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यहां रेप के बाद रेपिस्ट से शादी करा देना ही कानून है !

    • सरवत फातिमा
    • Updated: 24 मार्च, 2017 02:22 PM
  • 24 मार्च, 2017 02:22 PM
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रेप. दो अक्षरों से बना ये एक ऐसा शब्द है जो हर स्त्री के अंदर खौफ पैदा करता है. अगर आपको लगता है कि अपने देश में रेपिस्टों को छूट मिलती है तो जरा इन देशों का हाल भी जान लीजिए.

पिछले महीने इटली की अदालत ने एक बेहद अजीब फैसला सुनाया. कोर्ट ने रेप के आरोपी को सिर्फ इसलिए बरी कर दिया कि महिला ने ये जवाब नहीं दिया था कि वो रेप के दौरान चीखी-चिल्लाई थी या नहीं. कोर्ट का कहना था कि अगर महिला रेप के दौरान चीखी नहीं तो इसका मतलब ये कि उसके साथ रेप नहीं हुआ.

कोर्ट ने रेप पीड़िता से पूछा कि क्या आप रेप के दौरान चीखीं या चिल्लाई थीं? क्या किसी से आपने मदद के लिए गुहार लगहाई थी? इस पर पीड़िता ने कहा कि 'बस बहुत हो गया'. कोर्ट ने इस जवाब पर कहा कि सिर्फ इस सबूत पर आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता और आरोपी को छोड़ दिया. कोर्ट के इस फैसले की जब आलोचनाएं होने लगीं तो वहां के कानून मंत्री ने इस मामले की दोबारा समीक्षा के आदेश दिए हैं.

सिर्फ इटली ही नहीं ऐसे कई देश हैं जहां रेप जैसे गंभीर अपराध पर कानून का रवैया अजीबोगरीब है, इन्हें देखकर लगता है कि ये देश अपनी महिला नागरिकों के लिए जरा भी उदार और संवेदनशील नहीं है.

कुछ देशों के कानून में तो कानून के साए में रेपिस्टों को विक्टिम से शादी कराकर उन्हें 'सजा' देने जैसा प्रावधान है. इस तरह के और भी कई तुगलकी फरमान हैं जो कम-से-कम पीड़ितों की समझ से तो परे ही होते हैं. फॉरेन पॉलिसी नाम की पत्रिका के एक रिपोर्ट के मुताबिक, सन् 2000 से कम से कम 10 देशों ने अपने यहां यौन अपराधों के खिलाफ कानूनों में बदलाव किया है. कानून को बदलकर अपराधियों के पक्ष की ओर ज्यादा झुकाया गया है.

हमारे यहां सजा का कानून तो है

दरअसल कानून को ऐसे ही तरीके से तैयार किए जाता है की सामाजिक मानदंडों के दायरे में रहकर वे अपराधियों को कानून के चंगुल से बाहर निकलने का आसान रास्ता दें. यकीन नहीं हो रहा तो हम कुछ उदाहरण दे देते हैं. और अगर आपको लगता है कि अपने देश में रेपिस्टों को छूट मिलती है तो...

पिछले महीने इटली की अदालत ने एक बेहद अजीब फैसला सुनाया. कोर्ट ने रेप के आरोपी को सिर्फ इसलिए बरी कर दिया कि महिला ने ये जवाब नहीं दिया था कि वो रेप के दौरान चीखी-चिल्लाई थी या नहीं. कोर्ट का कहना था कि अगर महिला रेप के दौरान चीखी नहीं तो इसका मतलब ये कि उसके साथ रेप नहीं हुआ.

कोर्ट ने रेप पीड़िता से पूछा कि क्या आप रेप के दौरान चीखीं या चिल्लाई थीं? क्या किसी से आपने मदद के लिए गुहार लगहाई थी? इस पर पीड़िता ने कहा कि 'बस बहुत हो गया'. कोर्ट ने इस जवाब पर कहा कि सिर्फ इस सबूत पर आरोपी को दोषी नहीं माना जा सकता और आरोपी को छोड़ दिया. कोर्ट के इस फैसले की जब आलोचनाएं होने लगीं तो वहां के कानून मंत्री ने इस मामले की दोबारा समीक्षा के आदेश दिए हैं.

सिर्फ इटली ही नहीं ऐसे कई देश हैं जहां रेप जैसे गंभीर अपराध पर कानून का रवैया अजीबोगरीब है, इन्हें देखकर लगता है कि ये देश अपनी महिला नागरिकों के लिए जरा भी उदार और संवेदनशील नहीं है.

कुछ देशों के कानून में तो कानून के साए में रेपिस्टों को विक्टिम से शादी कराकर उन्हें 'सजा' देने जैसा प्रावधान है. इस तरह के और भी कई तुगलकी फरमान हैं जो कम-से-कम पीड़ितों की समझ से तो परे ही होते हैं. फॉरेन पॉलिसी नाम की पत्रिका के एक रिपोर्ट के मुताबिक, सन् 2000 से कम से कम 10 देशों ने अपने यहां यौन अपराधों के खिलाफ कानूनों में बदलाव किया है. कानून को बदलकर अपराधियों के पक्ष की ओर ज्यादा झुकाया गया है.

हमारे यहां सजा का कानून तो है

दरअसल कानून को ऐसे ही तरीके से तैयार किए जाता है की सामाजिक मानदंडों के दायरे में रहकर वे अपराधियों को कानून के चंगुल से बाहर निकलने का आसान रास्ता दें. यकीन नहीं हो रहा तो हम कुछ उदाहरण दे देते हैं. और अगर आपको लगता है कि अपने देश में रेपिस्टों को छूट मिलती है तो जरा इन देशों का हाल भी जान लीजिए.

अफगानिस्तान, इराक, लेबनान, फिलिस्तीन, फिलिपींस, रोमानिया, सर्बिया, सिंगापुर, थाईलैंड और तुर्की जैसे देशों में अगर कोई रेपिस्ट पीड़ित से माफी मांग लेता सज़ा से बच सकता है. पीड़िता के माफ करते ही वो अपराधी बिना किसी सजा या अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा खोए आराम से अपना जीवन जीने के लिए स्वतंत्र हो जाता है.

रेप की सजा

ये कोई अकेला उदाहरण नहीं है. ऐसे और भी कई देश हैं जहां के कानून अपराधियों को आसान रास्ता देते हैं. बेल्जियम, क्रोएशिया, इराक, जॉर्डन, कजाकिस्तान, लेबनान, फिलिस्तीन, नाइजीरिया, रोमानिया, रूस, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों में रेपिस्ट अपने लिए माफी खरीद सकते हैं! बस अभियुक्त को पीड़िता के परिवार से आर्थिक या कोई सेटलमेंट करना होगा. सेटलमेंट के बाद वो कानून की सजा से बच जाता है. तो अपराधी आर्थिक रूप जितना ज्यादा मजबूत होगा उतना ही ज्यादा वो सजा से बच जाएगा.

अगर ये कानून आपके गले नहीं उतर रहा तो ये जान लें कि कुछ ऐसे भी देश हैं जहां यौन हिंसा के अपराधियों को अपने पीड़ितों से शादी कराने का प्रावधान है. बहरीन, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, फिलिस्तीन, ताजिकिस्तान और ट्यूनीशिया ये कुछ ऐसे देश हैं जहां पर रेपिस्ट पीड़िता से शादी करके सजा से बच जाता है!

कितनी महान दुनिया में हम रह रहे हैं, नहीं?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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