• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

राजकुमार राव, नाम ही काफी है

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 23 सितम्बर, 2017 06:42 PM
  • 23 सितम्बर, 2017 06:42 PM
offline
आज राजकुमार राव अगर किसी फिल्म से जुड़ते हैं, तो लोग यह मानकर फिल्म देखने जाते हैं कि भले ही फिल्म अच्छी हो या न हो, मगर राव तो दमदार होंगे ही.

साधारण कद-काठी. सामान्य से नैन-नक्श. मगर असाधारण अभिनय प्रतिभा और मन में कुछ नया करने की चाह. राजकुमार यादव अब के राजकुमार राव ने जब इन सपनों के साथ मुंबई की राह पकड़ी होगी, तो शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि मायानगरी उन्हें कुछ ही वर्षों में विश्व पटल पर एक मंझे हुए अभिनेता के रूप में स्थापित कर देगी.

राजकुमार राव अभिनीत फिल्म 'न्यूटन', भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर ऑस्कर अवार्ड्स के लिए नामित की गयी है. यही नहीं इस फिल्म को 67वें बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी विदेशी सेगमेंट में इंटरनेशनल फेडेरेशन ऑफ़ आर्ट सिनेमा के अवार्ड से भी नवाज़ा गया है. इसके अलावा 'न्यूटन' को हांगकांग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का ज्यूरी अवार्ड भी मिला है.

राव एक्टिंग के राजकुमार

हरियाणा में पले बढ़े और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न से एक्टिंग का कोर्स करने वाले राव ने साल 2010 में 'लव सेक्स और धोखा' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था. हालांकि इस फिल्म में राव मुख्य किरदार में नहीं थे, लेकिन फिर भी इस फिल्म के माध्यम से राव अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे. साल 2013 राजकुमार राव के करियर में काफी महत्वपूर्ण रहा. इस साल आयी दो फिल्मों 'काई पो चे' और 'शाहिद' में राव के काम की जमकर सराहना की गयी.

'काई पो चे' 2002 के गुजरात दंगों पर बनी फिल्म थी और इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत भी राव के साथ थे. हालांकि 'शाहिद' को उनके अब तक के करियर की बेहतरीन फिल्म कही जा सकती हैय. हंसल मेहता के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म वकील और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता, शाहिद आज़मी की जिंदगी पर आधारित थी. शाहिद आजमी की हत्या साल 2010 में कर दी गयी थी. राजकुमार राव को इस फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था.

इसके बाद 2014 में कंगना...

साधारण कद-काठी. सामान्य से नैन-नक्श. मगर असाधारण अभिनय प्रतिभा और मन में कुछ नया करने की चाह. राजकुमार यादव अब के राजकुमार राव ने जब इन सपनों के साथ मुंबई की राह पकड़ी होगी, तो शायद उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि मायानगरी उन्हें कुछ ही वर्षों में विश्व पटल पर एक मंझे हुए अभिनेता के रूप में स्थापित कर देगी.

राजकुमार राव अभिनीत फिल्म 'न्यूटन', भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर ऑस्कर अवार्ड्स के लिए नामित की गयी है. यही नहीं इस फिल्म को 67वें बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी विदेशी सेगमेंट में इंटरनेशनल फेडेरेशन ऑफ़ आर्ट सिनेमा के अवार्ड से भी नवाज़ा गया है. इसके अलावा 'न्यूटन' को हांगकांग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का ज्यूरी अवार्ड भी मिला है.

राव एक्टिंग के राजकुमार

हरियाणा में पले बढ़े और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न से एक्टिंग का कोर्स करने वाले राव ने साल 2010 में 'लव सेक्स और धोखा' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था. हालांकि इस फिल्म में राव मुख्य किरदार में नहीं थे, लेकिन फिर भी इस फिल्म के माध्यम से राव अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे. साल 2013 राजकुमार राव के करियर में काफी महत्वपूर्ण रहा. इस साल आयी दो फिल्मों 'काई पो चे' और 'शाहिद' में राव के काम की जमकर सराहना की गयी.

