• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
संस्कृति

दिवाली के लिए '5' लकी नंबर है, जानिए क्‍यों...

    • पूजा जोधानी
    • Updated: 16 अक्टूबर, 2017 09:25 PM
  • 16 अक्टूबर, 2017 09:25 PM
offline
दिवाली पांच दिनों का त्योहार है. इन पांच दिनों में पांच छोटे करें और सौभाग्य को घर लाएं.

दिवाली पांच दिनों का त्योहार है. लोग अक्सर ये सवाल पूछते दिख जाते हैं कि आखिर दिवाली को पांच दिनों के लिए क्यों मनाया जाता है. तो दरअसल दिवाली, हमारे पौराणिक कथाओं और विश्वास का एक अनोखा मिश्रण है. धनतेरस से लेकर भाई-दूज तक पांच दिन तक चलने वाला ये त्योहार रोशनी से भरपूर होता है.

त्योहारों पर ग्रह-नक्षत्रों की तो खुब बात होती है लेकिन चलिए आपको मैं न्यूमेरोलॉजी के हिसाब से इस त्योहार के बारे में कुछ चीजें बताती हूं. संभवत: पांच दिवाली के लिए सबसे लकी नंबर है. इसके पीछे का कारण भी बहुत ही नॉर्मल है. हमारे पास पांच इंद्रियां होती हैं और पांचों ही हमारे लिए जरुरी है. तो आइए आपको बताएं उन पांच चीजों के बारे में जिसके द्वारा आप अपनी दिवाली को और रौशन बना सकते हैं और साल भर घर में धन-धान्य की प्राप्ति करें-

1- धनतेरस के दिन दीपक की पूजा करें-

पांच-पांच दिया पांच रात जलाएं. इससे पूरे साल आपको घर में पैसे का प्रवेश होगा. दिया जलाते समय माता लक्ष्मी के आह्वान का ध्यान रखें. इन पांचों दियों को आटा गूंथकर बनाएं. आटा से बनाए गए दीपक संपन्नता के प्रतीक होते हैं. अगर संभव है तो उसे घी से जलाएं और दिए को घर के मुख्य दरवाजे की चौखट पर रख दें.

पांच उपाय सालों भर समृद्धि देंगे

2- सारे इंद्रियों को जागृत करने के लिए स्पेशल स्नान करें-

पानी में सेंधा नमक, कुछ तुलसी पत्ते और दालचीनी का तेल डालकर नहाएं. धनतेरस से शुरु करके दिवाली के दिन तक इस पानी से स्नान करें. इससे पूरे पांच दिन आपकी इंद्रियां जागृत रहेंगी. और पैसे के आगमन से जुड़े सारे दिक्कतों का निवारण हो जाएगा.

3- दिवाली के दिन गणेश जी के सामने पांच लड्डू रखें और लक्ष्मी माता के सामने पांच बताशा रखें-

5 की...

दिवाली पांच दिनों का त्योहार है. लोग अक्सर ये सवाल पूछते दिख जाते हैं कि आखिर दिवाली को पांच दिनों के लिए क्यों मनाया जाता है. तो दरअसल दिवाली, हमारे पौराणिक कथाओं और विश्वास का एक अनोखा मिश्रण है. धनतेरस से लेकर भाई-दूज तक पांच दिन तक चलने वाला ये त्योहार रोशनी से भरपूर होता है.

त्योहारों पर ग्रह-नक्षत्रों की तो खुब बात होती है लेकिन चलिए आपको मैं न्यूमेरोलॉजी के हिसाब से इस त्योहार के बारे में कुछ चीजें बताती हूं. संभवत: पांच दिवाली के लिए सबसे लकी नंबर है. इसके पीछे का कारण भी बहुत ही नॉर्मल है. हमारे पास पांच इंद्रियां होती हैं और पांचों ही हमारे लिए जरुरी है. तो आइए आपको बताएं उन पांच चीजों के बारे में जिसके द्वारा आप अपनी दिवाली को और रौशन बना सकते हैं और साल भर घर में धन-धान्य की प्राप्ति करें-

1- धनतेरस के दिन दीपक की पूजा करें-

पांच-पांच दिया पांच रात जलाएं. इससे पूरे साल आपको घर में पैसे का प्रवेश होगा. दिया जलाते समय माता लक्ष्मी के आह्वान का ध्यान रखें. इन पांचों दियों को आटा गूंथकर बनाएं. आटा से बनाए गए दीपक संपन्नता के प्रतीक होते हैं. अगर संभव है तो उसे घी से जलाएं और दिए को घर के मुख्य दरवाजे की चौखट पर रख दें.

पांच उपाय सालों भर समृद्धि देंगे

2- सारे इंद्रियों को जागृत करने के लिए स्पेशल स्नान करें-

पानी में सेंधा नमक, कुछ तुलसी पत्ते और दालचीनी का तेल डालकर नहाएं. धनतेरस से शुरु करके दिवाली के दिन तक इस पानी से स्नान करें. इससे पूरे पांच दिन आपकी इंद्रियां जागृत रहेंगी. और पैसे के आगमन से जुड़े सारे दिक्कतों का निवारण हो जाएगा.

3- दिवाली के दिन गणेश जी के सामने पांच लड्डू रखें और लक्ष्मी माता के सामने पांच बताशा रखें-

5 की संख्या शरीर के पांचों तत्वों को प्रतीक हैं. ऐसा करने से शरीर के सारे तत्व फिट और हेल्दी रहते हैं, जिसके बाद आप अपने जीवन में तरक्की करने वाले निर्णय लेंगे.

4- पांच दिनों के लिए पांच रंग चुनें-

इन पांच दिनों में चटख रंग के कपड़े पहनने की कोशिश करें. जैसे हरा, नारंगी, केसरिया, लाल और पीला रंग का कपड़ा पहनें. कपड़े जितने चमकीले होंगे इंद्रियां उतनी ही ज्यादा सजग होंगी.

5- घर के अनाज से रंगोली बनाएं-

घर में मौजूद दालों, मसालों और अनाज को चुनें और भगवान के मंदिर के सामने उनसे रंगोली बनाएं. ऐसा करने से घर में अनाज की कोई कमी नहीं होगी और दिन-दूनी रात चौगूनी वृद्धि होगी. और पूरे साल घर में समृद्धि बनी रहेगी.

दिवाली सुख और समृद्धि का प्रतीक है इसलिए अगर रंगोली बनाने में निपुण न हों तो सिर्फ एक गोला ही बना लें.

अंत में आप सभी को हैप्पी दिवाली !

(लेखिका टैरोट कार्ड रीडर हैं, साथ ही आध्यात्मिक जानकार हैं.)

ये भी पढ़ें-

धनतेरस पर दवाइयों का दान किया है कभी !

दिवाली धमाका में ऑनलाइन खरीदें ये स्मार्टफोन

दिवाली पटाखा बैन : यही वो समय है, जब बोलना आवश्यक है

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    गीता मय हुआ अमेरिका... कृष्‍ण को अपने भीतर उतारने का महाभियान
  • offline
    वो पहाड़ी, जहां महाकश्यप को आज भी है भगवान बुद्ध के आने का इंतजार
  • offline
    अंबुबाची मेला : आस्था और भक्ति का मनोरम संगम!
  • offline
    नवाब मीर जाफर की मौत ने तोड़ा लखनऊ का आईना...
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