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सेक्स पर बात नहीं करने की सलाह देने वालों को ये मिला जवाब

    • आईचौक
    • Updated: 09 जुलाई, 2017 05:56 PM
  • 09 जुलाई, 2017 05:56 PM
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फिल्म की अभिनेत्रियों ने एक अभियान शुरू कर दिया है, जिसे वो #LipstickRebellion कह रही हैं. इसमें वो महिलाओं से एक लिपस्टिक के साथ अपना मिडिल फिंगर दिखाने के लिए कह रही हैं.

अब तक शायद आप सभी ने 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' के बारे में सुना ही लिया होगा. आखिर इस फिल्म ने न केवल कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार जीते हैं, बल्कि सेंसर बोर्ड ऑफ इंडिया के लिए भी काफी विवाद पैदा किया है. और खास बात ये है कि महिलाएं इसके बाद भी नहीं रूकी. फिल्म की हिरोइनें कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, अहाना कुमार और प्ल्बीता बोरठाकुर समाज के हर उस इंसान को अपना मिडिल फिंगर दिखा रही हैं जो लगातार सेक्स के बारे में महिलाओं को बात न करने की सलाह देते हैं. और सभ्यता और संस्कृति का पाठ पढ़ाते हैं.

यह सब तब शुरू हुआ जब फिल्म निर्माता ने फिल्म के ऑफिशियल पोस्टर को रिलीज़ किया. इस पोस्टर में मिडिल फिंगर ही दिखाया गया था. एक बार फिर से जरा उस पोस्टर को देख लें.

इसका जब अगला ट्रेलर आया तो तहलका ही मच गया. इस ट्रेलर को अलंकृता श्रीवास्तव ने डायरेक्ट किया था और साल की शुरूआत में रिलीज किया गया था. लेकिन जब बहुत जद्दोजहद के बाद सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) ने फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट के साथ पास किया तो फिल्म निर्माताओं ने एक और ट्रेलर को जारी किया जो सेंसर बोर्ड के मुंह पर जोरदार तमाचा था.

नजर तेरी बुरी पर्दा मैं क्यों करूं

सीबीएफसी नहीं चाहती कि हमारी फिल्मों में सेंसिबल तरीके से भी सेक्स के बारे में बात हो. लेकिन इस फिल्म के ट्रेलर ने किसी बात की कोई परवाह नहीं की. ऐसा लगता है जैसे फिल्म निर्माता और अभिनेता सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलज निहलानी को सीधा मैसेज देना चाह रहे थे. जिसके लिए उन्हें दोष भी नहीं दिया जा सकता!

लेकिन अब फिल्म की अभिनेत्रियों ने एक अभियान शुरू कर दिया है, जिसे वो #LipstickRebellion कह रही हैं. इसके तहत वो महिलाओं से एक लिपस्टिक के साथ अपना मिडिल फिंगर दिखाने के लिए...

अब तक शायद आप सभी ने 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' के बारे में सुना ही लिया होगा. आखिर इस फिल्म ने न केवल कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कार जीते हैं, बल्कि सेंसर बोर्ड ऑफ इंडिया के लिए भी काफी विवाद पैदा किया है. और खास बात ये है कि महिलाएं इसके बाद भी नहीं रूकी. फिल्म की हिरोइनें कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, अहाना कुमार और प्ल्बीता बोरठाकुर समाज के हर उस इंसान को अपना मिडिल फिंगर दिखा रही हैं जो लगातार सेक्स के बारे में महिलाओं को बात न करने की सलाह देते हैं. और सभ्यता और संस्कृति का पाठ पढ़ाते हैं.

यह सब तब शुरू हुआ जब फिल्म निर्माता ने फिल्म के ऑफिशियल पोस्टर को रिलीज़ किया. इस पोस्टर में मिडिल फिंगर ही दिखाया गया था. एक बार फिर से जरा उस पोस्टर को देख लें.

इसका जब अगला ट्रेलर आया तो तहलका ही मच गया. इस ट्रेलर को अलंकृता श्रीवास्तव ने डायरेक्ट किया था और साल की शुरूआत में रिलीज किया गया था. लेकिन जब बहुत जद्दोजहद के बाद सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) ने फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट के साथ पास किया तो फिल्म निर्माताओं ने एक और ट्रेलर को जारी किया जो सेंसर बोर्ड के मुंह पर जोरदार तमाचा था.

नजर तेरी बुरी पर्दा मैं क्यों करूं

सीबीएफसी नहीं चाहती कि हमारी फिल्मों में सेंसिबल तरीके से भी सेक्स के बारे में बात हो. लेकिन इस फिल्म के ट्रेलर ने किसी बात की कोई परवाह नहीं की. ऐसा लगता है जैसे फिल्म निर्माता और अभिनेता सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलज निहलानी को सीधा मैसेज देना चाह रहे थे. जिसके लिए उन्हें दोष भी नहीं दिया जा सकता!

लेकिन अब फिल्म की अभिनेत्रियों ने एक अभियान शुरू कर दिया है, जिसे वो #LipstickRebellion कह रही हैं. इसके तहत वो महिलाओं से एक लिपस्टिक के साथ अपना मिडिल फिंगर दिखाने के लिए कह रही हैं. फिल्मकार जोया अख्तर और एकता कपूर ने भी अपने सेल्फी पोस्ट किए हैं.

और इतना ही नहीं, राधिका वाज़ के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में महिलाओं ने खुलकर बताया कि उनके मन में क्या था- सेक्स.

देखें वीडियो

एक ऐसे समाज में जहां महिलाओं को हमेशा ये बताया जाता है कि उन्हें कैसे रहना चाहिए जिससे कि 'उनकी इज्जत बची रहे', इसमें ये खुद को ढंक के रहना और सेक्स के बारे में बात भी नहीं करना शामिल है, वहां ये एक बड़ी फिल्म है. और हम ये झूठ नहीं बोलेंगे कि इस फिल्म का हमें बहुत बेसब्री से इंतजार है.

ये भी पढ़ें-

एक ट्रेलर जो सिर्फ सेंसर बोर्ड को चिढ़ाने के लिए बनाया गया है

सेंसरबोर्ड और फिल्म के पंगे की कहानी पोस्टर ने ही बता दी..

एक खूबसूरत लिपस्टिक पर सेंसर का फिजूल बुर्का

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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