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खुला पत्र: महबूबा मुफ्ती जी, दिखाइए तो किस कश्मीरी का माथा शर्म से झुका हुआ है!

    • अभिरंजन कुमार
    • Updated: 11 जुलाई, 2017 02:41 PM
  • 11 जुलाई, 2017 02:41 PM
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मैंने तो कश्मीरियों का शर्म से झुका हुआ सिर आज तक नहीं देखा. पहले वहां से तीन लाख से अधिक पंडित मारे और खदेड़े गए, फिर भी लोग ऊंचे सिर के साथ कश्मीरियत का गौरव-गान करते रहे.

आदरणीय महबूबा मुफ्ती जी,

जब भी कश्मीर में कोई आतंकी हमला होता है, आपके मुताबिक हर बार कश्मीरियों का सिर शर्म से झुक जाता है, लेकिन हमने तो कश्मीरियों का शर्म से झुका हुआ सिर आज तक नहीं देखा. पहले वहां से तीन लाख से अधिक पंडित मारे और खदेड़े गए, फिर भी लोग ऊंचे सिर के साथ कश्मीरियत का गौरव-गान करते रहे.

आज भी वहां हर रोज़ आतंकी हमले होते हैं और कथित रूप से झुके हुए सिर वाले अनेक कश्मीरी आतंकवादियों का रक्षा कवच बनकर आर्मी और पुलिस पर पथराव करते हुए दिखाई देते हैं, पाकिस्तान के झंडे लहराते हैं. इसलिए आपको यह ढोंग छोड़कर मान लेना चाहिए कि आपके प्यारे कश्मीरी धीरे-धीरे आदमी से जानवर बनते जा रहे हैं और इसमें आप जैसे तमाम नेताओं का भी पूरा-पूरा योगदान है.

27 साल पहले वे आप ही के महान पिताजी थे, जिन्होंने भारत का गृहमंत्री रहते हुए आपकी बहन रूबिया सईद को अपहर्ताओं से छुड़ाने के लिए कुख्यात आतंकवादियों को छोड़ दिया था और हम भले इस बात की पुष्टि नहीं करना चाहते, लेकिन उन दिनों दबी जुबान में यहां तक चर्चा थी कि उस अपहरण कांड में आपके पिताजी की आतंकवादियों से मिलीभगत थी. सबको पता है कि उसी घटना के बाद कश्मीर में आतंकवादियों के हौसले बुलंद हुए थे और वहां आतंकवाद का एक नया अध्याय शुरू हुआ था. क्या उस घटना के लिए आपका और आपके पिताजी का सिर कभी शर्म से झुका?

अभी पिछले साल एक एनकाउंटर में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से आपके विपक्षी फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला साहब ने आतंकवादियों के समर्थन में जो रुख अपनाया, क्या उसके लिए उनका सिर कभी शर्म से झुका हुआ दिखाई दिया? दरअसल, आप दोनों राजनीतिक घरानों की कुटिलता ही यही है कि आप लोग जब सत्ता में होते हैं, तो आतंकवाद की घटनाओं पर शर्म ज़ाहिर करते हैं औऱ जब सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो आतंकवादियों...

आदरणीय महबूबा मुफ्ती जी,

जब भी कश्मीर में कोई आतंकी हमला होता है, आपके मुताबिक हर बार कश्मीरियों का सिर शर्म से झुक जाता है, लेकिन हमने तो कश्मीरियों का शर्म से झुका हुआ सिर आज तक नहीं देखा. पहले वहां से तीन लाख से अधिक पंडित मारे और खदेड़े गए, फिर भी लोग ऊंचे सिर के साथ कश्मीरियत का गौरव-गान करते रहे.

आज भी वहां हर रोज़ आतंकी हमले होते हैं और कथित रूप से झुके हुए सिर वाले अनेक कश्मीरी आतंकवादियों का रक्षा कवच बनकर आर्मी और पुलिस पर पथराव करते हुए दिखाई देते हैं, पाकिस्तान के झंडे लहराते हैं. इसलिए आपको यह ढोंग छोड़कर मान लेना चाहिए कि आपके प्यारे कश्मीरी धीरे-धीरे आदमी से जानवर बनते जा रहे हैं और इसमें आप जैसे तमाम नेताओं का भी पूरा-पूरा योगदान है.

