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6 सेकंड में हैक हो सकता है क्रेडिट कार्ड, 1 मिनट में पढ़ें बचने के उपाय

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 14 अक्टूबर, 2018 12:02 PM
  • 04 दिसम्बर, 2016 11:37 AM
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आपका क्रेडिट या डेबिट कार्ड सिर्फ 6 सेकंड में हैक किया जा सकता है. ऐसे में क्या किया जाए जिससे थोड़ा सुरक्षित महसूस हो. चलिए देखते हैं बचने के कुछ उपाय...

भारत कैशलेस हो रहा है और दुनिया हाईटेक. जी हां, दुनिया इतनी हाईटेक हो गई है कि कैशलेस ट्रांजैक्शन पूरा होने में भले ही 1 मिनट लग जाता हो, लेकिन क्रेडिट कार्ड हैक करने में सिर्फ 6 सेकंड का समय लगेगा. सुनने में अजीब लगे, लेकिन ये सच है.

क्या है मामला?

ब्रिटेन की न्यूकासल यूनिवर्सिटी में की गई एक रिसर्च के अनुसार वीजा पेमेंट सिस्टम में कई लूपहोल हैं जिनके चलते किसी भी हैकर को 6 सेकंड से कम लगेंगे आपके कार्ड की पूरी डिटेल्स निकालने के लिए.

ये भी पढ़ें- आपके पैसे की सुरक्षा से जुड़े कुछ नियम जो बैंक वाले नहीं बताते

पीएचडी स्कॉलर मोहम्मद अली के अनुसार पूरे सिस्टम में दो लूप होल हैं. ये इतने बड़े नहीं, लेकिन अगर कोई साथ इस्तेमाल करे तो खतरनाक हो सकते हैं.

 सांकेतिक फोटो

सबसे पहला कारण ये है कि हर वेबसाइट में जहां भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए कार्ड की डिटेल्स डाली जाती है वहां कार्ड के लिए अलग-अलग डेटा फील्ड में कई अटेम्प्ट किए जा सकते हैं. मतलब अगर एक बार कोई फील्ड गलत हो गई तो उसे 10 बार बदला जा सकता है. दूसरा ये कि अलग-अलग वेबसाइट्स अलग तरीके का कार्ड वेरीफिकेशन रखती हैं. अगर कोई हैकर कार्ड डिटेल्स मॉनिटर कर रहा है तो आराम से सारे कॉम्बिनेशन सही रख सकता है.

भारत में भी कुछ समय पहले क्रेडिट और डेबिट कार्ड डिटेल्स लीक हुई थी. आए दिन नेट बैंकिंग फ्रॉड के बारे में सुनना और क्रेडिट कार्ड के गलत...

भारत कैशलेस हो रहा है और दुनिया हाईटेक. जी हां, दुनिया इतनी हाईटेक हो गई है कि कैशलेस ट्रांजैक्शन पूरा होने में भले ही 1 मिनट लग जाता हो, लेकिन क्रेडिट कार्ड हैक करने में सिर्फ 6 सेकंड का समय लगेगा. सुनने में अजीब लगे, लेकिन ये सच है.

क्या है मामला?

ब्रिटेन की न्यूकासल यूनिवर्सिटी में की गई एक रिसर्च के अनुसार वीजा पेमेंट सिस्टम में कई लूपहोल हैं जिनके चलते किसी भी हैकर को 6 सेकंड से कम लगेंगे आपके कार्ड की पूरी डिटेल्स निकालने के लिए.

ये भी पढ़ें- आपके पैसे की सुरक्षा से जुड़े कुछ नियम जो बैंक वाले नहीं बताते

पीएचडी स्कॉलर मोहम्मद अली के अनुसार पूरे सिस्टम में दो लूप होल हैं. ये इतने बड़े नहीं, लेकिन अगर कोई साथ इस्तेमाल करे तो खतरनाक हो सकते हैं.

