• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
इकोनॉमी

रुपया यदि 70 रु. तक गिरा तो हमारी जिंदगी पर क्‍या असर पड़ेगा

    • आईचौक
    • Updated: 08 मई, 2018 06:25 PM
  • 08 मई, 2018 06:25 PM
offline
रुपए के दाम गिर रहे हैं और कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये और गिरेगा. 70 रुपए प्रति डॉलर के स्‍तर तक आ जाएगा. लेकिन इससे आम लोगों की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा?

भारतीय रुपए के अच्छे दिन लगातार दूर जाते नजर आ रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ रहा है. अब रुपया डॉलर के मुकाबले 15 महीने के सबसे निचले स्थान पर पहुंच गया है. 67.13 रुपए का एक डॉलर. हालांकि, बाजार में उतार चढ़ाव चल रहा है, लेकिन फिर भी ये मोदी सरकार के लिए चिंता की बात है. एक तरफ तेल के दाम 70 डॉलर से ऊपर चले गए हैं और दूसरी तरफ भारत में महंगाई कंट्रोल करने की भी कोशिश की जा रही है. 

Deutsche बैंक, डीबीएस बैंक, बैंक ऑफ अमेरिका, यस बैंक, IFA ग्लोबल और ऐसी ही कई फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि रुपया 70 रुपए प्रति डॉलर के हिसाब तक गिर सकता है. एक तरफ ये पहले से ही 67 का आंकड़ा पार कर चुका है, लेकिन अगर ये 70 रुपए तक गिर गया तो आखिर आम लोगों की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? 

भारतीय अर्थव्यवस्था पर ग्लोबल तेल के दाम हमेशा से काफी असर डालते रहे हैं. कारण ये है कि भारत में 80% तेल की जरूरत आयात के जरिए पूरी की जाती है. अब तेल के दाम बढ़ रहे हैं और इसी एवज में रुपए के दाम गिर रहे हैं. अगर रुपया 70 के पार चला जाता है तो यकीनन इसका सीधा असर तेल आयात पर होगा और महंगाई बढ़ने की गुंजाइश काफी ज्यादा है. 

क्यों कम हो रही है रुपए की कीमत?

इसका सबसे बड़ा कारण तेल के दाम बढ़ना है. तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचे हैं. ये 2014 नवंबर के बाद सबसे महंगा दौर कहा जा सकता है. भारत की तेल की जरूरत पूरा करने के लिए बोझ अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. दूसरा बड़ा कारण है डॉलर का मजबूत होना. डॉलर 2018 के सबसे मजबूत स्थान पर है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी स्थिती में है. इसकी वजह से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देश से पैसा इसमें जा रहा है.

कितना बुरा है ये...

महंगा डॉलर भारतीय...

भारतीय रुपए के अच्छे दिन लगातार दूर जाते नजर आ रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ रहा है. अब रुपया डॉलर के मुकाबले 15 महीने के सबसे निचले स्थान पर पहुंच गया है. 67.13 रुपए का एक डॉलर. हालांकि, बाजार में उतार चढ़ाव चल रहा है, लेकिन फिर भी ये मोदी सरकार के लिए चिंता की बात है. एक तरफ तेल के दाम 70 डॉलर से ऊपर चले गए हैं और दूसरी तरफ भारत में महंगाई कंट्रोल करने की भी कोशिश की जा रही है. 

Deutsche बैंक, डीबीएस बैंक, बैंक ऑफ अमेरिका, यस बैंक, IFA ग्लोबल और ऐसी ही कई फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि रुपया 70 रुपए प्रति डॉलर के हिसाब तक गिर सकता है. एक तरफ ये पहले से ही 67 का आंकड़ा पार कर चुका है, लेकिन अगर ये 70 रुपए तक गिर गया तो आखिर आम लोगों की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? 

भारतीय अर्थव्यवस्था पर ग्लोबल तेल के दाम हमेशा से काफी असर डालते रहे हैं. कारण ये है कि भारत में 80% तेल की जरूरत आयात के जरिए पूरी की जाती है. अब तेल के दाम बढ़ रहे हैं और इसी एवज में रुपए के दाम गिर रहे हैं. अगर रुपया 70 के पार चला जाता है तो यकीनन इसका सीधा असर तेल आयात पर होगा और महंगाई बढ़ने की गुंजाइश काफी ज्यादा है. 

क्यों कम हो रही है रुपए की कीमत?

