• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
इकोनॉमी

साइरस मिस्त्री का ये खुलासा ज्यादा नुकसान करेगा

    • राहुल मिश्र
    • Updated: 27 अक्टूबर, 2016 05:26 PM
  • 27 अक्टूबर, 2016 05:26 PM
offline
पदमुक्त किए गए साइरस मिस्त्री ने 24 घंटे बीतते ही टाटा समूह पर बड़ा प्रहार किया. कंपनी बोर्ड को यह पत्र लिख उन्होंने टाटा समूह को अप्रत्याशित नुकसान के मुहाने पर खड़ा कर दिया है...

टाटा संस से साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद से कंपनी और बाजार में किसी बड़ी अनहोनी का डर था. कंपनी के अंतरिम प्रमुख बने रतन टाटा ने केन्द्र सरकार से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक नहीं छोड़ा क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि साइरस मिस्त्री उनके फैसले के खिलाफ कोई लीगल एक्शन ले सकते हैं. लेकिन जो साइरस मिस्त्री ने किया इसकी शायद किसी को उम्मीद नहीं थी.

साइरस ने टाटा बोर्ड और टाटा ट्रस्ट को एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखते हुए कहा है कि उन्हें हटाए जाने का तरीका उन्हें गंवारा नहीं. वह दावा कर रहे हैं कि बीते चार साल तक प्रमुख रहते हुए वह महज एक रबर स्टैंप थे और उन्हें कंपनी के हित में कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं था. सबसे सनसनीखेज दावा जो साइरस ने अपने पत्र से किया उसके मुताबिक कंपनी के इस फैसले से उसे 1800 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए कि साइरस के मुताबिक टाटा समूह की पांच प्रमुख कंपनियां बड़े घाटे के दौर से गुजर रही है.

इसे भी पढ़ें: 'टाटा का बेटा' न होना ही साइरस मिस्त्री की सबसे बड़ी कमजोरी?

साइरस मिस्त्री के पत्र के प्रमुख अंश:

-साइरस ने इस फैसले को "कॉर्पोरेट इतिहास का अद्वितीय" फैसला कहा.

-मिस्त्री ने बोर्ड मेंबर और ट्रस्ट के भेजे ईमेल में लिखा कि वह हैरान हैं.

-साइरस ने कहा कि पूरी प्रक्रिया अवैध और गैरकानूनी है.

-इस फैसले को लेने से पहले साइरस को पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया.

 क्या वाकई कंपनी को समझ...

टाटा संस से साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद से कंपनी और बाजार में किसी बड़ी अनहोनी का डर था. कंपनी के अंतरिम प्रमुख बने रतन टाटा ने केन्द्र सरकार से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक नहीं छोड़ा क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि साइरस मिस्त्री उनके फैसले के खिलाफ कोई लीगल एक्शन ले सकते हैं. लेकिन जो साइरस मिस्त्री ने किया इसकी शायद किसी को उम्मीद नहीं थी.

साइरस ने टाटा बोर्ड और टाटा ट्रस्ट को एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखते हुए कहा है कि उन्हें हटाए जाने का तरीका उन्हें गंवारा नहीं. वह दावा कर रहे हैं कि बीते चार साल तक प्रमुख रहते हुए वह महज एक रबर स्टैंप थे और उन्हें कंपनी के हित में कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं था. सबसे सनसनीखेज दावा जो साइरस ने अपने पत्र से किया उसके मुताबिक कंपनी के इस फैसले से उसे 1800 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए कि साइरस के मुताबिक टाटा समूह की पांच प्रमुख कंपनियां बड़े घाटे के दौर से गुजर रही है.

इसे भी पढ़ें: 'टाटा का बेटा' न होना ही साइरस मिस्त्री की सबसे बड़ी कमजोरी?

साइरस मिस्त्री के पत्र के प्रमुख अंश:

-साइरस ने इस फैसले को "कॉर्पोरेट इतिहास का अद्वितीय" फैसला कहा.

-मिस्त्री ने बोर्ड मेंबर और ट्रस्ट के भेजे ईमेल में लिखा कि वह हैरान हैं.

-साइरस ने कहा कि पूरी प्रक्रिया अवैध और गैरकानूनी है.

-इस फैसले को लेने से पहले साइरस को पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया.

 क्या वाकई कंपनी को समझ नहीं पाए साइरस

-उन्हें चार साल के कार्यकाल में काम करने की स्वतंत्रता नहीं मिली.

-उन्हें कार्यभार देने से पहले कंपनी ने नियम में फेरबदल कर प्रमुक के पद को कमजोर कर दिया.

-साइरस ने आरोप लगाया कि कंपनी के डायरेक्टर कंपनी के हित में काम नहीं कर रहे हैं.

-साइरस ने कहा कि वह टाटा समूह के प्रमुख बनना नहीं चाहते थे लेकिन कंपनी को कोई और नहीं मिला.

-मुझसे वादा किया गया था कि कंपनी के कामकाज में मुझे स्वतंत्रता मिलेगी लेकिन इसे निभाया नहीं गया.

-टाटा को टेलीकम्यूनिकेशन के क्षेत्र में बड़ा नुकसान हुआ.

-टाटा मोटर्स और टाटा पावर की हालत भी बेहद खराब है.

-साइरस ने कहा कि उनपर उम्मीद पर खरा न उतरने का आरोप बेबुनियाद है.

अब साइरस मिस्त्री के पत्र से हुए इन खुलासों से तो साफ है कि उन्हें टाटा प्रमुख के पद से हटाने का नुकसान कंपनी को हो न हो, अब टाटा से शेयरधारकों को बड़ा नुकसान जरूर होगा. और इस नुकसान के चलते टाटा समूह को भी अप्रत्याशित नुकसान का सामना करना पड़ेगा.

<iframe src="https://www.facebook.com/plugins/video.php?href=https%3A%2F%2Fwww.facebook.com%2Fichowk%2Fvideos%2F1815114858735176%2F&show_text=0&width=560" width="560" height="315" style="border:none;overflow:hidden" scrolling="no" frame allowTransparency="true" allowFullScreen="true"></iframe>

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    Union Budget 2024: बजट में रक्षा क्षेत्र के साथ हुआ न्याय
  • offline
    Online Gaming Industry: सब धान बाईस पसेरी समझकर 28% GST लगा दिया!
  • offline
    कॉफी से अच्छी तो चाय निकली, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग दोनों से एडजस्ट कर लिया!
  • offline
    राहुल का 51 मिनट का भाषण, 51 घंटे से पहले ही अडानी ने लगाई छलांग; 1 दिन में मस्क से दोगुना कमाया
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