 सांकेतिक फोटो

सबसे पहला कारण ये है कि हर वेबसाइट में जहां भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए कार्ड की डिटेल्स डाली जाती है वहां कार्ड के लिए अलग-अलग डेटा फील्ड में कई अटेम्प्ट किए जा सकते हैं. मतलब अगर एक बार कोई फील्ड गलत हो गई तो उसे 10 बार बदला जा सकता है. दूसरा ये कि अलग-अलग वेबसाइट्स अलग तरीके का कार्ड वेरीफिकेशन रखती हैं. अगर कोई हैकर कार्ड डिटेल्स मॉनिटर कर रहा है तो आराम से सारे कॉम्बिनेशन सही रख सकता है.

भारत में भी कुछ समय पहले क्रेडिट और डेबिट कार्ड डिटेल्स लीक हुई थी. आए दिन नेट बैंकिंग फ्रॉड के बारे में सुनना और क्रेडिट कार्ड के गलत ट्रांजेक्शन के बारे में पता चलना आम बात है. कुछ ऐसी भी बातें हैं जो ध्यान रखी जाएं तो कुछ हद तक आप फ्रॉड से बच सकते हैं.

हालांकि, एक ही ऐसा तरीका है जिससे पूरी तरह से हैकिंग से सुरक्षित रह सकें और वो है कि पैसे अपने गद्दे के नीचे या कहीं और छुपा कर रखें, लेकिन फिर इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि मोदी जी कब कोई और घोषणा कर दें और पैसे बर्बाद हो जाएं. इसलिए कैशलेस ही ठीक है. पर अगर कैशलेस होना है तो थोड़ी सावधानी तो रखनी ही पड़ेगी.

कार्ड से कर रहे हैं पेमेंट तो...

- कार्ड स्लॉट का ध्यान रखें:

कार्ड स्लॉट को हमेशा देखें. कई बार कोई छोटी सी चिप या अलग से डिवाइस इंस्टॉल करके कार्ड डिटेल्स चुराई जाती हैं. अगर कोई भी शक हो तो कार्ड स्वाइप ना करें.

- क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें:

क्रेडिट कार्ड आपको मैग्नेटिक स्ट्रिप से बचाएगा तो नहीं, लेकिन अगर आपके साथ कोई फ्रॉड हो जाता है तो क्रेडिट कार्ड आम तौर पर ज्यादा रिकवरी दे सकता है. डेबिट कार्ड फ्रॉड में रिकवरी कई बार नहीं हो पाती है. कारण ये है कि क्रेडिट कार्ड कंपनियां डेबिट कार्ड की अपेक्षा ज्यादा प्रोटेक्शन देती हैं और दूसरा ये कि डेबिट कार्ड फ्रॉड को रिपोर्ट करने के लिए आपके पास काफी कम समय होता है. मुश्किल से दो या तीन दिन. क्रेडिट कार्ड फ्रॉड में कम से कम 7 दिन का कवर होता है.

 सांकेतिक फोटो

- ऑटोमैटिक ट्रांजेक्शन की जगह पेमेंट ऑप्शन सिलेक्ट करें:

अगर कहीं रेगुलर पेमेंट नहीं है तो ऑटोमैटिक ट्रांसफर की जगह पेमेंट ऑप्शन ही चुनें. अगर आप कोई EMI भर रहे हैं तब ही ऑटोमैटिक पेमेंट ऑप्शन चुनें.

- अकाउंट अलर्ट हमेशा ऑन रखें:

इस समय अगर आपने अकाउंट अलर्ट नहीं ऑन किया है या फिर नंबर बदल लिया है तो उसे फौरन लिंक करवा लें.

- अकाउंट पॉलिसी और कार्ड इंश्योरेंस का ध्यान रखें:

डेबिट कार्ड पर 2 लाख की इंश्योरेंस मिलती है ये बात सच है, लेकिन वो एक्सिडेंटल इंश्योरेंस होती है और आपके लिए वो ऐसे किसी भी मामले में आपके काम नहीं आएगी जिसमें ऐसा लगे कि फ्रॉड हुआ हो.

क्रेडिट कार्ड और बैंक से जुड़े बाकी नियमों को जानने के लिए देखें ये वीडियो जो अक्सर बैंक वाले नहीं बताते हैं-

 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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