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बीयर के अच्‍छे दिन देख पेट्रोल-डीजल जलकर राख हो रहे होंगे!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 01 अप्रिल, 2021 12:56 PM
  • 01 अप्रिल, 2021 12:56 PM
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कोरोना वायरस ने भले ही तमाम सेक्टर्स की कमर तोड़ दी हो लेकिन बीयर इंडस्ट्री के अच्छे दिनों की शुरुआत हो गयी है. दिलचस्प ये है कि इसके लिए पहल खुद राज्य सरकारों ने की है. राज्य सरकारों ने बीयर इंडस्ट्री को कर और एक्साइज में बड़ी छूट दी है.

साल 2020. वो साल जो इतिहास में दर्ज हो चुका है एक ऐसी बीमारी के लिए, जिसकी दूसरी लहर ने न केवल आम लोगों बल्कि ख़ुद देश की सरकार तक की नींद हराम कर दी है. जी हां हम कोरोना वायरस की ही बात कर रहे हैं. यूं तो भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में आया था लेकिन मार्च 2020 में जैसे अपना उग्र रूप दिखाया सरकार सकते में आ गयी. पहले जनता कर्फ्यू फिर लॉक डाउन. सरकार और पीएम मोदी की तरफ से तर्क यही दिये गए कि यदि लोगों ने लॉकडाउन का पालन ईमानदारी से किया तो एक देश के रूप में भारत बड़ी ही आसानी से कोरोना को हरा देगा.

लॉकडाउन से हम कोरोना को हराने में कामयाब रहे या नाकाम हुए फैसला जनता खुद करे लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. तमाम सेक्टर्स बर्बाद हो चुके हैं. वहीं तमाम सेक्टर्स ऐसे भी हैं जो जैसे तैसे सर्वाइव कर रहे हैं. ऐसा ही एक सेक्टर है बीयर इंडस्ट्री जिसे आगे ले जाने के लिए खुद सरकार ने कमर कसी है. हाल के दिनों में बीयर की बिक्री में इजाफा हुआ है और जैसी बिक्री हुई है बीयर की सेल प्री कोविड लेवल पर आनी शुरू हो गयी है. मजेदार बात ये है कि सरकार बीयर इंडस्ट्री पर उस वक़्त मेहरबान है जब पेट्रोल और डीजल जैसी चीजें बढ़ी हुई कीमतों के कारण देश के  आम आदमी के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रही हैं. बताते चलें कि केंद्र से लेकर राज्य तक सरकार इस बात को साफ़ कर चुकी है कि वो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह की कोई छूट नहीं देगी. 

कोरोना के इस दौर में सरकारों ने बीयर इंडस्ट्री की तरफ रहम की निगाह से देखा है

जैसा कि हम बता चुके हैं बीयर इंडस्ट्री को आगे ले जाने के लिए खुद सरकार मदद कर रही है तो ये बताना भी बेहद जरूरी है कि बीयर इंडस्ट्री को पॉजिटिव रखने के लिए राज्यों ने एक्साइज...

साल 2020. वो साल जो इतिहास में दर्ज हो चुका है एक ऐसी बीमारी के लिए, जिसकी दूसरी लहर ने न केवल आम लोगों बल्कि ख़ुद देश की सरकार तक की नींद हराम कर दी है. जी हां हम कोरोना वायरस की ही बात कर रहे हैं. यूं तो भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में आया था लेकिन मार्च 2020 में जैसे अपना उग्र रूप दिखाया सरकार सकते में आ गयी. पहले जनता कर्फ्यू फिर लॉक डाउन. सरकार और पीएम मोदी की तरफ से तर्क यही दिये गए कि यदि लोगों ने लॉकडाउन का पालन ईमानदारी से किया तो एक देश के रूप में भारत बड़ी ही आसानी से कोरोना को हरा देगा.

