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उम्र के हर पड़ाव पर इतने पैसे बचाने से बनेगा सबसे अच्छा रिटायरमेंट प्लान!

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 26 मार्च, 2018 01:28 PM
  • 26 मार्च, 2018 01:28 PM
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अगर एक सीधा सा सवाल पूछा जाए कि बचत के नाम पर आपके पास क्या है? तो क्या खुद को आप संतोषजनक जवाब दे पाएंगे? उम्र में हर पड़ाव में किस तरह की बचत करनी चाहिए? चलिए देखते हैं...

बचपन से मम्मी-पापा बचत करना सिखाते हैं. एफडी, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, पेंशन योजना आदि सब उन्हें के सिखाए गए तरीके हैं. लेकिन क्या आज के समय में हम उस तरह से बचत कर पाते हैं जैसा सिखाया गया है? अगर एक सीधा सा सवाल पूछा जाए कि बचत के नाम पर आपके पास क्या है? तो क्या खुद को आप संतोषजनक जवाब दे पाएंगे? उम्र में हर पड़ाव में किस तरह की बचत करनी चाहिए? चलिए देखते हैं...

1. 20 से 30 साल तक...

अपने ट्वेंटीज में यानी 20 से 30 साल के बीच लक्ष्य ये रहना चाहिए कि अपनी सैलरी का 1X (अपनी सैलरी जितना) पैसा बचा लिया जाए.

एक इन्वेस्टमेंट फर्म Ellevest ने 1000 महिलाओं पर रिसर्च की और कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. रिपोर्ट बताती है कि 74% लोगों पर इस दौरान कोई न कोई कर्ज होता है. चाहें वो ईएमआई का हो, या फिर उधार का, या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल. इनमें से 41% ऐसे होते हैं जिनका कर्ज अधिक इंट्रेस्ट वाला होता है.

इसे हल करने का सीधा सा तरीका है कि क्रेडिट कार्ड बिल को जल्दी से जल्दी पूरा खत्म करने की कोशिश करें. साथ ही अगर स्टूडेंट लोन लिया है तो उसे ऑटोपे (Autopay) पर लगा दें इससे इंट्रेस्ट रेट कम होने की गुंजाइश बढ़ जाती है.

एक इमर्जेंसी फंड बना कर रखें. अक्सर इस उम्र में लोग शहर बदलते हैं और एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए पैसे तो लगते ही हैं. इसके अलावा, कोई भी इमर्जेंसी आ सकती है. इसका सबसे अच्छा तरीका है कोई RD बना लेना जो साल भर या दो साल के इमर्जेंसी फंड की तरह काम करेगी.

2. 30 से 40 साल के बीच..

ये वो समय है जब मिड लाइफ क्राइसेस या जिसे हम जिंदगी कहते हैं वो सामने आ जाती है. बच्चे, बच्चों का खर्च, घर का खर्च, कार, ईएमआई, ऑफिस में प्रमोशन का लेट होना कुछ भी हो बहुत सारी समस्याएं इस समय होती...

बचपन से मम्मी-पापा बचत करना सिखाते हैं. एफडी, पीपीएफ, किसान विकास पत्र, पेंशन योजना आदि सब उन्हें के सिखाए गए तरीके हैं. लेकिन क्या आज के समय में हम उस तरह से बचत कर पाते हैं जैसा सिखाया गया है? अगर एक सीधा सा सवाल पूछा जाए कि बचत के नाम पर आपके पास क्या है? तो क्या खुद को आप संतोषजनक जवाब दे पाएंगे? उम्र में हर पड़ाव में किस तरह की बचत करनी चाहिए? चलिए देखते हैं...

1. 20 से 30 साल तक...

अपने ट्वेंटीज में यानी 20 से 30 साल के बीच लक्ष्य ये रहना चाहिए कि अपनी सैलरी का 1X (अपनी सैलरी जितना) पैसा बचा लिया जाए.

एक इन्वेस्टमेंट फर्म Ellevest ने 1000 महिलाओं पर रिसर्च की और कुछ चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. रिपोर्ट बताती है कि 74% लोगों पर इस दौरान कोई न कोई कर्ज होता है. चाहें वो ईएमआई का हो, या फिर उधार का, या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल. इनमें से 41% ऐसे होते हैं जिनका कर्ज अधिक इंट्रेस्ट वाला होता है.

इसे हल करने का सीधा सा तरीका है कि क्रेडिट कार्ड बिल को जल्दी से जल्दी पूरा खत्म करने की कोशिश करें. साथ ही अगर स्टूडेंट लोन लिया है तो उसे ऑटोपे (Autopay) पर लगा दें इससे इंट्रेस्ट रेट कम होने की गुंजाइश बढ़ जाती है.

एक इमर्जेंसी फंड बना कर रखें. अक्सर इस उम्र में लोग शहर बदलते हैं और एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए पैसे तो लगते ही हैं. इसके अलावा, कोई भी इमर्जेंसी आ सकती है. इसका सबसे अच्छा तरीका है कोई RD बना लेना जो साल भर या दो साल के इमर्जेंसी फंड की तरह काम करेगी.

