हुआ है (सिर्फ उन्हें जो 500-1000 रुपए के नोट ले रहे हैं) 8-10 नवंबर के बीच जिन भी खुदरा व्यापारियों ने, लोकल मार्केट वालों ने 500 और 1000 के नोट लिए हैं उन्हें 20-50 प्रतिशत तक का मुनाफा हुआ है. वो लोग जिनके पास 4-5 नोट थे उन्होंने बैंक की लाइन में लगने से बेहतर शॉपिंग करने के बारे में सोचा है. (ये आंकड़ा 12 लोगों से पूछने पर सामने आया है. इनमें से तीन दुकानदार थे जो 500-1000 के नोट ले रहे थे.)

 सांकेतिक फोटो

4.जिसके पास बैंक अकाउंट नहीं है वो क्या करेगा?

सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के सामने आई है जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है और ना ही कोई आईडी कार्ड है. ये वो लोग हैं जो गरीबी रेखा के नीचे हैं. अगर उनके पास पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक अकाउंट है तो भी नोट एक्सचेंज करवा सकते हैं. अगर कोई भी आईडी प्रूफ नहीं है तो किसी पहचान वाले इंसान की मदद ले सकते हैं जो रुपए एक्सचेंज करवा सकता हो.

 सांकेतिक फोटो

5.काला धन ट्रैक करने के लिए क्या किया जा रहा है?

हाल ही में खरीदे गए सोने, मंदिरों में दान, कोई बड़ी प्रॉपर्टी डीलिंग, को-ऑपरेटिव सोसाइटी में की गई एफडी आदि में भी बहुत इजाफा देखा गया है.- इन सभी का सोर्स ट्रैक किया जा रहा है. - अगर किसी किसान ने या टैक्स की दर में ना आने वाले इंसान ने 2.5 लाख तक की भी राशी जमा की है तो उसे कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अगर किसी ने इससे ज्यादा जमा किया है और उसके पास आय का सही प्रूफ नहीं है, या इन पैसा का सोर्स नहीं बता सकता है तो उसे 200% जुर्माना लगेगा.- जिसके पास 2 लाख से ज्यादा का सोना घर में है उसे पैन कार्ड दिखाना होगा. - अगर कोई ज्यादा पैसा जमा करवा रहा है और उसने ये अपने अकाउंट से ही कुछ दिन पहले निकाला है तो भी उसे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

ये भी पढ़ें- ...और काला धन धारकों के बुरे दिन शुरू होते हैं अब!

6. क्या इससे किसी भी तरह से कीमतों पर असर पड़ेगा?

खास बात ये है कि इससे किसी भी तरह की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. हालांकि, प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल बढ़ेगा. अगर देखा जाए तो IRCTC और बाकी बैंकिंग ट्रांजेक्शन जैसे बुक माय शो पर बुकिंग ऑनलाइन करवाने के लिए पहले से ही बैंक चार्ज ज्यादा देना पड़ता है. ऐसे में अब जो लोग विंडो टिकट लेने के लिए जाते थे वो भी प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल करेंगे. इकोनॉमी में ज्यादा धन आने की संभावना है. सरकार के इस कदम से डिजिटल मनी की कीमत बढ़ेगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा कि किसी भी कमोडिटी या सर्विस के दाम कम हों. इससे कैशलेस ट्रांजेक्शन की स्पीड बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा पैसा ट्रैक किया जा सकेगा.

 सांकेतिक फोटो

7. कहां-कहां अभी भी चल रहे हैं पुराने नोट?

11 नवंबर को रात 12 बजे तक, यूटिलिटी सर्विस के बिल में, मेट्रो, हॉस्पिटल, ट्रेन और एयरलाइन बुकिंग के लिए इन नोटों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बाद ये रद्दी ही होगी. हालांकि, कुछ लोकल मार्केट में भी ये नोट चल रहे हैं.

8. असल में क्या हुआ इस स्कीम से?

 सांकेतिक फोटो

असल में इस स्कीम से काले धन पर जितना असर नहीं पड़ा उससे ज्यादा नकली नोटों के कारोबार पर पड़ा है. कई तरह की गैरकानूनी चीजें इससे एकदम से ठप्प पड़ी हैं. भारत कैश बेस्ड इकोनॉमी है अगर वो पूरी तरह से कैशलेस होती है तो इससे काले धन पर रोक लग सकेगी क्योंकि सारा पैसा ट्रैक किया जा सकेगा और काला धन भी इकोनॉमी के अंदर आ जाएगा. आसान भाषा में इससे तरक्की होगी. हालांकि, इससे पूरी तरह से तो डिजिटल मनी नहीं हो पाएगा, लेकिन कई मामलों में शुरुआत होगी. जैसे OLA कैब्स में अब कार्ड पेमेंट भी ली जा रही है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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