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संस्कृति

तो क्या विनाशकारी हथियार बनाने की प्रेरणा पुराणों से ली जा रही है !

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 01 नवम्बर, 2017 02:14 PM
  • 01 नवम्बर, 2017 02:14 PM
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आधिकारिक तौर पर तो रामायण और महाभारत में ही अधिकतर ऐसे हथियारों का विवरण मिलता है. पर अगर गौर किया जाए तो आज के हथियार पौराणिक हथियारों से काफी मिलते जुलते हैं.

हिंदू पौराणिक कथाओं में हमेशा से ही कई रोचक किरदार और उनके द्वारा इस्तेमाल किए हुए बड़े ही रोचक हथियार हैं. परशुराम, राम, लक्ष्मण, मेघनाद, भीम, ड्रोन, कर्ण, अश्वत्थामा, अर्जुन, शिव, विष्णु और स्वयं ब्रह्मा द्वारा भी कई अस्त्रों का इस्तेमाल किया गया है. आधिकारिक तौर पर तो रामायण और महाभारत में ही अधिकतर ऐसे हथियारों का विवरण मिलता है. पर अगर गौर किया जाए तो आज के हथियार पौराणिक हथियारों से काफी मिलते जुलते हैं. पुराणों में भी ऐसे हथियारों के बारे में बताया है जिससे विनाश हो सकता है.

1. त्रिशूल

शिव का त्रिशूल ऐसा हथियार था जिसे खुद शिव के अलावा और कोई रोक नहीं सकता था. सबसे ताकतवर हथियार जिसे शास्त्रों में अहम स्थान मिला है. अब आज के समय में त्रिशूल तो हो नहीं सकता इसीलिए शायद AK-47 बनाई गई है. दुनिया की सबसे शक्तिशाली बंदूकों में से एक एके-47 असल में ऐसी ही विनाशकारी है. इसे भी चलाने वाले के अलावा और कोई नहीं रोक सकता.

2. सुदर्शन चक्र

विनाश करे और वापस आ जाए ऐसा ही तो था सुदरशन चक्र का काम था विष्णु जी अपने हाथ से सुदरशन चक्र भेजते थे और वो किसी भी राक्षस का विनाश कर वापस आ जाता था. यही तो प्रेरणा है रीयूजेबल मिसाइल्स की. यहां तक कि ब्रह्मोज (BrahMos) एरोस्पेस इस बारे में काम भी कर रही है कि बूमारैंग मिसाइल बनाई जाए जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सके. सीईओ सुधीर मिश्रा के अनुसार ये हाइपर सॉनिक मिसाइलें असल में विष्णु के सुदर्शन चक्र से ही इस मिसाइल की प्रेरणा मिली है जो हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का एक सपना था.

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हिंदू पौराणिक कथाओं में हमेशा से ही कई रोचक किरदार और उनके द्वारा इस्तेमाल किए हुए बड़े ही रोचक हथियार हैं. परशुराम, राम, लक्ष्मण, मेघनाद, भीम, ड्रोन, कर्ण, अश्वत्थामा, अर्जुन, शिव, विष्णु और स्वयं ब्रह्मा द्वारा भी कई अस्त्रों का इस्तेमाल किया गया है. आधिकारिक तौर पर तो रामायण और महाभारत में ही अधिकतर ऐसे हथियारों का विवरण मिलता है. पर अगर गौर किया जाए तो आज के हथियार पौराणिक हथियारों से काफी मिलते जुलते हैं. पुराणों में भी ऐसे हथियारों के बारे में बताया है जिससे विनाश हो सकता है.

1. त्रिशूल

शिव का त्रिशूल ऐसा हथियार था जिसे खुद शिव के अलावा और कोई रोक नहीं सकता था. सबसे ताकतवर हथियार जिसे शास्त्रों में अहम स्थान मिला है. अब आज के समय में त्रिशूल तो हो नहीं सकता इसीलिए शायद AK-47 बनाई गई है. दुनिया की सबसे शक्तिशाली बंदूकों में से एक एके-47 असल में ऐसी ही विनाशकारी है. इसे भी चलाने वाले के अलावा और कोई नहीं रोक सकता.