27 साल पहले वे आप ही के महान पिताजी थे, जिन्होंने भारत का गृहमंत्री रहते हुए आपकी बहन रूबिया सईद को अपहर्ताओं से छुड़ाने के लिए कुख्यात आतंकवादियों को छोड़ दिया था और हम भले इस बात की पुष्टि नहीं करना चाहते, लेकिन उन दिनों दबी जुबान में यहां तक चर्चा थी कि उस अपहरण कांड में आपके पिताजी की आतंकवादियों से मिलीभगत थी. सबको पता है कि उसी घटना के बाद कश्मीर में आतंकवादियों के हौसले बुलंद हुए थे और वहां आतंकवाद का एक नया अध्याय शुरू हुआ था. क्या उस घटना के लिए आपका और आपके पिताजी का सिर कभी शर्म से झुका?

अभी पिछले साल एक एनकाउंटर में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से आपके विपक्षी फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला साहब ने आतंकवादियों के समर्थन में जो रुख अपनाया, क्या उसके लिए उनका सिर कभी शर्म से झुका हुआ दिखाई दिया? दरअसल, आप दोनों राजनीतिक घरानों की कुटिलता ही यही है कि आप लोग जब सत्ता में होते हैं, तो आतंकवाद की घटनाओं पर शर्म ज़ाहिर करते हैं औऱ जब सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो आतंकवादियों का समर्थन करने लगते हैं. क्या इस कुटिलता के लिए आप लोगों का सिर कभी शर्म से झुकता है?

बहुत अच्छा लगा था, जब पिछले साल रमज़ान के मौके पर दुनिया भर में आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहार के लिए इसी तरह से आपने उनकी निंदा की थी, लेकिन धीरे-धीरे पता चला कि यह सब आपकी राजनीतिक चाल थी! वरना घाटी में हालात बिगड़ते कैसे जा रहे हैं? वहां तो आप ही की सरकार है, आप ही का प्रशासन है, फिर आप इन घटनाओं पर लगाम क्यों नहीं लगा पातीं? ज़ाहिर है, आप बयानों से आगे की सख्ती नहीं दिखा सकतीं इसलिए आतंकवादियों के हौसले बुलंद रहते हैं.

अगर आम कश्मीरी लोग आतंकवादियों को सहयोग और संरक्षण न देते, तो हम मानते कि हिंसा की घटनाओं पर उनका सिर शर्म से झुक जाता है. लेकिन अभी तो हमें यह दिखाई देता है कि आतंकवादियों को समर्थन ही इन कथित रूप से झुके हुए सिर वाले कश्मीरियों से मिलता है और इन झुके हुए सिर वाले कश्मीरियों को समर्थन आप समेत पूरे भारत के मेरे प्यारे मुसलमान भाइयों-बहनों से मिलता है और इस प्रकार आतंकवाद के समर्थन और बचाव का चक्र पूरा हो जाता है.

अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला विचलित करने वाला है, लेकिन जब तक धर्म के नाम पर हिंसा और बेगुनाहों के कत्लेआम को लेकर दुनिया के आम मुसलमानों का सिर शर्म से नहीं झुकता, तब तक इन राजनीतिक बयानबाज़ियों का कोई मतलब नहीं. क्या आपको इस बात का अहसास है कि आज मुसलमान अपने ही भीतर के लोगों की वजह से पूरी दुनिया में बदनाम हो गए हैं और फिर भी ये हमेशा सारा ठीकरा दूसरों पर फोड़ते रहते हैं.

कोई मोदी, कोई ट्रम्प उनपर अत्याचार करने का कसूरवार नहीं, बल्कि मानवता के ऊपर उन लोगों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों की वजह से ही दुनिया में मोदी और ट्रम्प का प्रादुर्भाव होता है. यह एक कड़वी सच्चाई है, लेकिन इस सच्चाई पर किसी का सिर शर्म से झुका हुआ दिखाई दे रहा हो, तो बताएं कृपया. हम एक दिन भाईचारे की बात करते हैं और दूसरे दिन भाईचारे की धज्जियां उड़ा दी जाती हैं. इस पर किसी का माथा शर्म से झुका हुआ हो, तो दिखाएं कृपया!

शुक्रिया...

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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