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मोदी जी ने उर्जित पटेल का अप्रैजल करते समय नाइंसाफी कर दी

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 04 अप्रिल, 2017 12:48 PM
  • 04 अप्रिल, 2017 12:48 PM
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मोदी सरकार ने उर्जित पटेल की सैलरी 160% बढ़ा दी है, लेकिन ऐसा करने के बाद भी उन्होंने आरबीआई गवर्नर के साथ नाइंसाफी की है... जानिए क्यों...

अगर कोई बॉस अपने पसंदीदा कर्मचारी के साथ कोई नाइंसाफी कर दे तो बुरा लगना वाजिब है. ऐसा ही कुछ किया है मोदी जी ने कुछ ऐसा ही किया है ऊर्जित पटेल के साथ. अब खुद ही सोचिए जिस कर्मचारी ने मोदी जी का सपना पूरा करने वाले कर्मचारी को सिर्फ 160% की सैलरी हाइक! ये तो बहुत नाइंसाफी है ना. जिस कर्मचारी ने नोटबंदी का सपना साकार करने में मोदी जी की सहायता की उसे इतनी कम सैलरी कैसे दी जा सकती है.

आखिर उर्जित पटेल ही वो शख्‍स थे जिन्हें लोगों ने इतना ट्रोल किया, इतना बुरा-भला कहा यहां तक की उनकी काबिलियत पर भी शक किया. उन्हें भी मोदी भक्त कह दिया गया और सोशल मीडिया पर ना जाने कैसे-कैसे कमेंट किए गए. ऐसे कर्मठ कर्मचारी को सिर्फ 160% इंक्रिमेंट देना थोड़ा अजीब लग रहा है.

पहले मिलती थी ये सैलरी-

उर्जित पटेल की सैलरी इसके पहले कुल 2.90 लाख के करीब थी. इसमें 90,000 रुपए का मूल वेतन, 1.12 लाख का महंगाई भत्ता, और 7 हजार की बाकी सुविधाएं मिलती थीं. अब हाइक के बाद उर्जित पटेल की औसत सैलरी 3.70 लाख के करीब हो जाएगी. ध्यान रहे कि इसके अलावा भी अब उर्जित पटेल की सैलरी में मूल वेतन ही 2.5 लाख होगी ऐसे ही डेप्युटी गवर्नर की सैलरी 2.25 लाख होगी. इसके अलावा, महंगाई भत्ता और बाकी खर्च सैलरी में जोड़े जाएंगे.

अब अगर आपको लगता है कि ये काफी ज्यादा है तो एक बार प्राइवेट बैंकों के टॉप लेवल मैनेजमेंट की सैलरी देख लीजिए...

1. चंदा कोचर (सीईओ, ICICI बैंक)

साल- 2015-16

सालाना सैलरी- 4.76 करोड़ रुपए

प्रति माह-  39.6 लाख

प्रति दिन-  1.32 लाख

अगर कोई बॉस अपने पसंदीदा कर्मचारी के साथ कोई नाइंसाफी कर दे तो बुरा लगना वाजिब है. ऐसा ही कुछ किया है मोदी जी ने कुछ ऐसा ही किया है ऊर्जित पटेल के साथ. अब खुद ही सोचिए जिस कर्मचारी ने मोदी जी का सपना पूरा करने वाले कर्मचारी को सिर्फ 160% की सैलरी हाइक! ये तो बहुत नाइंसाफी है ना. जिस कर्मचारी ने नोटबंदी का सपना साकार करने में मोदी जी की सहायता की उसे इतनी कम सैलरी कैसे दी जा सकती है.

आखिर उर्जित पटेल ही वो शख्‍स थे जिन्हें लोगों ने इतना ट्रोल किया, इतना बुरा-भला कहा यहां तक की उनकी काबिलियत पर भी शक किया. उन्हें भी मोदी भक्त कह दिया गया और सोशल मीडिया पर ना जाने कैसे-कैसे कमेंट किए गए. ऐसे कर्मठ कर्मचारी को सिर्फ 160% इंक्रिमेंट देना थोड़ा अजीब लग रहा है.

पहले मिलती थी ये सैलरी-

उर्जित पटेल की सैलरी इसके पहले कुल 2.90 लाख के करीब थी. इसमें 90,000 रुपए का मूल वेतन, 1.12 लाख का महंगाई भत्ता, और 7 हजार की बाकी सुविधाएं मिलती थीं. अब हाइक के बाद उर्जित पटेल की औसत सैलरी 3.70 लाख के करीब हो जाएगी. ध्यान रहे कि इसके अलावा भी अब उर्जित पटेल की सैलरी में मूल वेतन ही 2.5 लाख होगी ऐसे ही डेप्युटी गवर्नर की सैलरी 2.25 लाख होगी. इसके अलावा, महंगाई भत्ता और बाकी खर्च सैलरी में जोड़े जाएंगे.

अब अगर आपको लगता है कि ये काफी ज्यादा है तो एक बार प्राइवेट बैंकों के टॉप लेवल मैनेजमेंट की सैलरी देख लीजिए...

1. चंदा कोचर (सीईओ, ICICI बैंक)

साल- 2015-16

सालाना सैलरी- 4.76 करोड़ रुपए

प्रति माह-  39.6 लाख

प्रति दिन-  1.32 लाख

2. अरुंदती भट्टाचार्य (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया)

साल- 2015-16

सालाना सैलरी- 31.1 लाख रुपए

प्रति माह-  2.59 लाख

प्रति दिन-  8633 रुपए.

3. आदित्य पुरी (मैनेजिंग डायरेक्टर, HDFC बैंक)

साल- 2015-16

सालाना सैलरी- 9.7 करोड़ रुपए

प्रति माह-  80.83 लाख

प्रति दिन-  2.69 लाख रुपए

4. शिखा शर्मा (मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ, एक्सिस बैंक)

साल- 2015-16

सालाना सैलरी- 5.5 करोड़ रुपए

प्रति माह-  45.8 लाख

प्रति दिन-   1.52 लाख रुपए

5. रघुराम राजन

साल- 2015-16

सालाना सैलरी-  23.84 लाख रुपए

प्रति माह-  1.98 लाख

प्रति दिन- 6600 रुपए

अब खुद ही सोच लीजिए जरा एक ओर सरकारी बैंकों के अधिकारी हैं और एक तरफ प्राइवेट बैंकों के अधिकारी. दोनों की ही सैलरी में जमीन आसमान का फर्क है. तो बताइए क्या नाइंसाफी नहीं हुई है उर्जित पटेल के साथ.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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