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ऐसी स्कूल यूनिफॉर्म डिजाइन करने से पहले कुछ तो सोचा होता !

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 07 जून, 2017 02:25 PM
  • 07 जून, 2017 02:25 PM
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केरल के एक स्कूल की तीन छात्राओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. लड़कियों की यूनिफॉर्म की वजह से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. इस यूनिफॉर्म को 'वल्गर' कहा जा रहा है.

स्कूल यूनिफॉर्म्स को लेकर अक्सर स्कूलों का रवैया काफी सख्त रहता है. खासकर लड़कियों की यूनिफॉर्म कैसी हो, इसपर हमेशा से बहस होती आई है. होनी भी चाहिए आखिर ये स्कूल की गरिमा का भी सवाल होता है. लेकिन स्कूल हमेशा ही सही हों, इस बात को गलत साबित कर रही है एक स्कूल यूनिफॉर्म.

केरल के सेंट अल्फोन्सा पब्लिक स्कूल की तीन छात्राओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. लड़कियों की यूनिफॉर्म की वजह से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. इस यूनिफॉर्म को फेसबुक पर 'वल्गर' कहा गया है. खासकर पुरुषों की तरफ से इसके खिलाफ ज्यादा शिकायतें आईं.

अब ये कोई स्कर्ट नहीं जिसकी लंबाई की वजह से इसे अशिष्ट कहा गया. और न ही भड़काऊ है जिसे वल्गर कहा जाए, बच्चियों ने सामान्य सा सूट पहना है, नीचे पैजामी भी है. लेकिन कुर्ते पर जो हाफ जैकेट पहनी है उसकी आकृति जैकेट नहीं बल्कि चोली की तरह दिखाई दे रही है.

देखिए और तय कीजिए क्या आपको भी इस यूनिफॉर्म में कुछ वल्गर दिखाई देता है?

सोशल मीडिया पर इसे फिल्मी आउटफिट कहा गया तो किसी ने इसे ब्रा भी कह डाला. किसी का कहना था कि ये वल्गर नहीं बल्कि इसे बेवकूफी से बनाया गया है, जिसकी वजह से बच्चियां इसे पहनने में असहज महसूस करती होंगी. लोगों को इसी से ऐतराज था.

बच्चियों को भले ही इस बात का आभास न हो, लेकिन इस हाफ जैकेट की आकृति की वजह से लोगों की नजरें आनयास ही उस...

स्कूल यूनिफॉर्म्स को लेकर अक्सर स्कूलों का रवैया काफी सख्त रहता है. खासकर लड़कियों की यूनिफॉर्म कैसी हो, इसपर हमेशा से बहस होती आई है. होनी भी चाहिए आखिर ये स्कूल की गरिमा का भी सवाल होता है. लेकिन स्कूल हमेशा ही सही हों, इस बात को गलत साबित कर रही है एक स्कूल यूनिफॉर्म.

केरल के सेंट अल्फोन्सा पब्लिक स्कूल की तीन छात्राओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. लड़कियों की यूनिफॉर्म की वजह से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. इस यूनिफॉर्म को फेसबुक पर 'वल्गर' कहा गया है. खासकर पुरुषों की तरफ से इसके खिलाफ ज्यादा शिकायतें आईं.

अब ये कोई स्कर्ट नहीं जिसकी लंबाई की वजह से इसे अशिष्ट कहा गया. और न ही भड़काऊ है जिसे वल्गर कहा जाए, बच्चियों ने सामान्य सा सूट पहना है, नीचे पैजामी भी है. लेकिन कुर्ते पर जो हाफ जैकेट पहनी है उसकी आकृति जैकेट नहीं बल्कि चोली की तरह दिखाई दे रही है.

देखिए और तय कीजिए क्या आपको भी इस यूनिफॉर्म में कुछ वल्गर दिखाई देता है?

सोशल मीडिया पर इसे फिल्मी आउटफिट कहा गया तो किसी ने इसे ब्रा भी कह डाला. किसी का कहना था कि ये वल्गर नहीं बल्कि इसे बेवकूफी से बनाया गया है, जिसकी वजह से बच्चियां इसे पहनने में असहज महसूस करती होंगी. लोगों को इसी से ऐतराज था.

बच्चियों को भले ही इस बात का आभास न हो, लेकिन इस हाफ जैकेट की आकृति की वजह से लोगों की नजरें आनयास ही उस तरफ जाती होंगी जहां नहीं जाना चाहिए.

हालांकि स्कूल का कहना है कि 'असल में यूनिफॉर्म ऐसी है ही नहीं जैसी तस्वीर में दिखाई दे रही है, इस तस्वीर को फोटोशॉप किया गया है. ये स्कूल को बदनाम करने की साजिश है.' कुछ पेरेंट्स ने स्कूल का साथ देते हुए यूनिफॉर्म की असल तस्वीरें भी शेयर कीं. लेकिन तब तक बात काफी आगे बढ़ गई थी. अब पेरेंट्स स्कूल पर यूनिफॉर्म बदलने का दबाव डाल रहे हैं.

स्कूल का कहना है कि असल में ऐसी दिखाई देती है यूनिफॉर्म

हालांकि तस्वीर को सोशल मीडिया पर डालने वाले शख्स के खिलाफ भी लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है, कि बिना किसी की इजाज़त के तस्वीर लेना और उसे पोस्ट करना अपराध है. (वो बात और है कि पोस्ट करने वाले शख्स ने बच्चियों की शक्ल को ब्लर कर दिया था).

देखा जाए तो स्कूल ने जाहिर तौर पर हाफ जैकेट बच्चियों को ध्यान में रखकर ही बनाया होगा और उनका मकसद यूनिफॉर्म को सेक्सुइलाइज़ करना जरा भी नहीं रहा होगा. लेकिन अगर स्कूल की बच्चियों पर ये यूनिफॉर्म अजीब लग रही है तो इसके लिए स्कूल को ही जिम्मेदार माना जाएगा. आखिर जो बाहर वाले लोगों को दिखाई दे रहा है और आपत्तिजनक लग रहा है, वो स्कूल को क्यों नहीं लगा. अगर किसी छात्रा की स्कर्ट की लंबाई थोड़ी सी भी कम रह जाए, तो स्कूल आपत्ति जताता है, यहां तो पूरी की पूरी ड्रेस ही 'वल्गर' नजर आ रही है, तो स्कूल जिम्मेदार क्यों नहीं.

इस बात से स्कूल की बदनामी जो हुई सो हुई लेकिन हां बाकी स्कूलों को ये शिक्षा जरूर मिल गई होगी कि उन्हें अपने बच्चों के लिए किस तरह की यूनिफॉर्म डिजाइन करवानी चाहिए, साथ ही बच्चों के पेरेंट्स को भी तो अपनी आपत्ति दर्ज करवानी चाहिए थी, सोशल मीडिया पर ट्रोल हो जाने के बाद ही लोगों नींद से क्यों जागते हैं?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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