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पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड से हटाने पर ऐसा 'जश्न' !

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 अगस्त, 2017 02:50 PM
  • 12 अगस्त, 2017 02:50 PM
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सेंसर बोर्ड के चेयरमैन रहे पहलाज निहलानी को हटाए जाने के बाद आम लोग बहुत खुश हैं, और ये मानते हैं कि अब बिना किसी काट छांट के और बिना किसी रोक टोक के वो अपनी मर्जी से पूरी फिल्म देख पाएंगे. लोगों का मानना है कि इस फैसले का स्वागत होना चाहिए

आपको यदि हिन्दी फिल्मों का शौक है तो अवश्य ही आप पहलाज निहलानी के नाम से वाकिफ होंगे. हां वही पहलाज निहलानी जिन्हें आज बन रही फिल्मों को देखकर लाज आ जाती थी और फिल्मों का इलाज करते हुए वो अपनी कैंची से अच्छी भली फिल्मों की सर्जरी कर उनको बीमार बहुत बीमार कर देते थे.

आज जो खबर आ रही है वो उन सिने प्रेमियों के लिए एक बड़ी राहत है जिन्हें सिनेमा के सीनों पर चली कैंची की धार बर्दाश्त नहीं थी. ऐसे लोग मानते थे कि जिस तरह आज फिल्मों पर सेंसर बोर्ड का रुख है वो न सिर्फ फिल्मों के लिए घातक है बल्कि इससे हम भारतीय सम्पूर्ण विश्व के सामने 'छोटी और सीमित सोच वाले व्यक्ति' के तौर पर देखे जा रहे हैं.

सेंसर बोर्ड से पहलाज के हटने की खबर से सभी खुश हैं

खबर है कि सेंसर बोर्ड के चेयरमैन रहे पहलाज निहलानी अपने पद से हटाए जा चुके हैं. उनकी जगह मशहूर गीतकार और ऐड गुरु प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का नया चेयरमैन बनने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है.गौरतलब है कि सम्पूर्ण फिल्म जगत में अपनी 'कट्टर संस्कारी छवि' की बदौलत काफी लम्बे समय से पहलाज न सिर्फ निर्माता निर्देशकों की बल्कि आम लोगों की भी आलोचना झेल रहे थे. पहलाज के तुगलकी रवैये को देखकर एक साधारण सिने प्रेमी ये मान चुका था कि शायद अब उसे उन अजीब ओ गरीब फैसलों को स्वीकार कर लेना चाहिए जिसे पहलाज द्वारा उन पर थोपा जा रहा था.

बहरहाल ये खबर न सिर्फ सक्रिय मीडिया में टॉप पर है बल्कि पहलाज निहलानी ट्विटर और फेसबुक पर भी टॉप ट्रेंड में हैं. सेंसर बोर्ड से पहलाज के हटाए जाने के बाद सम्पूर्ण सोशल मीडिया जगत में आम सिने प्रेमियों के बीच खुशी की लहर है और वो अपने अलग अंदाज में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. तो अब देर किस बात की आइये रुख करें फेसबुक का और देखें कि आम लोगों की इस...

आपको यदि हिन्दी फिल्मों का शौक है तो अवश्य ही आप पहलाज निहलानी के नाम से वाकिफ होंगे. हां वही पहलाज निहलानी जिन्हें आज बन रही फिल्मों को देखकर लाज आ जाती थी और फिल्मों का इलाज करते हुए वो अपनी कैंची से अच्छी भली फिल्मों की सर्जरी कर उनको बीमार बहुत बीमार कर देते थे.

आज जो खबर आ रही है वो उन सिने प्रेमियों के लिए एक बड़ी राहत है जिन्हें सिनेमा के सीनों पर चली कैंची की धार बर्दाश्त नहीं थी. ऐसे लोग मानते थे कि जिस तरह आज फिल्मों पर सेंसर बोर्ड का रुख है वो न सिर्फ फिल्मों के लिए घातक है बल्कि इससे हम भारतीय सम्पूर्ण विश्व के सामने 'छोटी और सीमित सोच वाले व्यक्ति' के तौर पर देखे जा रहे हैं.

सेंसर बोर्ड से पहलाज के हटने की खबर से सभी खुश हैं

खबर है कि सेंसर बोर्ड के चेयरमैन रहे पहलाज निहलानी अपने पद से हटाए जा चुके हैं. उनकी जगह मशहूर गीतकार और ऐड गुरु प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का नया चेयरमैन बनने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है.गौरतलब है कि सम्पूर्ण फिल्म जगत में अपनी 'कट्टर संस्कारी छवि' की बदौलत काफी लम्बे समय से पहलाज न सिर्फ निर्माता निर्देशकों की बल्कि आम लोगों की भी आलोचना झेल रहे थे. पहलाज के तुगलकी रवैये को देखकर एक साधारण सिने प्रेमी ये मान चुका था कि शायद अब उसे उन अजीब ओ गरीब फैसलों को स्वीकार कर लेना चाहिए जिसे पहलाज द्वारा उन पर थोपा जा रहा था.

बहरहाल ये खबर न सिर्फ सक्रिय मीडिया में टॉप पर है बल्कि पहलाज निहलानी ट्विटर और फेसबुक पर भी टॉप ट्रेंड में हैं. सेंसर बोर्ड से पहलाज के हटाए जाने के बाद सम्पूर्ण सोशल मीडिया जगत में आम सिने प्रेमियों के बीच खुशी की लहर है और वो अपने अलग अंदाज में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. तो अब देर किस बात की आइये रुख करें फेसबुक का और देखें कि आम लोगों की इस मुद्दे पर क्या राय है. लोगों ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी तक को धन्यवाद कह दिया फेसबुक यूजर अभिनव पंचोली इस फैसले को भारत की असल स्वतंत्रता मानते हैं और इसके लिए इन्होंने अपने खास अंदाज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का धन्यवाद दिया है.

लोगों का मत है कि अब सरकार गजेन्द्र चौहान को हटाए इस मुद्दे पर फेसबुक यूजर शिरीष यात्री का मत है कि अब वो बिना किसी कट और बिना किसी रोक टोक के कैसी भी फिल्म देख सकते हैं. अपने पोस्ट में आगे लिखते हुए शिरीष कहते हैं कि पहलाज के बाद अगला नंबर एफटीआई निदेशक गजेन्द्र चौहान का है.

अब लोग खुल के देख सकेंगे अपनी पसंद का सिनेमा पहलाज को सेंसर बोर्ड से हटाए जाने पर हेमंत बहुत खुश हैं. उनका मानना है कि कुल मिलाकर ये फैसला भारतीय सिनेमा के हित में है और अब आने वाले समय में हम सिनेमा के मुद्दे पर तो कम से कम बेतुके बयान न सुनेंगे.

पूरे सोशल मीडिया पर जिस तरह पहलाज को लेकर लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं उससे एक बात तो साफ है कि लोगों को ये बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि पहलाज इस तरह उन पर अपने 'संस्कार' जबरन लादें और उन्हें वो दिखाएं जो उनकी नजर में संस्कारी हो.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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