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बाबा के पैरों में गिरे नेताओं ने क्या ये स्टिंग नहीं देखा था ?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 27 अगस्त, 2017 12:46 PM
  • 27 अगस्त, 2017 12:46 PM
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बाबा गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रेप और हत्या के सबूत चीख रहे थे, लेकिन वो वोटों के लालची नेताओं और धर्मांध लोगों को सुनाई नहीं दे रहे थे.

15 साल पहले अपने ही डेरे पर एक साध्वी के साथ हुए यौन शोषण के मामले में अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को दोषी करार करते हुए गिरफ्तार किया है. बाबा के समर्थन में हुए उपद्रव और हिंसा के बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के आरोप में दोषी करार हो चुके गुरमीत राम रहीम के डेरे की संपत्ति बेच कर राज्य को हुए नुकसान की भरपाई की जाए.

फिल्हाल बाबा का डेरा न सिर्फ मेन स्ट्रीम मीडिया बल्कि पूरे सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. चाहे देश का खास आदमी हो या फिर आम आदमी, सभी ये जानना चाहते हैं कि आखिर इस डेरे में ऐसा क्या था जिसके चलते ये न सिर्फ आज से बल्कि काफी लम्बे समय से अपने में कई विवादों को घेरे हुए है.

डेरे की वो हकीकत जिसकी कल्पना शायद ही आपने कभी की हो

आज अपने इस लेख में हम उस पत्रकार की ज़ुबानी आपको बाबा गुरमीत राम रहीम के इस डेरे से अवगत कराएंगे जिसने अपनी जान जोखिम में डाल के इस डेरे में चल रही काली करतूतों का स्टिंग ऑपरेशन किया और आज उसी स्टिंग ऑपरेशन की ही बदौलत बाबा गुरमीत राम रहीम को सजा हुई है.

2007 में हुए इस स्टिंग को तब तहलका के लिए अपनी सेवा दे रहे पत्रकार अनुराग त्रिपाठी ने किया था. अनुराग बताते हैं कि इस स्टोरी पर काम करने के लिए जब वो हरियाणा के सिरसा पहुंचे तो उनके होश तब उड़ गए जब उन्होंने पूरे शहर में बाबा गुरमीत राम रहीम का राज देखा. अपने अनुभवों को साझा करते हुए अनुराग ने बताया कि, 2007 में जब वो सिरसा आए तो उन्हें महसूस हुआ कि ये शहर दो धड़ों में बंटा है जिसमें एक धड़ में शहर के आम लोग रहते हैं तो वहीं दूसरे धड़ में बाबा का विशाल साम्राज्य है.

अनुराग के अनुसार जो सड़क डेरे की तरफ जाती है वो है तो किसी आम सी सड़क की तरह मगर...

15 साल पहले अपने ही डेरे पर एक साध्वी के साथ हुए यौन शोषण के मामले में अदालत ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को दोषी करार करते हुए गिरफ्तार किया है. बाबा के समर्थन में हुए उपद्रव और हिंसा के बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के आरोप में दोषी करार हो चुके गुरमीत राम रहीम के डेरे की संपत्ति बेच कर राज्य को हुए नुकसान की भरपाई की जाए.

फिल्हाल बाबा का डेरा न सिर्फ मेन स्ट्रीम मीडिया बल्कि पूरे सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. चाहे देश का खास आदमी हो या फिर आम आदमी, सभी ये जानना चाहते हैं कि आखिर इस डेरे में ऐसा क्या था जिसके चलते ये न सिर्फ आज से बल्कि काफी लम्बे समय से अपने में कई विवादों को घेरे हुए है.

डेरे की वो हकीकत जिसकी कल्पना शायद ही आपने कभी की हो

आज अपने इस लेख में हम उस पत्रकार की ज़ुबानी आपको बाबा गुरमीत राम रहीम के इस डेरे से अवगत कराएंगे जिसने अपनी जान जोखिम में डाल के इस डेरे में चल रही काली करतूतों का स्टिंग ऑपरेशन किया और आज उसी स्टिंग ऑपरेशन की ही बदौलत बाबा गुरमीत राम रहीम को सजा हुई है.

