• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

यूपी में जेपी और वीपी के नाम पर बन रही है नई पार्टी

    • आईचौक
    • Updated: 08 अप्रिल, 2016 07:42 PM
  • 08 अप्रिल, 2016 07:42 PM
offline
जेडीयू में अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल का विलय तो हो ही जाएगा इसमें यूपी की कई छोटी पार्टियों सहित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी भी शामिल होने जा रही है.

ममता बनर्जी भले ही मुलायम सिंह का यू-टर्न भूला दें, नीतीश कुमार लगता है अब तक खार खाए बैठे हैं. राजनीति में भी कुश्ती के दांव आजमाने के शौकीन मुलायम सिंह को नीतीश उन्हीं की स्टाइल में शिकस्त देने की तैयारी कर रहे हैं - और इन सबके पीछे जो दिमाग काम कर रहा है वो प्रशांत किशोर का.

मुलायम के खिलाफ मोर्चेबंदी

बिहार में महागठबंधन से अलग होकर मुलायम ने न सिर्फ नीतीश को गच्चा दिया बल्कि अपने इस कदम के लिए नीतीश को ही जिम्मेदार भी बताया था. यहां तक तो चल भी जाता मुलायम ने तो लोगों से नीतीश को हराने तक की अपील कर डाली थी.

यूपी में बिहार दोहराने की रणनीति

यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन नीतीश ने काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है - और इसमें कदम कदम पर उन्हें मदद कर रहे हैं उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर. घोषित तौर पर प्रशांत कांग्रेस के लिए स्ट्रैटेजी बना रहे हैं - लेकिन नीतीश की तैयारियों में भी उनकी खासियत की झलक दूर से ही दिखाई दे रही है.

इसे भी पढ़े: मुलायम पीछे हटे, अखिलेश के हिसाब से चलेगी समाजवादी पार्टी

चर्चा तो यूपी में भी बिहार जैसे महागठबंधन की है, पर उससे कहीं आगे बढ़कर एक नई पार्टी का संभावित गठन है.

कांग्रेस को सीधा फायदा

यूपी में फिलहाल मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी की सरकार है - और मायावती फिर से बीएसपी को सत्ता में लाने की जी तोड़ कोशिश...

ममता बनर्जी भले ही मुलायम सिंह का यू-टर्न भूला दें, नीतीश कुमार लगता है अब तक खार खाए बैठे हैं. राजनीति में भी कुश्ती के दांव आजमाने के शौकीन मुलायम सिंह को नीतीश उन्हीं की स्टाइल में शिकस्त देने की तैयारी कर रहे हैं - और इन सबके पीछे जो दिमाग काम कर रहा है वो प्रशांत किशोर का.

मुलायम के खिलाफ मोर्चेबंदी

बिहार में महागठबंधन से अलग होकर मुलायम ने न सिर्फ नीतीश को गच्चा दिया बल्कि अपने इस कदम के लिए नीतीश को ही जिम्मेदार भी बताया था. यहां तक तो चल भी जाता मुलायम ने तो लोगों से नीतीश को हराने तक की अपील कर डाली थी.

यूपी में बिहार दोहराने की रणनीति

यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन नीतीश ने काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है - और इसमें कदम कदम पर उन्हें मदद कर रहे हैं उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर. घोषित तौर पर प्रशांत कांग्रेस के लिए स्ट्रैटेजी बना रहे हैं - लेकिन नीतीश की तैयारियों में भी उनकी खासियत की झलक दूर से ही दिखाई दे रही है.

इसे भी पढ़े: मुलायम पीछे हटे, अखिलेश के हिसाब से चलेगी समाजवादी पार्टी

चर्चा तो यूपी में भी बिहार जैसे महागठबंधन की है, पर उससे कहीं आगे बढ़कर एक नई पार्टी का संभावित गठन है.

कांग्रेस को सीधा फायदा

यूपी में फिलहाल मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी की सरकार है - और मायावती फिर से बीएसपी को सत्ता में लाने की जी तोड़ कोशिश कर रही हैं. ऐसे में नीतीश की रणनीति मुलायम और मायावती दोनों को एक साथ काउंटर करने की है. नीतीश की स्ट्रैटेजी से मुलायम, मायावती और बीजेपी के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी हो सकेगी तो कांग्रेस को सीधा फायदा मिलेगा.

सूत्रों के हवाले से पत्रिका डॉट कॉम पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 11 अप्रैल को नई पार्टी की घोषणा भी हो सकती है. इस नई पार्टी का जो संभावित नाम बताया गया है उसमें भी खास राजनीतिक वजह नजर आ रही है.

जन विकास पार्टी. रिपोर्ट के अनुसार संभावित पार्टी का यही नाम होगा. इसे संक्षेप में देखें तो 'जेवीपी' कहेंगे.

जी हां, 'जेवीपी' जिसमें 'जेपी' भी हैं और 'वीपी' का भी नाम शुमार है. मतलब ये कि चुनावों में लोगों को समझाया भी जा सकेगा कि जेपी यानी जयप्रकाश नारायण और वीपी यानी विश्वनाथ प्रताप सिंह के राजनीतिक विरासत की हकदार यही पार्टी है. इस तरह जेपी के नाम पर समाजवादियों को जुटाया जा सकेगा और वीपी यानी मंडल समर्थकों को एक छत के नीचे इकट्ठा किया जा सकेगा. साफ है, एक ही तीर से मुलायम और मायावती दोनों को टारगेट किया जा सकेगा.

इसे भी पढ़े: यूपी उपचुनावों में आरएलडी को जेडीयू का सपोर्ट क्या कहता है?

रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू में अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल का विलय तो हो ही जाएगा इसमें यूपी की कई छोटी पार्टियों सहित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी भी शामिल होने जा रही है. इसी क्रम में दिल्ली में एक मीटिंग बुलाई गई है जिसमें हरियाणा के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, गुजरात के हार्दिक पटेल और आंध्र प्रदेश के जगनमोहन रेड्डी को भी बुलाया गया है. जेवीपी की पहली मीटिंग 23 अप्रैल को मथुरा में हो सकती है.

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार नई पार्टी के बन जाने पर अजीत सिंह फिर से राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की कतार में खड़े हो जाएंगे. साथ ही, अजीत सिंह के बेटे पूर्व सांसद जयंत चौधरी को यूपी में पार्टी की कमान भी सौंपी जा सकती है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