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मैं ईमानदारी से ATM लाइन में खड़ी रही, अब समय है मोदी भक्ति के इनाम का!

    • कुदरत सहगल
    • Updated: 31 जनवरी, 2017 07:16 PM
  • 31 जनवरी, 2017 07:16 PM
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यूनियन बजट के क्रांतिकारी होने की पूरी उम्‍मीद है. लेकिन एटीएम लाइन में इमानदारी से खड़े मोदी-भक्‍त की बात भी प्रधानमंत्री और वित्‍त मंत्री को सुननी चाहिए.

मैं एक आशावादी लड़की हूं. और मुझे पता है कि उजियारी सुबह देखने के लिए अंधेरी काली रात को काटना पड़ता है. इसलिए अब मैं इस रहस्‍य को जान गई हूं कि 2017 का बजट आने के बाद मेरे बहुत से सपने पूरे हो जाएंगे. कल सुबह मेरे सपने एक नई उड़ान भरेंगे. सिर्फ आज की रात का ही फासला है. जैसे कि मैं एक देशभक्त हूं... माफ कीजिए... मोदीभक्‍त हूं, तो मेरी कुछ उम्‍मीदें भी हैं. मैं पूरी इमानदारी से एटीएम लाइन में खड़ी रही हूं. अब समय है मोदी भक्ति का फल पाने का.

मोदी जी ने कई रूढ़ियों को तोड़ा है. रेल और आम बजट पेश करने में हम अभी तक ब्रिटिश लोगों के बनाए चलन को ही ढो रहे थे. लेकिन आपने एक झटके में इसको भी तोड़ दिया. पहली बार 1 फरवरी को हमारा बजट पेश किया जाएगा. रेल बजट को आपने खत्म ही कर दिया. मोदी जी आप महान हैं. आप जादूगर हैं. आप बस आप हैं. मोदी जी आपसे मुझे बहुत सी आशाएं हैं. देखिए प्लीज मेरा दिल मत तोड़िएगा. मेरी तो लिस्ट भी आपके नींद की तरह है, शुरु होते ही खत्म! आप 4 घंटे की नींद लेते हैं और मेरी सिर्फ 9 मांगें हैं!

मोदी जी कृपा करिएगा

1. टैक्स स्‍लैब बढ़ा दीजिए, बस इनकम टैक्स से छुटकारा दिला दीजिए. यह डिमांड भले गरीबों वाली लगे, लेकिन यह ऐसी ही है. इसके बदले चाहे तो बैंक के ट्रांजेक्शन्स पर टैक्स लगा लें. अगर ये भी ज्यादा लग रहा है तो कम-से-कम इनकम टैक्स का स्लैब ही बढ़ा दें. हर साल मैं खुद से ये वादा करती हूं कि इस साल से मैं PPF और बॉन्ड में निवेश करूंगी. आखिर मेरे सारे पैसे टैक्स में कट जाते हैं. कुछ तो बचा लूं.

लेकिन आपको महंगाई का हाल तो पता ही है. ऐसे में पैसे जमा बचा पाना तो जंग जीतने की तरह है. साथ ही साथ क्या पता इस बदलाव से टैक्स ना भरने वाले भी रिटर्न फाइल करने लगें! चित भी आपकी...

मैं एक आशावादी लड़की हूं. और मुझे पता है कि उजियारी सुबह देखने के लिए अंधेरी काली रात को काटना पड़ता है. इसलिए अब मैं इस रहस्‍य को जान गई हूं कि 2017 का बजट आने के बाद मेरे बहुत से सपने पूरे हो जाएंगे. कल सुबह मेरे सपने एक नई उड़ान भरेंगे. सिर्फ आज की रात का ही फासला है. जैसे कि मैं एक देशभक्त हूं... माफ कीजिए... मोदीभक्‍त हूं, तो मेरी कुछ उम्‍मीदें भी हैं. मैं पूरी इमानदारी से एटीएम लाइन में खड़ी रही हूं. अब समय है मोदी भक्ति का फल पाने का.

मोदी जी ने कई रूढ़ियों को तोड़ा है. रेल और आम बजट पेश करने में हम अभी तक ब्रिटिश लोगों के बनाए चलन को ही ढो रहे थे. लेकिन आपने एक झटके में इसको भी तोड़ दिया. पहली बार 1 फरवरी को हमारा बजट पेश किया जाएगा. रेल बजट को आपने खत्म ही कर दिया. मोदी जी आप महान हैं. आप जादूगर हैं. आप बस आप हैं. मोदी जी आपसे मुझे बहुत सी आशाएं हैं. देखिए प्लीज मेरा दिल मत तोड़िएगा. मेरी तो लिस्ट भी आपके नींद की तरह है, शुरु होते ही खत्म! आप 4 घंटे की नींद लेते हैं और मेरी सिर्फ 9 मांगें हैं!

