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आखिर क्या है टी20 सीरीज में टीम इंडिया की सफलता का राज

    • अभिषेक पाण्डेय
    • Updated: 31 जनवरी, 2016 06:40 PM
  • 31 जनवरी, 2016 06:40 PM
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जो टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 वनडे में से सिर्फ एक में जीत दर्ज कर पाई वहीं टी20 सीरीज के तीनों मैचों में जोरदार जीत हासिल कर सीरीज अपने नाम कर लिया, आखिर किस चीज ने पैदा किया ये अंतर?

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 वनडे मैचों की सीरीज में 4 बार 300 से ज्यादा का स्कोर बनाने के बावजूद टीम इंडिया सिर्फ एक मैच जीत पाई. लेकिन 3 मैचों की टी20 सीरीज के तीनों मैचों में जोरदार जीत दर्ज करके सीरीज पर कब्जा लिया.

सवाल ये कि आखिर वह क्या चीज थी जो वनडे सीरीज में टीम इंडिया के बल्लेबाजों के जोरदार प्रदर्शन के बावजूद उसे जीत नहीं दिला पाई? रोहित, कोहली, धवन जैसे बल्लेबाजों की अगुवाई में टीम इंडिया के बल्लेबाज इस पूरे ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जोरदार प्रदर्शन करते आए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी क्यों टीम इंडिया वनडे सीरीज गंवा बैठी और टी20 सीरीज आते ही टीम इंडिया ने जीत हासिल करनी शुरू कर दी. तो जवाब है कि टी20 सीरीज में जिस एक चीज ने अंतर पैदा किया वह टीम इंडिया की बल्लेबाजी नहीं बल्कि उसकी गेंदबाजी है. अगर आपको इस बात पर यकीन नहीं आता है तो आप आंकड़ें देख लीजिए.

बल्लेबाजों ने नहीं बल्कि गेंदबाजों ने जिताई टी20 सीरीजः

अगर आप लोगों से पूछेंगे कि टीम इंडिया को टी20 सीरीज जिताने में सबसे ज्यादा योगदान किसका है तो ज्यादातर लोगों का जवाब होगा कि टीम इंडिया के बल्लेबाजों का. वैसे ये जवाब गलत भी नहीं है और रोहित, कोहली, धोनी और धवन की शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने एडिलेड में खेले गए पहले टी20 में 188 और दूसरे टी20 में 184 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसने टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिक निभाई. लेकिन जिस चीज ने टीम को जीत की ओर बढ़ाया वह थी टीम की गेंदबाजी. भारत के युवा गेंदबाजों ने ही टीम इंडिया में वह किलर इंस्टिंक्ट पैदा की जिसकी वनडे सीरीज के दौरान उसमें साफ कमी नजर आई थी. 

यह भी पढ़ें:...युवराज की बैटिंग नहीं देखने को मिली तो फिर...

आप खुद ही देखिए. मेलबर्न...

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 वनडे मैचों की सीरीज में 4 बार 300 से ज्यादा का स्कोर बनाने के बावजूद टीम इंडिया सिर्फ एक मैच जीत पाई. लेकिन 3 मैचों की टी20 सीरीज के तीनों मैचों में जोरदार जीत दर्ज करके सीरीज पर कब्जा लिया.

सवाल ये कि आखिर वह क्या चीज थी जो वनडे सीरीज में टीम इंडिया के बल्लेबाजों के जोरदार प्रदर्शन के बावजूद उसे जीत नहीं दिला पाई? रोहित, कोहली, धवन जैसे बल्लेबाजों की अगुवाई में टीम इंडिया के बल्लेबाज इस पूरे ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जोरदार प्रदर्शन करते आए हैं. लेकिन इसके बावजूद भी क्यों टीम इंडिया वनडे सीरीज गंवा बैठी और टी20 सीरीज आते ही टीम इंडिया ने जीत हासिल करनी शुरू कर दी. तो जवाब है कि टी20 सीरीज में जिस एक चीज ने अंतर पैदा किया वह टीम इंडिया की बल्लेबाजी नहीं बल्कि उसकी गेंदबाजी है. अगर आपको इस बात पर यकीन नहीं आता है तो आप आंकड़ें देख लीजिए.

