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जेवर जैसे खूंखार हाइवे पर सकुशल चलने के नुस्खे

    • तनसीम हैदर
    • Updated: 27 मई, 2017 03:09 PM
  • 27 मई, 2017 03:09 PM
offline
इन खतरनाक हाइवे पर सिर्फ एक्सल गैंग ही नहीं बल्कि पंचर गैंग, बावरिया गैंग भी सक्रिय हैं जो लूटपाट के साथ कत्ल की वारदातों को भी अंजाम देते हैं.

जेवर बुलंदशहर रोड पर आधी रात को हुई लूटपाट की वारदात में बेशक पुलिस पीछा करने के बावजूद बदमाशों को ना पकड़ पाई हो, लेकिन अब यही पुलिस शक जता रही है कि इस वारदात के पीछे दिल्ली और पश्चिमी यूपी में सक्रिय कुख्यात एक्सेल गैंग का हाथ हो सकता है.

जेवर बुलंदशहर रोड पर हुई लूटपाट

जी हां, वो एक्सेल गैंग जो चलती गाड़ियों के एक्सेल को निशाना बनाता है, ताकि गाड़ी चलने की हालत में ना रहें और लुटेरे गाड़ी में सवार तमाम लोगों को आसानी से लूट सकें. जेवर कांड में लूट की वारदात में भी बदमाशों ने कुछ इसी तरीके से काम लिया था.

असल में इस तरह के ज्यादातर गैंग के कुछ अपने तौर-तरीके होते हैं. मसलन-

- ये गैंग अक्सर गाड़ियों के टायर और एक्सेल को निशाना बनाते हैं.

- ये लोहे या किसी धातु से गाड़ी पर वार करते हैं जिससे तेज आवाज होती है.

- ज्यादातर शिकार तो गाड़ी में आवाज होते ही रुक जाते हैं, जबकि कुछ शिकारों को टायरों के पंक्चर होने के बाद रुकना पड़ता है.

- ये अक्सर रात के वक्त सुनसान जगहों पर घात लगाकर हमला करते हैं.

- लूटपाट के दौरान ये कीमती चीजें तो लूटते ही हैं अपने शिकार को पीटते भी हैं.

- बहुत से मामलों में तो ये बदमाश महिलाओं की आबरू पर भी हाथ डालते हैं.

- कम से कम छह लोगों का गैंग तमंचा, चाकू और सरिया जैसे हथियारों से लैस होता है.

इत्तेफाक से जेवर इलाके में भी लूटपाट की जो वारदात हुई, उसमें बदमाशों की मॉडस ऑपरेंडी बिल्कुल इससे मिलती जुलती थी. वारदात का शिकार बने लोगों की मानें तो उन्हें बदमाशों ने न सिर्फ बुरी तरह पीटा बल्कि उन्हें खेतों में औंधे मुंह लिटाकर उनके मोबाइल फोन भी छीनकर ले गए. और महिलाओं को दूसरी तरफ ले जाकर उनके साथ ज़्यादती की.

जेवर बुलंदशहर रोड पर आधी रात को हुई लूटपाट की वारदात में बेशक पुलिस पीछा करने के बावजूद बदमाशों को ना पकड़ पाई हो, लेकिन अब यही पुलिस शक जता रही है कि इस वारदात के पीछे दिल्ली और पश्चिमी यूपी में सक्रिय कुख्यात एक्सेल गैंग का हाथ हो सकता है.

जेवर बुलंदशहर रोड पर हुई लूटपाट

जी हां, वो एक्सेल गैंग जो चलती गाड़ियों के एक्सेल को निशाना बनाता है, ताकि गाड़ी चलने की हालत में ना रहें और लुटेरे गाड़ी में सवार तमाम लोगों को आसानी से लूट सकें. जेवर कांड में लूट की वारदात में भी बदमाशों ने कुछ इसी तरीके से काम लिया था.

असल में इस तरह के ज्यादातर गैंग के कुछ अपने तौर-तरीके होते हैं. मसलन-

- ये गैंग अक्सर गाड़ियों के टायर और एक्सेल को निशाना बनाते हैं.

- ये लोहे या किसी धातु से गाड़ी पर वार करते हैं जिससे तेज आवाज होती है.

