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क्रिकेट वर्ल्ड कप में भी बॉयकॉट पाकिस्तान!

    • धर्मेन्द्र कुमार
    • Updated: 20 फरवरी, 2019 08:11 PM
  • 20 फरवरी, 2019 08:11 PM
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पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद पूरा देश न सिर्फ पाकिस्तान से बदले की बात कर रहा है बल्कि अब क्रिकेट से जुड़ी तमाम हस्तियां अब विश्व कप में भी पाकिस्तान का बायकॉट करने की बात कह रही हैं.

पाकिस्तान के साथ भारत द्विपक्षीय सीरीज इसलिए नहीं खेलता क्योंकि पड़ोसी देश अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. तो फिर वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान के साथ क्यों खेलें क्रिकेट? ये एक ऐसा सवाल है जो आज हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी उठा रहा है.

'पुलवामा हमले से पूरे देश में गुस्सा, खत्म करो अब क्रिकेट का भी किस्सा'

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद क्या हुए पूरे भारत में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे. एक तरफ सुरक्षा बल पाकिस्तान को सबक सिखाने की अपनी मुहिम में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ पूरा देश ना सिर्फ पाकिस्तान से बदले की बात कर रहा है बल्कि पाकिस्तान से हर रिश्ते तोड़ने के लिए आवाजें बुलंद हो रही हैं. ऐसे में क्रिकेट भला कैसे पीछे रहता क्रिकेट से जुड़ी तमाम हस्तियां अब विश्व कप में भी पाकिस्तान का बायकॉट करने की बात कह रही हैं.

 विश्व कप में भी पाकिस्तान का बायकॉट करने की बात हो रही है

सबसे पहले आवाज बुलंद की हरभजन सिंह ने जो अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं. आजतक पर हरभजन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जो परिस्थिति पैदा हुई है उसमें वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान के साथ नहीं खेलकर कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मो. अज़हरुद्दीन भी जोर देकर कहते हैं- 'पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज ही क्यों वर्ल्ड कप में भी नहीं खेलना चाहिए'.

हालांकि पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने आजतक पर ये कहा कि वर्ल्ड कप में नहीं खेलने का फैसला अभी जल्दबाजी होगी. आकाश कहते हैं- 'वर्ल्ड कप में भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला अभी साढ़े तीन महीने दूर है ऐसे में अभी ऐसा करना सही नहीं होगा'. आकाश को ऐसा लगता है कि वर्ल्ड कप तक शायद हालात बेहतर हो जाएं. लेकिन आकाश की बातों के साथ...

पाकिस्तान के साथ भारत द्विपक्षीय सीरीज इसलिए नहीं खेलता क्योंकि पड़ोसी देश अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. तो फिर वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान के साथ क्यों खेलें क्रिकेट? ये एक ऐसा सवाल है जो आज हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी उठा रहा है.

'पुलवामा हमले से पूरे देश में गुस्सा, खत्म करो अब क्रिकेट का भी किस्सा'

पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद क्या हुए पूरे भारत में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे. एक तरफ सुरक्षा बल पाकिस्तान को सबक सिखाने की अपनी मुहिम में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ पूरा देश ना सिर्फ पाकिस्तान से बदले की बात कर रहा है बल्कि पाकिस्तान से हर रिश्ते तोड़ने के लिए आवाजें बुलंद हो रही हैं. ऐसे में क्रिकेट भला कैसे पीछे रहता क्रिकेट से जुड़ी तमाम हस्तियां अब विश्व कप में भी पाकिस्तान का बायकॉट करने की बात कह रही हैं.

 विश्व कप में भी पाकिस्तान का बायकॉट करने की बात हो रही है

सबसे पहले आवाज बुलंद की हरभजन सिंह ने जो अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं. आजतक पर हरभजन ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद जो परिस्थिति पैदा हुई है उसमें वर्ल्ड कप में भी पाकिस्तान के साथ नहीं खेलकर कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मो. अज़हरुद्दीन भी जोर देकर कहते हैं- 'पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज ही क्यों वर्ल्ड कप में भी नहीं खेलना चाहिए'.

हालांकि पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने आजतक पर ये कहा कि वर्ल्ड कप में नहीं खेलने का फैसला अभी जल्दबाजी होगी. आकाश कहते हैं- 'वर्ल्ड कप में भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला अभी साढ़े तीन महीने दूर है ऐसे में अभी ऐसा करना सही नहीं होगा'. आकाश को ऐसा लगता है कि वर्ल्ड कप तक शायद हालात बेहतर हो जाएं. लेकिन आकाश की बातों के साथ सहमति रखने वाले बहुत कम हैं. क्योंकि लोग ये कह रहे हैं कि क्रिकेट या वर्ल्ड कप देश से बड़ा नहीं है.

वर्ल्ड कप में कब है भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला?

इस बार वर्ल्ड कप इंग्लैंड में खेला जाएगा और लीग दौर में भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून को मैनचेस्टर में मुकाबला होना है.

वर्ल्ड कप में नहीं खेलने से क्या होगा?

क्रिकेट वर्ल्ड कप आईसीसी के नियमों पर चलता है. ऐसे में किसी देश का बायकॉट करने के दो रास्ते हैं. पहला ये कि कोई भी देश आईसीसी को ये बताए कि जिस देश के साथ नहीं खेलना है उसके साथ उसके कूटनीतिक रिश्ते टूट गए हैं या फिर उनके खिलाड़ियों की सुरक्षा पर खतरा है. मौजूदा हालात में फिलहाल ये दोनों बातें लागू नहीं होती. तो ऐसे में अगर भारत एकतरफा फैसला लेगा तो क्या होगा? ऐसे हालात में आईसीसी दूसरी टीम को 2 अंक दे सकता है और साथ ही पेनाल्टी भी लगा सकता है. वैसे आईसीसी पूरे मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और उसे दोनों देशों मे से किसी ने भी संपर्क नहीं किया है.

देश से बड़ा वर्ल्ड कप कैसे हो सकता है?

आईसीसी के नियम कायदे अपनी जगह पर हैं लेकिन जो माहौल देश में है है उसमें कुछ खोने पाने से ज्यादा जरूरत उन भावनाओं को समझने की है जहां देश से बड़ा कुछ नहीं. देश के लिए जान देने वालों के लिए अगर वर्ल्ड कप खो भी दिया तो क्या हुआ?

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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