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डॉलर-पाउंड से 1000 गुना आगे निकली ये करंसी

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 09 मई, 2017 10:39 PM
  • 09 मई, 2017 10:39 PM
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इस डिजीटल करंसी का नाम है जेड कैश (Zcash). ये भी वर्चुअल करंसी है जो कुछ ही महीनों में लोगों की पहली पसंद बन गई.

न डॉलर, न यूरो, और न ही पाउंड. सबसे महंगी करंसी में अब इनका नाम नहीं, बिटक्वाॅइन का नाम लिया जाता है. इसके एक सिक्के की कीमत करीब 1 लाख है. इस डिजिटल करंसी को कॉम्पिटीशन देने के लिए एक नई करंसी मार्केट में आ गई है. जी हां, इस डिजीटल करंसी का नाम है जेड कैश (Zcash). ये भी वर्चुअल करंसी है जो छह महीने के भीतर लोगों की पहली पसंद बन गई.

65 हजार रुपए का एक सिक्का

इस सिक्के को अक्टूबर में लॉन्च किया गया था. चंद महीनों में इस सिक्के ने मार्केट में अपनी छाप छोड़ दी. 2009 में लॉन्च किए गए बिटक्वाइन की फिलहाल कीमत 1 लाख से ज्यादा है. वहीं कुछ ही महीनों में जेड कैश की कीमत 65 हजार रुपए पर पहुंच गई है.

कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं

जैसे बिटक्वाइन के लिए दुनिया भर के अरबपतियों में खरीदने के लिए होड़ लगी रहती है. वैसे ही जेड क्वाइन का इस्तेमाल कई देश कर रहे हैं और लगातार इसके यूजर बढ़ते जा रहे हैं. इस कैश का इस्तेमाल रशिया, चीन, वेनेजुएला, साउथ अफ्रीका कर रहे हैं. हाल ही में ब्राजील में इसकी शुरुआत हुई है. ब्राजील के लोग जेड कैश का इस्तेमाल टैक्स और बिजली का बिल भरने के लिए कर रहे हैं. जेड कैश दावा करता है कि इसके इस्तेमाल करने वालों की गोपनीयता सुरक्षित रहती है.

अनदेखा लेनदेन

जॉन्स हॉपकिंस के रिसर्चर्स और अमेरिका की मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तेल अवीव यूनिवर्सिटी, टेक्नियन-इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने जेड कैश को बनाया है. जेड कैश से अगर कोई अनदेखा लेनदेन कर रहा है तो उसका आसानी से पता लगाया जा सकता है.

नहीं हो सकती हैकिंग

इस डिजिटल करंसी को हैक करना मुश्किल ही नहीं नामुंकिन है. इस कैश को लॉन्च करने वाले नाथन विलकॉक्स ने अमेरिका और कैनाडा...

न डॉलर, न यूरो, और न ही पाउंड. सबसे महंगी करंसी में अब इनका नाम नहीं, बिटक्वाॅइन का नाम लिया जाता है. इसके एक सिक्के की कीमत करीब 1 लाख है. इस डिजिटल करंसी को कॉम्पिटीशन देने के लिए एक नई करंसी मार्केट में आ गई है. जी हां, इस डिजीटल करंसी का नाम है जेड कैश (Zcash). ये भी वर्चुअल करंसी है जो छह महीने के भीतर लोगों की पहली पसंद बन गई.

65 हजार रुपए का एक सिक्का

इस सिक्के को अक्टूबर में लॉन्च किया गया था. चंद महीनों में इस सिक्के ने मार्केट में अपनी छाप छोड़ दी. 2009 में लॉन्च किए गए बिटक्वाइन की फिलहाल कीमत 1 लाख से ज्यादा है. वहीं कुछ ही महीनों में जेड कैश की कीमत 65 हजार रुपए पर पहुंच गई है.

कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं

जैसे बिटक्वाइन के लिए दुनिया भर के अरबपतियों में खरीदने के लिए होड़ लगी रहती है. वैसे ही जेड क्वाइन का इस्तेमाल कई देश कर रहे हैं और लगातार इसके यूजर बढ़ते जा रहे हैं. इस कैश का इस्तेमाल रशिया, चीन, वेनेजुएला, साउथ अफ्रीका कर रहे हैं. हाल ही में ब्राजील में इसकी शुरुआत हुई है. ब्राजील के लोग जेड कैश का इस्तेमाल टैक्स और बिजली का बिल भरने के लिए कर रहे हैं. जेड कैश दावा करता है कि इसके इस्तेमाल करने वालों की गोपनीयता सुरक्षित रहती है.

अनदेखा लेनदेन

जॉन्स हॉपकिंस के रिसर्चर्स और अमेरिका की मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तेल अवीव यूनिवर्सिटी, टेक्नियन-इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने जेड कैश को बनाया है. जेड कैश से अगर कोई अनदेखा लेनदेन कर रहा है तो उसका आसानी से पता लगाया जा सकता है.

नहीं हो सकती हैकिंग

इस डिजिटल करंसी को हैक करना मुश्किल ही नहीं नामुंकिन है. इस कैश को लॉन्च करने वाले नाथन विलकॉक्स ने अमेरिका और कैनाडा को प्रेजेंटेशन दिखाया. जिसके बाद दोनों की देशों ने इसकी सराहना की थी. इस कैश को इतने सुरक्षित तरह से बनाया है कि कोई इसको हैक नहीं कर सकता. इस कैश में जीरोक्वाइन इलेक्ट्रिक अलर्ट लगाया गया है जिससे पता चल सकता है कि कौन इसे हैक करने की कोशिश कर रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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