बल्लेबाजों ने नहीं बल्कि गेंदबाजों ने जिताई टी20 सीरीजः

अगर आप लोगों से पूछेंगे कि टीम इंडिया को टी20 सीरीज जिताने में सबसे ज्यादा योगदान किसका है तो ज्यादातर लोगों का जवाब होगा कि टीम इंडिया के बल्लेबाजों का. वैसे ये जवाब गलत भी नहीं है और रोहित, कोहली, धोनी और धवन की शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने एडिलेड में खेले गए पहले टी20 में 188 और दूसरे टी20 में 184 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसने टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिक निभाई. लेकिन जिस चीज ने टीम को जीत की ओर बढ़ाया वह थी टीम की गेंदबाजी. भारत के युवा गेंदबाजों ने ही टीम इंडिया में वह किलर इंस्टिंक्ट पैदा की जिसकी वनडे सीरीज के दौरान उसमें साफ कमी नजर आई थी. 

यह भी पढ़ें:...युवराज की बैटिंग नहीं देखने को मिली तो फिर...

आप खुद ही देखिए. मेलबर्न में खेले गए दूसरे टी20 में कोहली, रोहित और धवन की शानदार बैटिंग की बदौलत भारत ने 20 ओवर में 184 रन का बड़ा स्कोर बनाया. लेकिन जवाब में ऑस्ट्रेलियाई ओपनर फिंच और मार्श द्वारा 9.5 ओवर में ही पहले विकेट के लिए 95 रन की तूफानी साझेदारी करने से यह बड़ा लक्ष्य भी बौना लगने लगा था. लेकिन फिर शुरू हुआ भारतीय गेंदबाजों का जादू. 95 के स्कोर पर अश्विन ने मार्श को आउट करके इस खतरनाक हो चली जोड़ी को तोड़ा और उसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को अगले 10 ओवर में सिर्फ 62 रन ही बनाने दिया और कंगारू टीम 157 रन ही बना सकी. बुमराह और जडेजा ने 2-2 जबकि अश्विन, युवराज और पंड्या ने 1-1 विकेट लिया.

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एडिलेड में हुए पहले टी20 में भी टीम इंडिया के बेहतरीन प्रदर्शन किया था और 189 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को 151 रन पर ही समेट दिया था. इस मैच में भी पंड्या, बुमराह, जडेजा और अश्विन की गेंदों के आगे कंगारू बल्लेबाज बेबस नजर आए थे. टी20 सीरीज में जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या और आशीष नेहरा जैसे गेंदबाजों को शामिल करने से भारतीय गेंदबाजी लाइन अप ही पूरी तरह बदली नजर आई और इस दौरे पर पहली बार भारतीय गेंदबाजों ऑस्ट्रेलियाई टीम पर भारी पड़ते नजर आए. बुमराह और पंड्या ने खासतौर पर अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया.

इतना ही नहीं अश्विन, जडेजा और युवराज ने भी जरूरत के समय अच्छी गेंदबाजी करके ऑस्ट्रलिया की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया. टी20 सीरीज के दौरान ही भारतीय गेंदबाजों ने इस सीरीज में पहली बार भारतीय बल्लेबाजों की मेहनत पर पानी फिर जाने से बचाया और देखिए बल्लेबाजों और गेंदबाजों की जोड़ी के कमाल ने टीम इंडिया के टी20 सीरीज ही जीत ली.

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ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज फ्लॉप रहेः

इसके उलट टी20 मैचों में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का प्रदर्शन भारत की तुलना में दोयम दर्जे का साबित हुआ. पहले दोनों टी20 मैचों में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के 18 विकेट चटकाए (पहले मैच में 10 और दूसरे में 8) जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम दोनों मैचों में (दोनों मैचों में 3-3 विकेट) भारत के 6 बल्लेबाजों को ही आउट कर पाई. रोचक तथ्य तो ये है कि शानदार फॉर्म में चल रहे विराट कोहली को दोनों ही मैचों में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज आउट तक नहीं कर पाए.

कोहली ने पहले टी20 में 90 और दूसरे टी20 में 59 रन बनाकर नाबाद लौटे. कोहली की पारी ने भी दोनों टीमों के बीच बड़ा अंतर पैदा किया. शेन वॉटसन की मौजूदगी भी ऑस्ट्रेलिया की अनुभवहीन गेंदबाजी को भारतीय बल्लेबाजों के कहर से नहीं बचा सकी और टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने दोनों ही मैचों में पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया.

तो टी20 में धोनी की टीम की जीत का श्रेय बल्लेबाजों को जरूर दीजिए लेकिन गेंदबाजों के योगदान को मत भूलिए!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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