लॉकडाउन से हम कोरोना को हराने में कामयाब रहे या नाकाम हुए फैसला जनता खुद करे लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. तमाम सेक्टर्स बर्बाद हो चुके हैं. वहीं तमाम सेक्टर्स ऐसे भी हैं जो जैसे तैसे सर्वाइव कर रहे हैं. ऐसा ही एक सेक्टर है बीयर इंडस्ट्री जिसे आगे ले जाने के लिए खुद सरकार ने कमर कसी है. हाल के दिनों में बीयर की बिक्री में इजाफा हुआ है और जैसी बिक्री हुई है बीयर की सेल प्री कोविड लेवल पर आनी शुरू हो गयी है. मजेदार बात ये है कि सरकार बीयर इंडस्ट्री पर उस वक़्त मेहरबान है जब पेट्रोल और डीजल जैसी चीजें बढ़ी हुई कीमतों के कारण देश के  आम आदमी के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रही हैं. बताते चलें कि केंद्र से लेकर राज्य तक सरकार इस बात को साफ़ कर चुकी है कि वो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह की कोई छूट नहीं देगी. 

कोरोना के इस दौर में सरकारों ने बीयर इंडस्ट्री की तरफ रहम की निगाह से देखा है

जैसा कि हम बता चुके हैं बीयर इंडस्ट्री को आगे ले जाने के लिए खुद सरकार मदद कर रही है तो ये बताना भी बेहद जरूरी है कि बीयर इंडस्ट्री को पॉजिटिव रखने के लिए राज्यों ने एक्साइज पॉलिसीज में कई अहम बदलाव किए हैं. ध्यान रहे बीयर इंडस्ट्री भी कोरोना की मार से अछूती नहीं थी लेकिन अब जबकि ये प्री कोविड स्तर पर आनी शुरू हो गई है इसे एक बड़ी राहत माना जा रहा है.

बताया ये भी जा रहा है कि बीयर इंडस्ट्री की सबसे अच्छी हालत पूर्वी राज्यों विशेषकर बंगाल में है जहां बीयर इंडस्ट्री 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. इसके अलावा बात अगर दक्षिण भारत की हो तो वहां सरकार ने जहां एक तरफ टैक्स में छूट दी है तो वहीं और भी कई फायदे पहुंचाए है.

राज्य सरकारें बीयर की सेल को आगे ले जाने के लिए कितनी फिक्रमंद है? इसका अंदाजा उत्तर प्रदेश में एक्साइज ड्यूटी में की गई कमी से लगाया जा सकता है जोकि अब एक तिहाई हो गयी है. साथ ही यूपी में रीटेल लाइसेंस रिन्यूवल के लिए फीस में बढ़ोतरी का प्लान भी कैंसिल कर दिया गया है. इसके अलावा दुकानदारों को फायदा हो इसलिए होलसेल और रीटेल मार्जिन भी बढ़ा दिया गया है.

बीयर सेल के लिए जिस तरह से सरकार फिक्रमंद हुई है कहा जा रहा है कि सरकारी प्रयासों से हर क्वार्टर में सेल में सुधार देखने को मिला है. लेकिन चूंकि कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत भारत में हो चुकी है और तमाम राज्यों ने नाइट कर्फ्यू से लेकर लॉक डाउन की वकालत दोबारा शुरू कर दी है. इसलिए बीयर इंडस्ट्री के अच्छे दिनों पर अभी से कुछ कहना जल्दबाजी होगा. सच्चाई हमें तभी पता चलेगी जब कोरोना भारत से जड़ से समाप्त होगा. ये कब होगा इसलिए लिए हमें सिर्फ और सिर्फ प्रतीक्षा करनी होगी.

बहरहाल बात सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नकार कर बीयर को रहम की निगाह से देखने की हुई है तो जैसे तेवर बीयर के हैं पेट्रोल और डीजल का उसे जलन भरी निगाह से देखना लाजमी है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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