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अब जान ही लो कि सोनम गुप्ता बेवफा क्यों बनी?

    • अबयज़ खान
    • Updated: 18 नवम्बर, 2016 12:26 PM
  • 18 नवम्बर, 2016 12:26 PM
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आज हर तरफ ये चर्चा है कि सोनम गुप्ता बेवफा है, लेकिन ये किसी को नहीं पता कि सोनम आखिर बेवफ़ा क्यों हुई? जानिए इसके पीछे की कहानी क्या है.

क्या सोनम गुप्ता सच में बेवफ़ा है? देश में नोट पर चर्चा के बाद आजकल ये सवाल अब हर हिंदुस्तानी की जुबान पर है. फेसबुक से लेकर ट्विटर तक और तमाम दूसरी सोशल साइट्स के पेज सोनम गुप्ता की वफ़ा और बेवफ़ाई से पटे पड़े हैं. नोट के लिए कतार में खड़े लोग हों या टीवी सीरियल से साजिशें सीखने वाली सास-बहुएं भी मोहल्ले भर की औरतों से पूछ रही हैं, कि क्या सच में सोनम बेवफ़ा है. नोटों की उलझन में फंसे बैंक कर्मचारी हों या दफ्तर में बैठे छोटे और बड़े बाबू सबकी चिंता यही है कि आखिर सोनम बेवफ़ा क्यों है?

10 के पुराने नोट से लेकर 2000 के नए नोट तक सोनम हर बार बेवफ़ा साबित की जा रही है. हिंदुस्तान से लेकर न्यूज़ीलैंड तक और अमेरिका से लेकर यूरोप तक. हर नोट पे बस एक ही नाम, सोनम गुप्ता बेवफ़ा है. लेकिन ये किसी को नहीं पता कि सोनम आखिर बेवफ़ा क्यों हुई?

सोनम गुप्ता बेवफा है !

इसके पीछे एक लंबी कहानी है. गर्ल्स कॉलेज में पड़ने वाली सोनम ने जब जवानी की दहलीज़ पर कदम रखा तो चौदहवीं का चांद भी उसकी खूबसूरती के सामने ठहरता नहीं था. सोनम जब मोहल्ले से गुजरती थी तो गली के लड़के एक झलक की खातिर पलकें बिछाये रहते थे. सोनम छत पर पहुंच जाये तो सारा मोहल्ला पतंगों के बहाने से छतों की मुंढेरों पर चढ़ जाता था. सोनम जरा सा मुस्कुरा दे तो जमाने भर के लौंडे बेहोश हो जाते थे.

वक़्त के साथ सोनम का रूप रंग निखरता जा रहा था. उसके घर में चिट्ठियों के बण्डल जमा होने लगे थे. गुप्ता जी के घर की इकलौती बिटिया का खर्च सारा जमाना उठाने को तैयार था. इधर सोनम की दीवानगी बढ़ रही थी, उधर उसके नखरे भी बढ़ने लगे थे. गुप्ता जी की बिटिया मोहल्ले भर की आंखों का नूर हो गयी थी. दादी के...

क्या सोनम गुप्ता सच में बेवफ़ा है? देश में नोट पर चर्चा के बाद आजकल ये सवाल अब हर हिंदुस्तानी की जुबान पर है. फेसबुक से लेकर ट्विटर तक और तमाम दूसरी सोशल साइट्स के पेज सोनम गुप्ता की वफ़ा और बेवफ़ाई से पटे पड़े हैं. नोट के लिए कतार में खड़े लोग हों या टीवी सीरियल से साजिशें सीखने वाली सास-बहुएं भी मोहल्ले भर की औरतों से पूछ रही हैं, कि क्या सच में सोनम बेवफ़ा है. नोटों की उलझन में फंसे बैंक कर्मचारी हों या दफ्तर में बैठे छोटे और बड़े बाबू सबकी चिंता यही है कि आखिर सोनम बेवफ़ा क्यों है?

10 के पुराने नोट से लेकर 2000 के नए नोट तक सोनम हर बार बेवफ़ा साबित की जा रही है. हिंदुस्तान से लेकर न्यूज़ीलैंड तक और अमेरिका से लेकर यूरोप तक. हर नोट पे बस एक ही नाम, सोनम गुप्ता बेवफ़ा है. लेकिन ये किसी को नहीं पता कि सोनम आखिर बेवफ़ा क्यों हुई?

सोनम गुप्ता बेवफा है !

