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1 अप्रैल से बदल जाएंगे आपके पैसे से जुड़े ये नियम..

    • आईचौक
    • Updated: 30 मार्च, 2018 02:43 PM
  • 30 मार्च, 2018 02:43 PM
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1 अप्रैल से इनकम टैक्स ( income tax ) से जुड़े ऐसे कई नियम हैं जो बदल जाएंगे. कुछ लोगों को इससे फायदा होगा और कुछ को नुकसान, आम tax payers के लिए क्या बदलेगा 1 अप्रैल 2018 से आइए देखते हैं..

भारत में हर साल की तरह इस साल भी फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा आम बजट पेश किया गया जो कि 1 अप्रैल यानी नए वित्तीय वर्ष से लागू हो जाएगा. बजट लागू होते ही प्रत्येक देशवासी पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इस वर्ष वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भाजपा सरकार का अंतिम पूर्णकालिक बजट पेश किया जिसमें उन्होंने इनकम टैक्स स्लैब्स तो नहीं बदले, लेकिन कई अन्य बदलाव जरूर किए. आईए जानते हैं 1 अप्रैल से कौन-कौन से बदलाव होने वाले हैं और आप पर इनका क्या असर पड़ेगा...

1. स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा...

वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 40 हजार रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया गया है. हालांकि, 19,200 रुपए के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए के मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा वापस ले ली गई है. स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत आपको किसी निवेश या खर्च का बिल पेश नहीं करना पड़ेगा और आपको टैक्स में छूट मिल सकेगी.

पहले ये लगभग 30 हजार था और अब ये 40 हजार हो गया है. तो कुल फायदा 10 हजार का ही है.

2. LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) टैक्स..

1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी होगा. इससे आपको स्टॉक्स से होने वाली कमाई पर टैक्स की मार पड़ेगी. अगर किसी इन्वेस्टर के कैपिटल गेन 1 साल में 1 लाख से अधिक हो जाते हैं तो उसपर 10% का आयकर देना होगा.

3. सेस बढ़ेगा..

सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा में सेस (ऐसा उपकर जो टैक्स पर लगता हो) 1 फीसदी बढ़ाकर 3 फीसदी से 4 फीसदी कर दिया है. इसका असर स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर सभी क्षेत्रों पर पड़ने वाला है. यानी अब आम आदमी की जेब से सेस थोड़ा ज्यादा निकलेगा.

इसे कुछ ऐसे समझिए कि स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण 5% टैक्स...

भारत में हर साल की तरह इस साल भी फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा आम बजट पेश किया गया जो कि 1 अप्रैल यानी नए वित्तीय वर्ष से लागू हो जाएगा. बजट लागू होते ही प्रत्येक देशवासी पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इस वर्ष वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भाजपा सरकार का अंतिम पूर्णकालिक बजट पेश किया जिसमें उन्होंने इनकम टैक्स स्लैब्स तो नहीं बदले, लेकिन कई अन्य बदलाव जरूर किए. आईए जानते हैं 1 अप्रैल से कौन-कौन से बदलाव होने वाले हैं और आप पर इनका क्या असर पड़ेगा...

1. स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा...

वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को 40 हजार रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया गया है. हालांकि, 19,200 रुपए के ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15,000 रुपए के मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा वापस ले ली गई है. स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत आपको किसी निवेश या खर्च का बिल पेश नहीं करना पड़ेगा और आपको टैक्स में छूट मिल सकेगी.

पहले ये लगभग 30 हजार था और अब ये 40 हजार हो गया है. तो कुल फायदा 10 हजार का ही है.

2. LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) टैक्स..

1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 फीसदी होगा. इससे आपको स्टॉक्स से होने वाली कमाई पर टैक्स की मार पड़ेगी. अगर किसी इन्वेस्टर के कैपिटल गेन 1 साल में 1 लाख से अधिक हो जाते हैं तो उसपर 10% का आयकर देना होगा.

3. सेस बढ़ेगा..

सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा में सेस (ऐसा उपकर जो टैक्स पर लगता हो) 1 फीसदी बढ़ाकर 3 फीसदी से 4 फीसदी कर दिया है. इसका असर स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर सभी क्षेत्रों पर पड़ने वाला है. यानी अब आम आदमी की जेब से सेस थोड़ा ज्यादा निकलेगा.

इसे कुछ ऐसे समझिए कि स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण 5% टैक्स स्लैब वाले 290 रुपए कम देंगे, 1160 रुपए कम उन लोगों के लिए जो 20% टैक्स लिमिट में है और 30% टैक्स लिमिट वाले 1740 रुपए बचाएंगे, लेकिन इस बचत में वो सेस नहीं जोड़ा गया है जिसे 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया गया है. अगर उसे जोड़ा जाए तो कुल इनकम टैक्स पर 1% सेस एक्स्ट्रा बढ़ा दिया जाएगा. जिससे जो बचत हो रही थी वो खत्म ही हो जाएगी.

4. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी..

सिंगल प्रीमियम (जहां एकसाथ कई सालों का प्रीमियम चुका दिया जाता है.) हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जिनका टर्म 1 साल से अधिक है उनमें टैक्स की छूट उस हिसाब से दी जाएगी जितने सालों का प्रीमियम एक साथ दिया गया है.

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में टैक्स की छूट सेक्शन 80D के आधार पर मिलती है. अभी तक सिंगल प्रीमियम इंश्योरेंस पॉलिसी के केस में ये छूट 25000 रुपए तक ही हो सकती थी. अब ये बदल जाएगा और छूट उस हिसाब से होगी जिस हिसाब से प्रीमियम दिया जा रहा है. इसके लिए इंश्योरेंस के अंदर कोई भी व्यक्ति हो सकता है, लेकिन उसकी उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए.

5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए इंट्रेस्ट से होने वाली इनकम पर टैक्स में बचत...

अब वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों तथा पोस्ट ऑफिसों में खोले गए बचत खातों तथा आवर्ती जमा खातों (रिकरिंग डिपॉज़िट या आरडी) पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय में ज़्यादा रकम पर टैक्स में छूट हासिल होगी. मौजूदा समय में बचत खातों से होने वाली आय पर प्रत्येक व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत 10,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट हासिल कर सकता है, लेकिन अब टैक्स कानूनों में धारा 80TTB जोड़ना प्रस्तावित है, जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपये तक की रकम पर टैक्स में छूट हासिल होगी. हालांकि, वरिष्ठ नागरिक अब 80TTA के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं उठा सकेंगे. इसके अलावा, सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है, तथा इस योजना को मार्च, 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव भी दिया है.

6. वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS की सीमा बढ़ी..

वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर स्रोत पर कर (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स या TDS) की सीमा को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है.

7. वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेक्शन 80D के तहत डिडक्शन लिमिट बढ़ी..

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत अब तक वरिष्ठ नागरिकों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 30,000 रुपए तक की टैक्स में छूट दी जाती थी साथ ही 5000 रुपए तक का प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप स्थाई निवासी वरिष्ठ नागरिक को दिया जाता था, लेकिन अब यह सीमा 50,000 रुपए हो जाएगी 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए धारा 80D के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा 25,000 रुपए ही रहेगी. परंतु यदि उनके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो वे 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट हासिल कर सकेंगे, जिससे कुल छूट 75,000 रुपए (25,000 + 50,000 रुपए) हो जाएगी, जो मौजूदा समय में सिर्फ 55,000 रुपए है.

8. वरिष्ठ नागरिकों के लिए चुनिंदा बीमारियों के इलाज के इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ी..

चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर किए गए खर्च की 1,00,000 रुपए तक की रकम अब करयोग्य आय में से घटाई जाएगी, जबकि अब तक अति-वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) को 80,000 रुपए तथा वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को 60,000 रुपए की छूट इस स्लैब में दी जाती थी.

9. NPS निकासी पर इनकम टैक्स का लाभ..

सरकार ने नैशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में जमा रकम निकालने पर टैक्स छूट का लाभ अब उन लोगों के लिए भी देने का प्रस्ताव किया है जो कर्मचारी नहीं हैं. अभी एनपीएस में योगदान करने वाले कर्मचारियों को ही अकाउंट बंद होने या एनपीएस से निकलते वक्त उन्हें देय कुल रकम के 40 प्रतिशत पर टैक्स छूट दी जाती है. अभी यह टैक्स में छूट गैर-कर्मचारी सब्सक्राइबर्स के लिए उपलब्ध नहीं थी. लेकिन, 1 अप्रैल से इसका लाभ उन्हें भी मिलेगा.

10. नौकरी जाने या उसमें किसी बदलाव की स्थिती में नुकसान भरपाई

अभी तक, नौकरी या उससे जुड़ी किसी भी स्थिती में मिली नुकसान भरपाई इनकम टैक्स के आधीन आती है. लेकिन प्रस्तावित है कि अब से नौकरी जाने की स्थिती में या किसी कॉन्ट्रैक्ट के खत्म होने की स्थिती में जो नौकरी से जुड़ा हुआ हो या किसी इंसान की आय से जुड़ा हुआ हो मिलने वाला कोई भी कम्पनसेशन (नुकसान भरपाई) बाह्य स्त्रोत से आय (income from other sources) वाले सेक्शन में आए.

(कंटेंट : निशा यादव, आईचौक इंटर्न)

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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