'काई पो चे' 2002 के गुजरात दंगों पर बनी फिल्म थी और इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत भी राव के साथ थे. हालांकि 'शाहिद' को उनके अब तक के करियर की बेहतरीन फिल्म कही जा सकती हैय. हंसल मेहता के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म वकील और मानवाधिकार कार्यकर्त्ता, शाहिद आज़मी की जिंदगी पर आधारित थी. शाहिद आजमी की हत्या साल 2010 में कर दी गयी थी. राजकुमार राव को इस फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था.

इसके बाद 2014 में कंगना के साथ आयी क्वीन में उनके करने लायक कुछ नहीं था. मगर उसी साल आयी 'सिटी लाइट' में फिर उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवा दिया. इस फिल्म में राव राजस्थान से मुंबई आये व्यक्ति की भूमिका में दिखे थे. जो अपनी जिंदगी जीने के लिए मुंबई में जद्दोजेहद कर रहा है. राजकुमार राव इसके बाद हर फिल्म में अपने अभिनय से लोगों को मंत्र मुग्ध करते रहे. फिल्म चाहे हिट हो या फ्लॉप मगर राजकुमार अपने हर फिल्म में सुपरहिट रहे हैं.

राव के लिए एक्टिंग मायने रखता है

आज राजकुमार राव अगर किसी फिल्म से जुड़ते हैं, तो लोग यह मानकर फिल्म देखने जाते हैं कि भले ही फिल्म अच्छी हो या न हो, मगर राव तो दमदार होंगे ही. राजकुमार राव की सबसे बड़ी ताक़त है कि वो फिल्म में मुख्य किरदार ही हो इसे शायद ज्यादा तवज्जो नहीं देते. तभी तो राव ने 'राब्ता' में 300 साल के बूढ़े का रोल करने से भी गुरेज नहीं किया. हालांकि यह राव के अभिनय का ही कमाल है कि मुख्य किरदार में न होते हुए भी वो फिल्म को अपना बना लेते हैं.

पिछले महीने रिलीज़ हुई फिल्म 'बरेली की बर्फी' में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. इस फिल्म में आयुष्मान खुराना मुख्य किरदार में थे. फिल्म में राव की एंट्री इंटरवल के कुछ ही पहले हुई थी. लेकिन थियेटर से बाहर निकल रहे दर्शकों की जुबान पर राव द्वारा निभाए गए किरदार 'विद्रोही जी' की ही चर्चा ज्यादा थी.

आज राजकुमार राव की गिनती इरफ़ान खान, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकारों से की जाती है. ये अपने आप में किसी कॉम्प्लिमेंट से कम नहीं है. वर्तमान दौर में राजकुमार राव अपनी पीढ़ी के कलाकारों से मीलों आगे दिखते हैं. शायद यही वजह है कि सदी के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन ने भी पत्र लिखकर उनके तारीफों के कसीदे गढ़े हैं.

सामान्य तौर पर एक 'हीरो' के ढांचे के गढ़े गए मापदंड से इतर, उनका साधारण रंग-रूप भी हर आम भारतीय को उनमें अपनी छवि ढूंढ़ने में मदद करता है. अब जबकि राजकुमार राव कि फिल्म को ऑस्कर अवार्ड्स के लिए नामित किया गया है, तो सभी भारतीयों की यही उम्मीद होगी कि राव की फिल्म ऑस्कर अवार्ड्स में भारत के सूखे को भी ख़त्म कर दे.

ये भी पढ़ें-

'न्यूटन' है एक ज़रूरी फिल्म !

ढिंकचैक पूजा इज बैक- कह रही है बापू दे दे थोड़ा कैश!

बहुत मीठी है बरेली की बर्फी


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