- ज्यादातर शिकार तो गाड़ी में आवाज होते ही रुक जाते हैं, जबकि कुछ शिकारों को टायरों के पंक्चर होने के बाद रुकना पड़ता है.

- ये अक्सर रात के वक्त सुनसान जगहों पर घात लगाकर हमला करते हैं.

- लूटपाट के दौरान ये कीमती चीजें तो लूटते ही हैं अपने शिकार को पीटते भी हैं.

- बहुत से मामलों में तो ये बदमाश महिलाओं की आबरू पर भी हाथ डालते हैं.

- कम से कम छह लोगों का गैंग तमंचा, चाकू और सरिया जैसे हथियारों से लैस होता है.

इत्तेफाक से जेवर इलाके में भी लूटपाट की जो वारदात हुई, उसमें बदमाशों की मॉडस ऑपरेंडी बिल्कुल इससे मिलती जुलती थी. वारदात का शिकार बने लोगों की मानें तो उन्हें बदमाशों ने न सिर्फ बुरी तरह पीटा बल्कि उन्हें खेतों में औंधे मुंह लिटाकर उनके मोबाइल फोन भी छीनकर ले गए. और महिलाओं को दूसरी तरफ ले जाकर उनके साथ ज़्यादती की.

पुलिस की मानें तो इस एक्सेल गैंग के ज्यादातर बदमाश राजस्थान, आगरा और आस-पास के इलाकों के रहनेवाले हैं. और अब पश्चिमी यूपी में भी कुछ ऐसे गैंग सक्रिय हो गए हैं. एक्सेल गैंग के तरीकों को देखते हुए ही पुलिस अक्सर लोगों को हाइवे पर ऐसे किसी हमले या आवाज होने पर नहीं रुकने की सलाह देती है. इस गाड़ी पर भी जब हमला हुआ तो ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी. लेकिन जब एक साथ दो टायर बैठ गए, तो फिर उसे गाड़ी रोकनी ही पड़ी.

पिछले साल जुलाई के महीने में बुलंदशहर में मां बेटी से हुए गैंगरेप और 26 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर 20 लाख की लूट के बाद यूपी पुलिस ने हाइवे पर पम्फलेट बांट कर लोगों को ऐक्सेल गैंग के बारे में सावधान किया था. पुलिस ने इस गैंग के काम करने के तरीके के बारे में भी लोगों को बताया था, लेकिन अब फिर से ये वारदात हो गई.

हैरानी की बात ये है कि इन खतरनाक हाइवे पर सिर्फ एक्सल गैंग ही नहीं बल्कि पंचर गैंग भी सक्रिय हैं, जो सड़क पर ढेरों कीलें फैला देते हैं जिनके चलते वाहन पंचर हो जाते ही सवारियों के साथ लूटपाट की जाती है. हाल ही की वारदातों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इन हाइवे पर बावरिया गैंग भी सक्रिय हैं जो लूटपाट के साथ कत्ल की वारदातों को भी अंजाम देते हैं.

अगर आप अकेले या परिवार के साथ इन खतरनाक रास्तों पर सफर कर रहे हैं तो ये सावधानी बरतें-

- कोशिश करें कि रात के सफर से बचें.

- अगर सफर बहुत जरुरी हो तो रात के तीसरे पहर में यानि भोर में सफर शुरु करें.

- तय करें कि कार का इंजन और स्टेपनी दुरुस्त हों.

- रास्ते में कार के नीचे से किसी भी तरह की तेज आवाज आने पर फौरन कार न रोकें, सुरक्षित इलाके में जाकर ही कार की जांच करें.

- रास्ते में किसी भी सुनसान जगह गाड़ी ना रोकें.

- हाइवेवे के हेल्पलाइन नंबर और डायल 100 नंबर अपने मोबाइल में सुरक्षित रखें.

- किसी अनजान शख्स को रास्ते में लिॆफ्ट न दें.

- कार में पेट्रोल डीजल की मात्रा जांच लें क्योकि इन रास्तों पर कई किलोमीटर तक पेट्रोल पंप भी नहीं होते हैं.

- किसी घायल व्यक्ति को देखकर फौरन कार ना रोकें सुरक्षित जगह जाकर पुलिस को सूचना दें.

ये भी पढ़ें -

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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