मोदी जी कृपा करिएगा

1. टैक्स स्‍लैब बढ़ा दीजिए, बस इनकम टैक्स से छुटकारा दिला दीजिए. यह डिमांड भले गरीबों वाली लगे, लेकिन यह ऐसी ही है. इसके बदले चाहे तो बैंक के ट्रांजेक्शन्स पर टैक्स लगा लें. अगर ये भी ज्यादा लग रहा है तो कम-से-कम इनकम टैक्स का स्लैब ही बढ़ा दें. हर साल मैं खुद से ये वादा करती हूं कि इस साल से मैं PPF और बॉन्ड में निवेश करूंगी. आखिर मेरे सारे पैसे टैक्स में कट जाते हैं. कुछ तो बचा लूं.

लेकिन आपको महंगाई का हाल तो पता ही है. ऐसे में पैसे जमा बचा पाना तो जंग जीतने की तरह है. साथ ही साथ क्या पता इस बदलाव से टैक्स ना भरने वाले भी रिटर्न फाइल करने लगें! चित भी आपकी और पट भी.

2- ट्यूशन फी तो ठीक है पर क्रेच फी क्यों? सभी कॉरपोरेट में या तो क्रेच को कम्पलसरी कर दीजिए या फिर हमें ही डे केयर/क्रेच फी में रियायत दे दीजिए.

3- 2001 से मेडिकल एलाउंस 15,000 पर ही टिकी हुई है. अब समय आ गया है कि हम इस राशि को बढ़ोतरी करें. कम से कम चार गुना. देश में प्रदुषण की वजह से हर कोई किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित है. उसपर दुख ये कि डॉक्टरों के चक्कर लगा-लगाकर हमारे पास बिलों का जो पहाड़ जमा हुआ है उसका क्लेम भी नहीं मिलेगा! ये तो नाइंसाफी है ना.

4- डीजिटल पेमेंट को आप बढ़ावा दे रहे हैं. आपको पता है सर मुझे खुद कैश से नफरत है. मैं सिर्फ क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का ही इस्तेमाल करती हूं. मैं अपने सारे पेमेंट भी इन्हीं से करती हूं. 2000 से कम के पेमेंट पर से सर्विस चार्ज हटाकर आपने हमारे लिए रास्ता खोल दिया है. अब बस ऐसे और प्लान लाते रहिए ताकि हमें प्रोत्साहन मिले.

5- मुझे अपने बुढ़ापे से बढ़ा डर लगता है. मेरी सैलेरी इतनी कम है कि मुझे नहीं लगता कि 60 का होने तक मैं कुछ बचा भी पाउंगी. कम से कम इतना कि मेरा बुढ़ापा अच्छे से कट जाए. अगर किसी सीनियर सीटिजन के पास सिर्फ उनकी बचत का एक हिस्सा भर है, तो क्या उन्हें इस पैसे को बैंक में जमा करके इंटरेस्ट के पैसे पर रहने का सुकुन नहीं दिया जा सकता. या इतना तो कर ही सकते हैं कि पेंशन को टैक्स फ्री कर दें.

6- ATM से 5 बार पैसे निकालने के बाद चार्ज कटने लगता है. इसे खत्म कर देना चाहिए.

7- कल्याणकारी योजनाएं- अपने बच्चे का स्कूल में एडमिशन कराना एक युद्ध जीतने के बराबर है. पैसे भी इतने लगते हैं मानो पेड़ पर फल रहे हैं. इस बार के बजट में नए सरकारी स्कूल खोलने का प्रस्ताव होना चाहिए. ऐसा स्कूल जिसमें वर्ल्ड क्लास सुविधाएं हो.

8- रेलवे बजट- बुलेट ट्रेन का हमारा सपना आप ही पूरा करेंगे इसका भरोसा है मुझे. लेकिन उसके पहले ट्रेनों और रेलवे प्लेटफॉर्मों की साफ-सफाई पर थोड़ा जोर लगा लेते तो सोने पर सुहागा हो जाता.

9- अपना घर हर किसी का सपना होता है. कंस्ट्रक्शन के समय होम लोन में कमी करने का भी विचार करना चाहिए. घर में शिफ्ट होने तक का इंतजार क्यों करें. पहले ही राहत दे दिजिए.

नोटबंदी से जब्त हुए पैसे का सही इस्तेमाल करने का वक्त आ गया है सर. आप बस अपना जादू चला दो.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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