2007 में हुए इस स्टिंग को तब तहलका के लिए अपनी सेवा दे रहे पत्रकार अनुराग त्रिपाठी ने किया था. अनुराग बताते हैं कि इस स्टोरी पर काम करने के लिए जब वो हरियाणा के सिरसा पहुंचे तो उनके होश तब उड़ गए जब उन्होंने पूरे शहर में बाबा गुरमीत राम रहीम का राज देखा. अपने अनुभवों को साझा करते हुए अनुराग ने बताया कि, 2007 में जब वो सिरसा आए तो उन्हें महसूस हुआ कि ये शहर दो धड़ों में बंटा है जिसमें एक धड़ में शहर के आम लोग रहते हैं तो वहीं दूसरे धड़ में बाबा का विशाल साम्राज्य है.

अनुराग के अनुसार जो सड़क डेरे की तरफ जाती है वो है तो किसी आम सी सड़क की तरह मगर जब आप इसपर चलेंगे तो आपको एक अजीब से डर की अनुभूति होगी. इस सड़क पर कई दुकानें मौजूद हैं जिनपर बाबा गुरमीत राम रहीम की फोटो लगी है और उन सभी पर धन-धन सदगुरू तेरा ही आसरा लिखा हुआ है.

बाबा का डेरा किसी किले जैसा है जिसकी सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाता था

डेरा, जिसे पुराना डेरा भी कहते हैं, पर अनुराग का मत है कि ये बिल्कुल पुरानी फिल्मों के गैंगस्टरों के किले जैसा है. जिसमें छोटी-छोटी खिडकियां और उन खिडकियों से झांकती हुई बंदूकों और उन बंदूकों को पकड़े हुए बाबा के गुर्गों की झलक मिलेगी. इस डेरे के अन्दर नया डेरा है जो हाई सिक्योरिटी और आधुनिक असलहों से लैस सुरक्षाकर्मियों से घिरा रहता है और इसी डेरे में मौजूद केंद्रीकृत एसी लगी गुफा में बाबा रहते थे.

अनुराग ने ये भी बताया कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि कोई पहले ही दिन आए और बाबा से मिल ले. डेरे में बाबा से मिलने के लिए कई चरण हैं और जैसे-जैसे आप चरण पार करेंगे आप बाबा के नजदीक होते जाएंगे. अनुराग बताते हैं कि डेरे में बाबा के बारे में प्रसिद्ध था कि जब सारे चरण प्राप्त कर व्यक्ति बाबा का विश्वास जीतकर उनके नजदीक हो जाता है तभी उसे बाबा के दर्शन होते हैं.

देखिए तहलका का वो स्टिंग जिसे इंडिया टीवी ने प्रसारित किया था-

अपने स्टिंग में अनुराग और उनके साथ आई टीम ने ऐसा बहुत कुछ पाया जिससे ये पता चला कि यहां धर्म और प्रवचन की आड़ में वो सारी गतिविधियां होती हैं जिसकी कल्पना एक आम इंसान बिल्कुल नहीं कर सकता. साथ ही इस स्टिंग में ये भी पता चला कि यहां बाकायदा इस बात के लिए लोग नियुक्त किये गए हैं जो डेरे में मौजूद औरतों को बाबा तक पहुंचाने का काम करते हैं.

अनुराग के अनुसार नए डेरे में जहां बाबा बैठते हैं वहां तमाम ऐसी तस्वीरें लगी हैं जिनमें देश के बड़े नेताओं को बाबा के पैर छूते और उनसे आशीर्वाद लेते दिखाया गया है. गौरतलब है कि सम्पूर्ण हरियाणा की राजनीति में बाबा का कोई मुकाबला नहीं था और उनके बारे में न सिर्फ हरियाणा बल्कि पंजाब और दिल्ली तक में ये मशहूर था कि एक बार वो अपना हाथ जिसपर रख दें तो फिर उसे जीतने से कोई भी नहीं रोक सकता.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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