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क्या भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त है?

    • अशोक उपाध्याय
    • Updated: 21 मई, 2017 06:46 PM
  • 21 मई, 2017 06:46 PM
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अमित शाह बार-बार कहते हैं कि भाजपा के तीन साल के कार्यकाल में पार्टी पर कोई आरोप नहीं लगा, लेकिन ये सच नहीं. पूरी लिस्ट सामने है...

मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार की अब तक की सफलता-असफलता पर सवाल-जवाब के लिए 'आजतक एडिटर्स राउंड टेबल' का आयोजन 21 मई को किया गया. इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत मोदी सरकार के कई मंत्रीयो ने हिस्सा लिया. मोदी सरकार की सफलताओं और उपलब्धियों की लम्बी चौड़ी फेहरिस्त अमित शाह ने जनता के सामने राखी. उन्होंने यह भी कहा की 'तीन वर्षों में हमारे विरोधी भी हम पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा पाए हैं'.

भाजपा पर तीन सालों में कई आरोप लगे हैं जिनपर चर्चा नहीं हुई!ऐसा नहीं है की अमित शाह ने यह बात पहली बार कही हो. वह यह वक्तव्य लगातार देते रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार कहा है कि उनकी सरकार के कार्यकाल में विरोधियों ने भी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया. मोदी सरकार यूपीए के 10 साल के शासन के बाद सत्ता में आई, जिस दौरान घोटालों का राज था. भ्रष्टाचार के मुद्दे ने मोदी को दिल्ली के तखत पर बैठाने में भरपूर मदद की. उस माहौल के ठीक विपरीत अगर अगर मोदी सरकार पर सचमुच में भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. लेकिन क्या यह वाकई में सच है? सुरजेवाला के आरोप

मई 16, 2017 को, यानी अमित शाह के इस वक्तव्य से ठीक पांच दिन पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमे इसके मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों के सामने वर्तमान सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की लम्बी लिस्ट पढ़ी. मध्य प्रदेश के व्यापम स्कैम, वसुंधरा राजे के ब्रिटिश एफिडेविट जिसमे उन्होंने भगोड़े ललित मोदी को बचाया, विदेश मंत्री ने भगोड़े ललित मोदी की मदद की, गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन स्कैम, सहारा-बिरला डायरी जिसमे नरेंद्र मोदी का भी नाम है की चर्चा की. उन्होंने सरकार पर...

मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर सरकार की अब तक की सफलता-असफलता पर सवाल-जवाब के लिए 'आजतक एडिटर्स राउंड टेबल' का आयोजन 21 मई को किया गया. इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत मोदी सरकार के कई मंत्रीयो ने हिस्सा लिया. मोदी सरकार की सफलताओं और उपलब्धियों की लम्बी चौड़ी फेहरिस्त अमित शाह ने जनता के सामने राखी. उन्होंने यह भी कहा की 'तीन वर्षों में हमारे विरोधी भी हम पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा पाए हैं'.

भाजपा पर तीन सालों में कई आरोप लगे हैं जिनपर चर्चा नहीं हुई!ऐसा नहीं है की अमित शाह ने यह बात पहली बार कही हो. वह यह वक्तव्य लगातार देते रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार कहा है कि उनकी सरकार के कार्यकाल में विरोधियों ने भी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाया. मोदी सरकार यूपीए के 10 साल के शासन के बाद सत्ता में आई, जिस दौरान घोटालों का राज था. भ्रष्टाचार के मुद्दे ने मोदी को दिल्ली के तखत पर बैठाने में भरपूर मदद की. उस माहौल के ठीक विपरीत अगर अगर मोदी सरकार पर सचमुच में भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. लेकिन क्या यह वाकई में सच है? सुरजेवाला के आरोप

मई 16, 2017 को, यानी अमित शाह के इस वक्तव्य से ठीक पांच दिन पहले मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमे इसके मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों के सामने वर्तमान सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार की लम्बी लिस्ट पढ़ी. मध्य प्रदेश के व्यापम स्कैम, वसुंधरा राजे के ब्रिटिश एफिडेविट जिसमे उन्होंने भगोड़े ललित मोदी को बचाया, विदेश मंत्री ने भगोड़े ललित मोदी की मदद की, गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन स्कैम, सहारा-बिरला डायरी जिसमे नरेंद्र मोदी का भी नाम है की चर्चा की. उन्होंने सरकार पर विजय मल्लया को भी बचाने का आरोप लगाया. राहुल गाँधी के आरोप

पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री के निजी भ्रष्टाचार की जानकारी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने गुजरात का सीएम रहने के दौरान सहारा कंपनी से 6 महीने में 9 बार पैसे लिए थे. उन्होंने बाकायदा रैली के मंच से चिट लहराते हुए ये आरोप लगाया था.

किरण रिजिजू पर आरोप

पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु पर पूर्वोत्तर में बांध निर्माण मे हुए भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगा है. नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन के एक ठेके में रिजिजु के एक भाई गोबोई रिजिजु पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा. ख़बरों के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने इस ठेके का बिल पास करवाने के लिए कॉरपोरेशन के मुख्य सतर्कता अधिकारी पर दबाव डाला. सतर्कता अधिकारी की रिपोर्ट की माने तो घोटाले की रकम 450 करोड़ रुपए के आसपास हो सकती है. पंकजा मुंडे पर आरोप

जून 2015 में कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार में महिला व बाल विकास कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे पर 206 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंत्री पर सरकारी स्कूलों के लिए किताब, चिक्की व वाटर फिल्टर की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने 206 करोड़ रुपए का घोटाला किया है.

शांता कुमार का आरोप

2015 में भाजपा का वरिष्ट सांसद शांता कुमार ने पार्टी अध्यक्ष अमितशाह को खुला पत्र लिख कर मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले व राजस्थान में ललित मोदी को लेकर उठे सवालों पर चिंता जताते हुए अपनी निराशा व्यक्त की.  उन्होंने लिखा की व्यापम घोटाले ने हम सब का सिर शर्म से नीचा कर दिया.

खड़से पर आरोप

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से पर  भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और भाजपा को उनको  मंत्रीपद से हटाना पड़ा.

कीर्ति आज़ाद का आरोप

भाजपा के सांसद कीर्ति आज़ाद ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर अरुण जेटली पर लगातार हमला किया. पर पार्टी ने आरोपों की जाँच के बदले कीर्ति आज़ाद को ही पार्टी ने सस्पेंड कर दिया.

आरोपों की लिस्ट काफी लम्बी है. अगर इन आरोपों के बावजूद नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह कहते हैं की उनपर उनके विरोधियों ने भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगाया तो यह गलत है. सत्य यह है की उनके पार्टी के सांसदों ने भी  भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. या तो प्रधानमंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष इन आरोपों को सुन नहीं पाए या तो नजरअंदाज कर बैठे. उनके इस व्यवहार पर कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भाजपा का कैंपेन जो होता है वो है - झूठ बोलो, बार-बार बोलो और जोर से बोलो, लेकिन अंग्रेजी में कहावत भी है, You can fool some of the people for some time, you can not fool all the people all the time. यानी की आप कुछ लोगों को कुछ समय के लिए बेवकूफ बना सकते हैं. पर आप हर समय हर किसी को बेवक़ूफ़ नहीं बना सकते हैं.

कौन किसको बेवकूफ बना रहा है इसका जबाब तो जनता ही देगी पर भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगातार लगता रहा है. और यह भी सही है की इन आरोपों के सत्यता जानने का गंभीर प्रयास भी नहीं हुआ है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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