इसके पीछे एक लंबी कहानी है. गर्ल्स कॉलेज में पड़ने वाली सोनम ने जब जवानी की दहलीज़ पर कदम रखा तो चौदहवीं का चांद भी उसकी खूबसूरती के सामने ठहरता नहीं था. सोनम जब मोहल्ले से गुजरती थी तो गली के लड़के एक झलक की खातिर पलकें बिछाये रहते थे. सोनम छत पर पहुंच जाये तो सारा मोहल्ला पतंगों के बहाने से छतों की मुंढेरों पर चढ़ जाता था. सोनम जरा सा मुस्कुरा दे तो जमाने भर के लौंडे बेहोश हो जाते थे.

वक़्त के साथ सोनम का रूप रंग निखरता जा रहा था. उसके घर में चिट्ठियों के बण्डल जमा होने लगे थे. गुप्ता जी के घर की इकलौती बिटिया का खर्च सारा जमाना उठाने को तैयार था. इधर सोनम की दीवानगी बढ़ रही थी, उधर उसके नखरे भी बढ़ने लगे थे. गुप्ता जी की बिटिया मोहल्ले भर की आंखों का नूर हो गयी थी. दादी के जिगर का टुकड़ा जवान लौंडों के दिल की धड़कन बन चुकी थी.

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15 साल के छोरे से लेकर 56 साल के अंकल तक उसके इश्क़ में दीवाने थे. सोनम पर लाखों दिल कुर्बान थे, लेकिन सोनम की मजबूरी तो ये थी कि वो किसी एक को ही पसंद कर सकती थी. रोज़ रोज़ की चिट्ठियां तो सोनम सबकी पढ़ती भी नहीं थी. छत पर टहलते वक़्त सोनम की निगाहें एक लड़के पर रहती थीं. अपनी खिड़की से छुप-छुप कर उसका सोनम की तरफ देखना, सोनम को बहुत पसंद था. कनखियों से सोनम को देखने की उसकी अदा पर सोनम मर मिटी.

सोनम से नजरें चार हुईं तो उस लड़के की हिम्मत बढ़ने लगी. डरपोंक से दिखने वाला इनकम टैक्स अफसर शर्मा जी के छोरे ने एक दिन 10 के नोट पे सोनम आई लव यू लिखकर सोनम की तरफ फेंक दिया. सोनम ने नोट उठाकर देखा, तो पहले तो शर्मा जी के लड़के को घूरकर देखा लेकिन फिर एक हंसी मुस्कान के साथ नोट जेब में रख लिया. बस इसी के साथ इश्क का नमक मुहब्बत की चाशनी में ऐसा लिपटा कि सोनम शर्मा जी के लड़के की जान बन गयी.

अब सोनम को शर्मा जी का लड़का हर रोज एक नोट पे आई लव यू लिखकर भेजने लगा. इस तरह सोनम की गुल्लक भी भरने लगी और इश्क भी हर रोज परवान चढ़ने लगा. अभी इश्क के मदरसे में दोनों नए नए तालिब थे. नयी जिन्दगी के नए सपने देख रहे थे. लेकिन इश्क और मुश्क कभी छुपता कहां है. एक दिन मास्साब ने दोनों को गुटरगूं करते पकड़ लिया और घर पे शिकायत पहुंच गयी. उस शाम दोनों की बहुत कुटाई हुई. लेकिन इश्क का भूत उतरा नहीं. तैश में आकर गुप्ता जी उस दिन शर्मा जी को भी औकात में रहने की नसीहत दे आये थे. बड़े अफसर ठहरे शर्मा जी अपमान का कड़वा घूंट पीकर रह गए थे.

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सोनम और शर्मा जी का लड़का बगावत पे उतारू हो गए. घर से भागने और जीने मरने के प्लान बनाने लगे. कोशिश थी किसी कीमत पर सात फेरे लेने की. अभी मामला प्लानिंग में था. लेकिन उनकी ज़िन्दगी में एक ऐसी तारीख आई जिसने सोनम को बेवफा बना दिया. वो तारीख थी 8 नवंबर 2016. टीवी पे देश के प्रधानमंत्री ने ऐलान कर दिया कि आज से 500 और हजार के नोट बंद. सरकर ने काले धन वालों पे शिकंजा कसना शरू कर दिया. इनकम टैक्स की छापेमारी शुरू हो गयी और पहला शिकार गुप्ता जी बन गए. आज मौका शर्मा जी का था और आज उन्होंने गुप्ता जी से पुराना हिसाब चुकता कर लिया. बस यहीं से सोनम और शर्मा जी के लड़के में दूरियां पैदा हो गयीं और वो कम्बख्त अब नोटों पे लिखने लगा है कि सोनम गुप्ता बेवफ़ा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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