2. सुदर्शन चक्र

विनाश करे और वापस आ जाए ऐसा ही तो था सुदरशन चक्र का काम था विष्णु जी अपने हाथ से सुदरशन चक्र भेजते थे और वो किसी भी राक्षस का विनाश कर वापस आ जाता था. यही तो प्रेरणा है रीयूजेबल मिसाइल्स की. यहां तक कि ब्रह्मोज (BrahMos) एरोस्पेस इस बारे में काम भी कर रही है कि बूमारैंग मिसाइल बनाई जाए जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सके. सीईओ सुधीर मिश्रा के अनुसार ये हाइपर सॉनिक मिसाइलें असल में विष्णु के सुदर्शन चक्र से ही इस मिसाइल की प्रेरणा मिली है जो हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का एक सपना था.

3. पाशुपतास्त्र

जिन लोगों को इस हथियार के बारे में नहीं पता उन्हें मैं बता दूं कि ये मेघनाद ने रामायण में इस्तेमाल किया था. मेघनाद अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रह्मानंड अस्त्र, नारायणास्त्र और पाशुपतास्त्र पर विजय प्राप्त की थी.

पाशुपतास्त्र जब इस्तेमाल किया जाता था तो अपने आस-पास की सभी चीजों को मिटा देता था. जब इसे चलाया जाता था तो कई दैत्य, शैतान, आत्माएं आ जाती थीं और इसे और शक्तिशाली कर देती थीं. इसकी तुलना आज के समय के बायोलॉजिकल बम से की जा सकती है. एक बार इसे चलाया जाए तो कई वायरस फैल जाते हैं और टारगेट एरिया में मौजूद सभी चीजों को तबाह कर देते हैं. अनेक तरह की बीमारियां फैल जाती हैं. प्लेग, इबोला जैसे किसी वायरस को अगर बम के जरिए फैलाया जाए तो सोचिए क्या होगा.

4. ब्रह्मास्त्र

ब्रह्मा का अस्त्र यानि सृष्टि के रचियता का अस्त्र. सबकुछ एक बार में खत्म कर सकता है. अब इसकी तुलना अगर आज के कैमिकल हथियारों से की जाए तो गलत नहीं होगा. कैमिकल हथियारों को एक बार छोड़ दिया जाए तो उन्हें काबू करना काफी मुश्किल हो जाता है और इससे विनाश कैसा होता है ये तो बताने की शायद जरूरत ही नहीं है.

5. ब्रह्माशिरास्त्र

एक ऐसा अस्त्र जो देवताओं को भी मार सकता था और ब्रह्मास्त्र से 4 गुना ज्यादा ताकत थी उसमें अब अगर इसकी तुलना हाइड्रोजन बम से की जाए तो गलत नहीं होगा. फ्यूजन बम की तरह काम करने वाला हाइड्रोजन बम इतनी मात्रा में एनर्जी बनाता है कि उससे एक भयंकर धमाका होता है. जिस तरह ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल करने वाले पुराणों में केवल कुछ ही लोग कहे गए हैं उसी तरह हाइड्रोजन बम भी दुनिया के कुछ ही देशों के पास है जैसे अमेरिका, रशिया, यूके, फ्रांस, चीन और भारत.

6. ब्रह्मंदा अस्त्र

इसे मॉर्डन जमाने के मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तरह देखा जाए तो गलत नहीं होगा. ये भी एक तरह का डिफेंस सिस्टम ही था जो किसी भी हथियार से खुद की रक्षा करने के काम आता था. पौराणिक कथाओं में इसे विश्वामित्र से बचाव के लिए वैशिष्ठ ने इस्तेमाल किया था.

7. रुद्र अस्त्र

जब भी इस अस्त्र का इस्तेमाल किया जाता था तब ये 11 रुद्रों की ताकत लेकर लक्ष्य को खत्म कर देता था. इसे मॉर्डन मिसाइलों की तरह देखा जा सकता है.

8. नारायण अस्त्र

ये अस्त्र ऐसा था कि इससे कई सारे तीर, भाले और चक्र एक साथ निकल सकते थे. ये विष्णु जी का हथियार था और पुराणों में इसे अश्वत्थामा ने पांडवों के विरुद्ध इस्तेमाल किया था. अब इसकी तुलना MIRV यानि मल्टिपल इंडिपेंडेंट्ली टार्गेटेबल रीएंट्री वेहिकल से की जा सकती है जो एक ही गाड़ी कई बैलिस्टिक मिसाइल्स और कई हथियार लेकर चलती है. ये एक ही हथियार कई टार्गेट को एक साथ मार सकता है.

वैसे तो पुराणों में इसके अलावा भी कई हथियारों का इस्तेमाल बताया गया है, लेकिन इन हथियारों की कुछ खास ही बात है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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