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ये ऐसा देश है जहां रेप एन्ज़ॉय नहीं किया तो दोषी नहीं माना जाता!

    • सरवत फातिमा
    • Updated: 04 अप्रिल, 2017 01:14 PM
  • 04 अप्रिल, 2017 01:14 PM
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मेक्सिको के एक जज अनौर गोंजालेज हेमादी ने एक रेप आरोपी को सिर्फ इसलिए रिहा कर दिया क्योंकि उसने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाया था.

रेप का मतलब अगर किसी भी नॉर्मल दिमाग के इंसान से पूछा जाए तो वो कहेगा कि पीड़िता की सहमति के बिना उसे और उसके शरीर के साथ अनैतिक व्यवहार करना. साथ ही उसका यौन उत्पीड़न करना रेप कहलाता है. दुनिया भर की अधिकतर न्यायिक संस्थाएं भी इसे ही सही मानती हैं. लेकिन नीचे हम जो कहानी बताने जा रहे हैं उसे पढ़कर आप गुस्से से लाल हो जाएंगे और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कैसे-कैसे कुंठित लोग समाज में हमारे बीच भरे हैं. यही नहीं ऊंचे पदों पर भी बैठे हैं.

हाल ही में, मेक्सिको के एक जज अनौर गोंजालेज हेमादी ने एक रेप आरोपी को सिर्फ इसलिए रिहा कर दिया क्योंकि उसने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाया था. जज ने अपने आदेश में पाया कि आरोपी 21 वर्षीय डैगो क्रूज़ का 17 वर्षीय पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में ऊंगलियां डालने और उसके स्तनों को छूने का मतलब उसका इरादा रेप का नहीं था और उसने रेप को एन्जॉय नहीं किया तो उसपर कोई चार्ज नहीं बनता.

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रूज़ ने नए साल की पार्टी के बाद पीड़िता को अपने तीन दोस्तों के साथ एक कार में धक्का देकर बंद कर दिया था. इसके बाद इनलोगों ने कथित तौर पर पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया. फैसले देते समय जज ने कहा कि आरोपी को दंडित नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि गलती से किसी के छू देने या फिर प्यार से किए गए छेड़छाड़ को सेक्सुअल एक्ट नहीं माना जा सकता है. साथ ही अगर इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये छेड़छाड़ अपनी यौन इच्छा को पूरा करने के लिए किया गया था.

रेप एन्ज़ॉय नहीं किया तो दोषी नहीं!

मामले में पीड़िता ने गवाही दी थी कि क्रूज़ ने उसे एक काले मर्सिडीज में धकेलने के बाद उसका सेलफोन छीन लिया था. इस पर जज ने सलाह दी की उस वक्त पीड़िता बेबस और कमजोर नहीं थी. माना कि इस पूरे कांड के दौरान उसके...

रेप का मतलब अगर किसी भी नॉर्मल दिमाग के इंसान से पूछा जाए तो वो कहेगा कि पीड़िता की सहमति के बिना उसे और उसके शरीर के साथ अनैतिक व्यवहार करना. साथ ही उसका यौन उत्पीड़न करना रेप कहलाता है. दुनिया भर की अधिकतर न्यायिक संस्थाएं भी इसे ही सही मानती हैं. लेकिन नीचे हम जो कहानी बताने जा रहे हैं उसे पढ़कर आप गुस्से से लाल हो जाएंगे और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कैसे-कैसे कुंठित लोग समाज में हमारे बीच भरे हैं. यही नहीं ऊंचे पदों पर भी बैठे हैं.

हाल ही में, मेक्सिको के एक जज अनौर गोंजालेज हेमादी ने एक रेप आरोपी को सिर्फ इसलिए रिहा कर दिया क्योंकि उसने पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाया था. जज ने अपने आदेश में पाया कि आरोपी 21 वर्षीय डैगो क्रूज़ का 17 वर्षीय पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में ऊंगलियां डालने और उसके स्तनों को छूने का मतलब उसका इरादा रेप का नहीं था और उसने रेप को एन्जॉय नहीं किया तो उसपर कोई चार्ज नहीं बनता.

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रूज़ ने नए साल की पार्टी के बाद पीड़िता को अपने तीन दोस्तों के साथ एक कार में धक्का देकर बंद कर दिया था. इसके बाद इनलोगों ने कथित तौर पर पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया. फैसले देते समय जज ने कहा कि आरोपी को दंडित नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि गलती से किसी के छू देने या फिर प्यार से किए गए छेड़छाड़ को सेक्सुअल एक्ट नहीं माना जा सकता है. साथ ही अगर इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये छेड़छाड़ अपनी यौन इच्छा को पूरा करने के लिए किया गया था.

रेप एन्ज़ॉय नहीं किया तो दोषी नहीं!

मामले में पीड़िता ने गवाही दी थी कि क्रूज़ ने उसे एक काले मर्सिडीज में धकेलने के बाद उसका सेलफोन छीन लिया था. इस पर जज ने सलाह दी की उस वक्त पीड़िता बेबस और कमजोर नहीं थी. माना कि इस पूरे कांड के दौरान उसके हमलावर हंस रहे थे, लेकिन पीड़िता ने पूरी घटना के दौरान कई बार अपनी सीट बदली थी इसलिए उसे असहाय नहीं माना जा सकता.

जैसे ही ये फैसला लोगों के सामने आया तूफान खड़ा हो गया. फैसले के तुरंत बाद पीड़िता के पिता ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए बयान दिया- 'ये अकल्पनीय है. मैं आश्चर्यचकित हूं और नाराज़ भी. दो साल की लड़ाई, संघर्ष और समाज के सामने अपनी बेटी के न्याय के लिए डटे रहने के बाद जज ने क्या फैसला दिया! उसने केस को ही खत्म कर दिया और आरोपी को रिहा कर दिया. अब दो सालों के बाद वे इसे कानूनी सुरक्षा दे रहे हैं. ये एक बेहद भद्दा और बेतुका मजाक है.

इस हास्यास्पद फैसले ने मेक्सिको और विश्वभर में हंगामा खड़ा कर दिया है. जिसके कारण एक न्यायिक पैनल का गठन किया गया और अब खुद जज के निलंबन के आसार बन गए हैं. हालांकि हेमादी और इनके जैसे लोग जो पावर में होते हैं और कानून का दुरुपयोग करते हैं, न्याय के लिए बहुत ही बड़ा खतरा हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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