इसका सबसे बड़ा कारण तेल के दाम बढ़ना है. तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचे हैं. ये 2014 नवंबर के बाद सबसे महंगा दौर कहा जा सकता है. भारत की तेल की जरूरत पूरा करने के लिए बोझ अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. दूसरा बड़ा कारण है डॉलर का मजबूत होना. डॉलर 2018 के सबसे मजबूत स्थान पर है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी स्थिती में है. इसकी वजह से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देश से पैसा इसमें जा रहा है.

कितना बुरा है ये...

महंगा डॉलर भारतीय अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा असर डाल रहा है. अभी 4,493 रुपए (67 रुपए प्रति डॉलर के रेट पर) तेल खरीदा जा रहा है. अगर ये कीमत तीन रुपए और गिर गई और 1 डॉलर 70 रुपए का हो गया तो इसी रेट पर यानी 70 डॉलर प्रति बैरल के रेट पर भारत को एक बैरल के 4,694 रुपए देने होंगे. यानी प्रति बैरल 301 रुपए ज्यादा. अब भारत जैसे देश में जहां पहले से ही लगभग 330 मिलियन डॉलर का आयात प्रति दिन तेल और ईंधन का होता है वहां 301 रुपए प्रति बैरल बढ़ने वाली कीमत किस तरह भारत पर असर डालेगी ये समझना मुश्किल नहीं है. इसपर अगर तेल के दाम भी बढ़ जाते हैं तो अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि मसला कितना बिगड़ जाएगा. 

सबसे बड़ी बात तो ये है कि इससे सभी आयात महंगे होते हैं. जैसे तेल का आयात, अभी भारत की जो हालत है उससे ये पता लगाना मुश्किल नहीं कि ये महंगाई भारतीय अर्थव्यवस्था पर कैसा असर डाल सकती है.

तेल अगर महंगा होगा तो ट्रांसपोर्ट महंगा होगा यानी सब्जी, किराना सामान आदि की ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ जाएगी. इसके अलावा, तकनीकी सेक्टर, गैजेट्स आदि के दाम भी बढ़ेंगे. कुल मिलाकर आयात पर निर्भर करने वाली सारी चीजें महंगी होने का खतरा है.

कुछ अच्छा भी...

कमजोर रुपया निर्यात के लिए बेहतर है. सभी एक्सपोर्ट से जुड़ी हुई इंडस्ट्री बेहतर होंगी. यानी फार्मा कंपनियां, आईटी कंपनियां जिनका रेवेन्यू दूसरे देशों से आता है उन्हें मुनाफा होगा.

आम लोगों पर असर...

- महंगाई बढ़ने की उम्मीद है. - सरकार को तेल के दाम कंट्रोल करने के लिए पेट्रोल की सब्सिडी कम करनी होगी. - अगर ये लगातार चलता रहा तो गैजेट्स के दाम बढ़ सकते हैं.- तेल का दाम बहुत बढ़ने पर जीडीपी पर असर पड़ेगा. - निर्यात सेक्टर को फायदा, लेकिन आम लोगों पर सीधा असर नहीं दिखता.

अगर देखा जाए तो बढ़ते दामों से जितना फायदा नहीं होगा उससे काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. ये सही है कि डॉलर की बढ़ती कीमत के कारण फॉरेन इन्वेस्टमेंट भारत में होने की गुंजाइश ज्यादा है, लेकिन अगर देखा जाए तो भारत में मंहगाई बढ़ने के भी बहुत चांस हैं. अगर तेल 85$-100$ प्रति बैरल हो जाता है तो भारत उन देशों में से एक होगा जिसे सबसे ज्यादा नुकसान होगा. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अगर तेल 85$ प्रति बैरल भी पहुंच जाता है तो भारत की जीडीपी में अगले दो साल में 0.5% ले 1% तक गिरावट देखने को मिल सकती है.

2018 के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार 10$ प्रति बैरल तेल की बढ़त के कारण अर्थव्यवस्था की ग्रोथ पर 0.2-0.3% तक का असर पड़ा है. अगर ये बढ़त जारी रही तो भारत को काफी नुकसान हो सकता है.

ये भी पढ़ें-

2014 चुनाव में जो रोल 'दाल' ने निभाया था वो 2019 में 'पेट्रोल' निभाएगा?

फ्लाइट टिकट कैंसिलेशन चार्ज का ये गणित हर यात्री को समझ लेना चाहिए


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    Union Budget 2024: बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय
  • offline
    Online Gaming Industry: सब धान बाईस पसेरी समझकर 28% GST लगा दिया!
  • offline
    कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
  • offline
    राहुल का 51 मिनट का भाषण, 51 घंटे से पहले ही अडानी ने लगाई छलांग; 1 दिन में मस्क से दोगुना कमाया
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