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जानिए, पुराने हजार और 500 के नोटों का क्या हुआ

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 25 अप्रिल, 2017 03:39 PM
  • 25 अप्रिल, 2017 03:39 PM
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अब आप भी नोटों के तकिये और गद्दों पर सो सकते हैं. छात्रों ने अपनी क्रिएटिविटी से 500 और 1000 के नोटों के कबाड़ से घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें बना दी हैं.

फिल्मों में अकसर देखा जाता है कि अचानक लॉटरी खुलने के बाद या फिर दो नंबर का पैसा आने के बाद विलेन नोटों का गद्दा बनाकर सोता है... ये दिखने में भी रॉयल लगता है क्योंकि ये कोई अमीर आदमी ही कर सकता है और बाकी लोगों के लिए एक सपना बनकर रह जाता है. लेकिन अब आप भी नोटों के तरिये और गद्दों पर सो सकते हैं.

जी हां, अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) के छात्रों ने अपनी क्रिएटिविटी से 500 और 1000 रु. के नोटों के कबाड़ से घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें बनाई हैं. जो लोगों को काफी लुभा सकती हैं.

RBI की टेंशन हुई खत्म

5 महीने पहले पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. जिसके बाद बैंकों में 500 और 1000 के नोट जमा हुए और वहां से सीधे RBI पहुंचे. बता दें, करीब 14 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों के जरिए रिजर्व बैंक के पास पहुंचे थे. सबके मन में यही सवाल था कि इन पुराने नोटों का आखिर होगा क्या ? किस चीज में इसका इस्तेमाल होगा.

RBI ने अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) से पुराने नोटों के इस्तेमाल के लिए मदद मांगी. बता दें, NID के स्टूडेंट्स क्रिएटिविटी के लिए जाने जाते हैं. इन स्टूडेंट्स के पास 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट आए हैं. जो काफी बारीक टुकड़ों में है.

इन स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था कि कैसे इन नोटों का इस्तेमाल किया जाए. काफी सोच विचार के बाद इन्होंने घर का सामान बनाने का सोचा... फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न लोगों का सपना पूरा किया जाए... वो भी नोटों के गद्दों पर सोने का.

किसी ने बनाया तकिया तो किसी ने टैबल...

फिल्मों में अकसर देखा जाता है कि अचानक लॉटरी खुलने के बाद या फिर दो नंबर का पैसा आने के बाद विलेन नोटों का गद्दा बनाकर सोता है... ये दिखने में भी रॉयल लगता है क्योंकि ये कोई अमीर आदमी ही कर सकता है और बाकी लोगों के लिए एक सपना बनकर रह जाता है. लेकिन अब आप भी नोटों के तरिये और गद्दों पर सो सकते हैं.

जी हां, अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) के छात्रों ने अपनी क्रिएटिविटी से 500 और 1000 रु. के नोटों के कबाड़ से घर में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें बनाई हैं. जो लोगों को काफी लुभा सकती हैं.

RBI की टेंशन हुई खत्म

5 महीने पहले पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. जिसके बाद बैंकों में 500 और 1000 के नोट जमा हुए और वहां से सीधे RBI पहुंचे. बता दें, करीब 14 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों के जरिए रिजर्व बैंक के पास पहुंचे थे. सबके मन में यही सवाल था कि इन पुराने नोटों का आखिर होगा क्या ? किस चीज में इसका इस्तेमाल होगा.

RBI ने अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) से पुराने नोटों के इस्तेमाल के लिए मदद मांगी. बता दें, NID के स्टूडेंट्स क्रिएटिविटी के लिए जाने जाते हैं. इन स्टूडेंट्स के पास 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट आए हैं. जो काफी बारीक टुकड़ों में है.

इन स्टूडेंट्स के लिए सबसे बड़ा चैलेंज था कि कैसे इन नोटों का इस्तेमाल किया जाए. काफी सोच विचार के बाद इन्होंने घर का सामान बनाने का सोचा... फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न लोगों का सपना पूरा किया जाए... वो भी नोटों के गद्दों पर सोने का.

किसी ने बनाया तकिया तो किसी ने टैबल लैंप

छात्र अब इन बारीक टुकड़ों से घर का सामान बना रहे हैं जो लंबे वक्त तक चल सके. किसी ने पुराने नोटों से नाइट लैंप बनाया. किसी ने तकिया तो किसी ने घड़ी और पेपर वेट बना दिया. हर छात्र अपने विचार और प्लानिग के हिसाब से अलग-अलग चीज बना रहा है. कुल मिलाकर ये छात्र 'वेस्ट को बेस्ट' बनाने में लगे हैं.

न पानी में गलता है और न रंग छूटता है

पुराने नोटों की खासियत है कि न ये पानी में आसानी से गलता है और न ही इसका रंग छूटता है. यानी इससे कई ऐसी चीजें बनाई जा सकती हैं जो लंबे समय तक चल सकें. इसके लिए अब NID एक कॉम्पिटीशन भी रखेगा जिससे इंडिया के सबसे क्रिएटिव छात्र को ढूंढ पाएं और साथ में इस स्क्रैब को भी सही जहा ठिकाने लगा पाएं.

केरल बना रहा है पुराने नोटों से हार्डबोर्ड

हार्डबोर्ड बनाने वाली कंपनी द वेस्‍टर्न इंडिया प्‍लाईवुड लिमिटेड RBI से पुराने नोट लेती है और उससे हार्डबोर्ड बनाती है. बता दें, नोटबंदी के बाद RBI पुराने नोटों को जला रही थी. जिसके बाद कंपनी ने आरबीआई से 80 टन पुराने नोट खरीदे और उससे हार्डबोर्ड बनाना शुरू किया.

फैक्‍ट्री में इन नोटों के बारीक-बारीक कतरनें की जाती है और इसे लुगदी में बदल दिया जाता है. इसके बाद 95 फीसदी लकड़ी के लुगदी के साथ पांच फीसदी नोटों की लुगदी को मिलाकर हार्डबोर्ड बनाए जाते हैं. कंपनी एक टन पुराने नोटों के बदले आरबीआई को 250 रुपये देती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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