2. 30 से 40 साल के बीच..

ये वो समय है जब मिड लाइफ क्राइसेस या जिसे हम जिंदगी कहते हैं वो सामने आ जाती है. बच्चे, बच्चों का खर्च, घर का खर्च, कार, ईएमआई, ऑफिस में प्रमोशन का लेट होना कुछ भी हो बहुत सारी समस्याएं इस समय होती हैं.

40 साल तक का लक्ष्य यहां ये होना चाहिए कि आप कम से कम 3X (3 गुना) अपनी सालाना सैलरी बराबर पैसा बचा लें. यानी अगर 5 लाख सैलरी है तो 10 सालों में करीब 15 लाख का निवेश या बचत किसी भी तरह से हो सकती है.

इसका सबसे अच्छा तरीका है घर खरीदना. 56% लोग इसी दौरान अपना घर खरीदते हैं. आपकी बचत कुछ इस तरह से होनी चाहिए कि डाउन पेमेंट से करीब 2 लाख ज्यादा आप खुद बचा लें.

बच्चों के लिए कोई ऐसा प्लान लें या टर्म इंश्योरेंस लें कि उनके कॉलेज जाने से पहले कम से कम फीस का आधा पैसा बचा हो. इसका सबसे अच्छा तरीका टर्म इंश्योरेंस प्लान ही है. इस एज ग्रुप के लोग अगर पीपीएफ में पैसा लगाना चाहते हैं तो उन्हें एक बार दूसरे पेंशन या इंश्योरेंस प्लान देख लेने चाहिए. म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाने से भी अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है हालांकि, इसके पहले एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें. 30-40 की उम्र के बीच फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स से बात करना एक सही कदम साबित हो सकता है.

3. 40 से 50 साल की उम्र के बीच...

50 साल से पहले लक्ष्य ये होना चाहिए कि आप अपनी सालाना सैलरी का कम से कम 6 गुना बचा चुके हों.

इस उम्र तक आते - आते चाइल्ड केयर में लगने वाला पैसा कम हो जाता है और वो बचा हुआ पैसा निवेश के या रिटायर्मेंट फंड के काम आ सकता है. दूसरी बात ये कि अगर 30 - 40 के समय टर्म इंश्योरेंस लिया होगा तो उसका रिटर्न काफी अच्छा मिलने लगेगा. वो एक्स्ट्रा कमाई का तरीका साबित हो सकता है. इसके अलावा, अगर अभी तक कोई रिटायरमेंट प्लान नहीं लिया है तो बेहतर होगा कि इस उम्र में रिटायरमेंट प्लान में निवेश करें. हां, रिटर्न उतना अच्छा नहीं मिलेगा क्योंकि निवेश देर से किया है, लेकिन फिर भी कम से कम रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा कमाई का जरिया तो होगा.

इसके अलावा, इस दौर में लोग न तो नौकरी बदलने के बारे में सोचते हैं और न ही घर या शहर, ऐसे समय में नौकरी भी अच्छा रिटर्न देती है ये समय बचत के लिए सबसे अच्छा है.

4. 50 से 60 की उम्र के बीच...

60 से पहले ये लक्ष्य होना चाहिए कि सालाना सैलरी का 8 गुना बचा चुके हों. क्योंकि बहुत से लोग 60 के बाद रिटायर हो जाते हैं इसलिए उनके लिए जरूरी है कि वो इतना बचा चुके हों कि आराम से खर्च चल जाए.

इस उम्र तक आते-आते नौकरी के अलावा, कोई और काम करने के बारे में भी सोच लेना चाहिए. इसे अपना रिटायरमेंट प्लान भी कहा जा सकता है. अगर अभी तक किसी से फाइनेंशियल एडवाइस नहीं ली है तो ये सही समय है उसे लेने का. ये जानना जरूरी है कि पैसा सही ट्रैक पर है या नहीं. रिटायरमेंट के लिए जो पैसा बचाया है वो काम भी करेगा या नहीं.

5. 60 के बाद...

अगर रिटायरमेंट नहीं लिया है तो ये लक्ष्य होना चाहिए कि कम से कम अगले 5 साल तक सैलरी का 10 गुना आपने बचा लिया हो. इस उम्र तक आते-आते 52% महिलाओं के पास अपनी प्रॉपर्टी होती है.

इस दौर में रिटायरमेंट प्लान आपको रिटर्न देने लगेंगे. इसके अलावा, इनकम टैक्स के झमेले से भी दूर रहेंगे.

इस पूरे दौर में अगर आप सेविंग का मतलब ये समझ रहे हैं कि बस बैंक अकाउंट में पैसा पड़ा रहे तो ये गलत है. सेविंग्स करने के लिए निवेश जरूरी है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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