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ब्लैकमनी को व्हाइट करने वाले जब रेडलाइट एरिया पहुंचे !

    • राहुल मिश्र
    • Updated: 11 नवम्बर, 2016 02:26 PM
  • 11 नवम्बर, 2016 02:26 PM
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सोनागाछी एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया है. यहां 10,000 से ज्यादा महिलाएं देह व्यापार में लिप्त हैं. दो दिन से ग्राहक इन्हें सिर्फ 500 और 1000 का नोट दे रहे हैं.

कोलकाता का रेड लाइट एरिया सोनागाछी में सेक्स वर्कर्स दुविधा में हैं. 500 औऱ 1000 के नोट पर लगी पाबंदी के बाद उन्हें कस्टमर्स से सिर्फ यही नोट मिल रहे हैं. आम दुकानदारों की तरह यहां इस ट्रेड में कोई व्यवस्था नहीं बन पा रही है. इस काम में लिप्त महिलाओं को मजबूर होकर कस्टमर्स से ये प्रतिबंधित नोट लेना पड़ रहा है.

सोनागाछी एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया है. यहां काम कर रही लगभग 10,000 महिलाओं में ज्यादातर के पास किसी तरह का आईडी कार्ड नहीं है. बीते कई वर्षों से लगातार कैश ट्रांजैक्शन के जरिए इनके पास बड़ी संख्या में कैश मौजूद है. 500 और 1000 की नोट को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद इनकी जमापूंजी व्यर्थ होने की कगार पर है.

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 जहां मजबूरी है 500 और 1000 का नोट

इससे पहले भी सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स कई बार शिकायत कर चुकी हैं कि उनके कई ग्राहक उन्हें 500 और 1000 रुपये के जाली नोट दे जाते हैं. जिसके बाद राज्य की पुलिस और एनजीओ की मदद से सोनागाछी में जाली नोट पकड़ने की मशीन दी गई थी और सेक्स वर्कर्स को इस मशीन को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी. वहीं रेड लाइट एरिया में जाली नोटों के मामले में प्रशासन मानती है कि यह सीमापार से आए घुसपैठियों का काम रहता है.

कोलकाता शहर देश में पॉजी स्कीम/किटी/मटका की राजधानी भी मानी जाती है. इस शहर में बड़ी संख्या में अनरजिस्टर्ड लेबर भी रहते हैं. उन्हें...

कोलकाता का रेड लाइट एरिया सोनागाछी में सेक्स वर्कर्स दुविधा में हैं. 500 औऱ 1000 के नोट पर लगी पाबंदी के बाद उन्हें कस्टमर्स से सिर्फ यही नोट मिल रहे हैं. आम दुकानदारों की तरह यहां इस ट्रेड में कोई व्यवस्था नहीं बन पा रही है. इस काम में लिप्त महिलाओं को मजबूर होकर कस्टमर्स से ये प्रतिबंधित नोट लेना पड़ रहा है.

सोनागाछी एशिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया है. यहां काम कर रही लगभग 10,000 महिलाओं में ज्यादातर के पास किसी तरह का आईडी कार्ड नहीं है. बीते कई वर्षों से लगातार कैश ट्रांजैक्शन के जरिए इनके पास बड़ी संख्या में कैश मौजूद है. 500 और 1000 की नोट को गैरकानूनी करार दिए जाने के बाद इनकी जमापूंजी व्यर्थ होने की कगार पर है.

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 जहां मजबूरी है 500 और 1000 का नोट

इससे पहले भी सोनागाछी की सेक्स वर्कर्स कई बार शिकायत कर चुकी हैं कि उनके कई ग्राहक उन्हें 500 और 1000 रुपये के जाली नोट दे जाते हैं. जिसके बाद राज्य की पुलिस और एनजीओ की मदद से सोनागाछी में जाली नोट पकड़ने की मशीन दी गई थी और सेक्स वर्कर्स को इस मशीन को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई थी. वहीं रेड लाइट एरिया में जाली नोटों के मामले में प्रशासन मानती है कि यह सीमापार से आए घुसपैठियों का काम रहता है.

कोलकाता शहर देश में पॉजी स्कीम/किटी/मटका की राजधानी भी मानी जाती है. इस शहर में बड़ी संख्या में अनरजिस्टर्ड लेबर भी रहते हैं. उन्हें भी साल दर साल से देहाड़ी कैश में मिल रही है. इन लेबर्स के पास भी किसी तरह की आईडी न होने की वजह से इनका पैसा करेंसी के तौर पर बैंकिग से बाहर पड़ा है. लिहाजा चोरी से बचाने के लिए अक्सर ज्यादातर लेबर अपनी जमापूंजी को सुरक्षित रखने और बढ़ाने के लिए किसी न किसी स्कीम का सहारा लेते हैं. यब पैसा भी आज 500 और 1000 का बेकार नोट बनने की कगार पर खड़े हैं.

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वहीं कोलकाता के आसपास के गांवों में एक नई समस्या सामने आ रही है. कई सरकारी योजनाओं के तहत ज्यादातर किसानों के बैंक अकाउंट बीते कई साल से बने हुए हैं. लेकिन उसका इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ था क्योंकि उसका ज्यादातर ट्रांजैक्शन साहूकार से कैश में होता है. अब यही साहूकार इन किसानों के बैंक अकाउंट में 500 और 1000 रुपये की नोट जमा करा रहे हैं. ऐसा करने के लिए साहूकारों ने कैश के साथ बैंकों की लाइन में लगा रखा है जिससे उन्हें अपनी ब्लैकमनी को सफेद करने का मौका मिल जाए.

 अब तो स्कैनर भी किसी काम का नहीं (फोटो:बीबीसी)

इस काम के एवज में साहूकारों ने अकाउंट होल्डर किसानों को प्रति जमा पर्ची 2000 रुपये देने की पेशकश की है. सेविंग बैंक के नियम के मुताबिक कोई भी अकाउंट होल्डर जैसे ही 50,000 रुपये से अधिक राशि जमा कराता है तो इसकी सूचना बड़े बैंक को दी जाती है. यह सूचना टैक्स विभाग को भी मुहैया होती है. लिहाजा, इससे बचने के लिए आमतौर पर अकाउंट होल्डर 49,000 रुपये जमा करा देता है.

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संभव है कि बंगाल में साहूकार 2000 रुपये किसानों को देकर अपना 49,000 रुपये की ब्लैकमनी को व्हाइट में बदल रहे हों. लिहाजा, इससे सीख लेते हुए केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह सोनागाक्षी के सेक्स वर्कर्स के बैंक अकाउंट के चक्कर में न पड़ते हुए उन्हें कारोबार करने के लिए सीधे एटीएम और पेटीएम की सुविधा से लैस करें.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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